डॉक्टर ऑफ मेडिसन, जिसे आमतौर पर एमडी के रूप में जाना जाता है, पोस्टग्रैजुएट लेवल की डिग्री है जहां ग्रैजुएट करने वाले छात्र विस्तार से मेडिकल का अध्ययन करते हैं। एमडी दो साल की अवधि का कोर्स है जिसमें एडमिशन लेने के लिए आपके पास एमबीबीएस की डिग्री होना जरूरी है। आमतौर पर एमडी कोर्स में एडमिशन लेने के लिए नीट पीजी का एंट्रेस एग्जाम देना होता है जिसके बाद छात्रों को उनकी रैंक अनुसार कॉलेज दिए जाते हैं। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के अनुसार, भारत में कुल 220 मेडिकल कॉलेज (सरकारी और प्राइवेट दोनों) हैं जो एमडी कोर्स के लिए लगभग 17950 सीटों प्रदान करते हैं।
एमडी (डॉक्टर ऑफ मेडिसन) एलिजिबिलिटी
डॉक्टर ऑफ मेडिसिन यानी एमडी एक पोस्टग्रेजुएट डिग्री है, जिसे एमबीबीएस पूरा करने के बाद किया जा सकता है। एमडी कोर्स में एडिमशन लेने के लिए ज्यादातर यूनिवर्सिटी में नीट पीजी का एंट्रेंस एग्जाम पास करना जरूरी है। जिसके लिए
• उम्मीदवारों के पास भारतीय चिकित्सा परिषद अधिनियम 1956 के तहत एमबीबीएस डिग्री या एमबीबीएस प्रोविशनल सर्टिफिकेट होना चाहिए।
• उम्मीदवारों के पास एमसीआई या राज्य चिकित्सा परिषद द्वारा जारी एमबीबीएस प्रोविशनल रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट होना चाहिए जिसमें की उनकी एमबीबीएस क्वालिफिकेशन दी गई हो।
• उम्मीदवारों के पास एक वर्ष का इंटर्नशिप सर्टिफिकेट होना आवश्यक है।
एम्स पीजी के लिए एमडी एलिजिबिलिटी
• एमडी पाठ्यक्रम में नामांकन के लिए मेडिकल स्नातकों के पास एमबीबीएस की डिग्री होनी चाहिए। डिग्री को मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई)/डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया (डीसीआई) द्वारा मान्यता प्राप्त होनी चाहिए।
• उम्मीदवारों को अपनी अनिवार्य 12 महीने की रोटेटरी इंटर्नशिप पूरी करनी होगी
• मेडिकल स्नातकों को अपनी सभी एमबीबीएस/बीडीएस व्यावसायिक परीक्षाओं में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति-पीडब्ल्यूबीडी श्रेणी से संबंधित होने पर कुल मिलाकर न्यूनतम 50% अंक, ओबीसी-पीडब्ल्यूबीडी श्रेणी के 55% अंक प्राप्त करने होंगे।
जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, पुडुचेरी के लिए एमडी एलिजिबिलिटी
• उम्मीदवार के पास एमसीआई या राज्य चिकित्सा परिषद (एसएमसी) से एमबीबीएस डिग्री होनी चाहिए।
• उम्मीदवारों ने 12 महीने की रोटेटरी इंटर्नशिप अवश्य पूरी की हो।
• सामान्य (यूआर)/प्रायोजित/विदेशी नागरिकों (एफएन)/अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी)/आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए न्यूनतम योग्यता अंक 55% है और अनुसूचित जाति (एससी)/अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए यह 50% है।
पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, चंडीगढ़ के लिए एमडी एलिजिबिलिटी
• उम्मीदवारों के पास भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआई) द्वारा मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय/संस्थान से वैध एमबीबीएस डिग्री होनी चाहिए।
• उम्मीदवारों के पास एक साल की रोटेटरी इंटर्नशिप का सर्टिफिकेट भी होना चाहिए।
एमडी (डॉक्टर ऑफ मेडिसिन) प्रवेश
अधिकांश कॉलेजों में एमडी में प्रवेश नीट पीजी स्कोर के साथ काउंसलिंग सत्र के आधार पर दिया जाता है। हालांकि, अन्य संस्थान/विश्वविद्यालय जैसे एम्स, जिपमर और पीजीआईएमईआर समूह चर्चा/व्यक्तिगत साक्षात्कार के साथ अपनी स्वयं की प्रवेश परीक्षा आयोजित करते हैं। हर संस्थान अलग-अलग पैटर्न में परीक्षा आयोजित करता है। एमडी के लिए प्रमुख प्रवेश परीक्षाओं के नाम का उल्लेख नीचे किया गया है।
टॉप एमडी (डॉक्टर ऑफ मेडिसिन) परीक्षा
नीचे सूचीबद्ध प्रमुख प्रवेश परीक्षाएं हैं जिनके आधार पर विभिन्न मेडिकल कॉलेजों के माध्यम से एमडी में प्रवेश दिया जाता है। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि इन सभी प्रवेश परीक्षाओं की प्रवेश प्रक्रिया अलग है।
• नीट पीजी प्रवेश परीक्षा
• पीजीआईएमईआर प्रवेश परीक्षा
• जेईपएमआर पीजी प्रवेश परीक्षा
• सीएमसी वेल्लोर पीजी मेडिकल प्रवेश परीक्षा
• एमयू ओईटी पीजी प्रवेश परीक्षा
• एम्स पीजी मेडिकल प्रवेश परीक्षा
• एआईपीजीएमईई
नीचे सूचीबद्ध डिवीजन एमडी सीटें हैं जो एनईईटी पीजी परिणाम घोषित होने के बाद भरी जाती हैं।
• 50% अखिल भारतीय कोटे की सीटें (जम्मू और कश्मीर को छोड़कर सभी राज्य)
• राज्य कोटे की सीटें। (जम्मू और कश्मीर सहित)
• डीएनबी ब्रॉड स्पेशियलिटी कोर्स
• सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा संस्थान
• सभी निजी मेडिकल कॉलेज, संस्थान और विश्वविद्यालय/मानित विश्वविद्यालय
एमडी (डॉक्टर ऑफ मेडिसन) सिलेबस
यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि एमडी के लिए पाठ्यक्रम संस्थान से संस्थान के साथ-साथ विशेषज्ञता से भिन्न होता है। हालांकि, उम्मीदवार नीचे मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) द्वारा निर्धारित एमडी में प्रमुख विशिष्टताओं का उल्लेख किया गया है।
• एयरोस्पेस मेडिसिन में एमडी
• एनाटॉमी में एमडी
• एनेस्थीसिया में एमडी
• जैव रसायन में एमडी
• कम्युनिटी मेडिसन में एमडी
• त्वचाविज्ञान, वेनेरोलॉजी और लेपोरेसी में एमडी
भारत में एमडी (डॉक्टर ऑफ मेडिसन) करने वालों की सैलरी
एमडी में करने वालों की सैलरी उनके अनुभव के साथ-साथ उस स्थान पर भी निर्भर करती है जहां आप काम करेंगे। जिसमें की आप जितना अधिक क्षेत्र में काम करेंगे और अनुभव प्राप्त करेंगे उतनी ही आपको इसके लिए सैलरी मिलेगी। हालांकि, अगर फ्रेशर्स के लिए एमडी में शुरुआती सैलरी की बात करें, तो यह कहीं न कहीं 25,000 से 30,000 रुपये तक के बीच की होगी। जबकि दो साल के अनुभव वाले ग्रैजुएट्स 40,000 से 45,000 रुपये तक कमा सकते हैं। और निश्चित रूप से जैसे-जैसे अनुभव बढ़ता है, सैलरी 70,000 रुपये तक जा सकती है।
एमडी (डॉक्टर ऑफ मेडिसन) करने के बाद स्कोप
एमडी की डिग्री पूरी करने के बाद, ग्रैजुएट न केवल खुद को एमबीबीएस/एमडी कह सकते हैं, बल्कि वे इसको करने के बाद कोई स्पेशलाइजेशन सब्जेक्ट चुनकर उस चीज के स्पेशलिस्ट बन सकते हैं। अन्यथा वे किसी सरकारी हॉस्पिटल, प्राइवेट हॉस्पिटल, एनजीओ या खुद के क्लिनिकल सेट पर काम कर सकते हैं।
भारत के टॉप 10 मेडिकल कॉलेज की सूची
मेडिकल कॉलेज के नाम | राज्य | |
ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, दिल्ली | दिल्ली | |
पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, चंडीगढ़ | चंडीगढ़ | |
क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज, वेल्लोर | तमिलनाडु | |
राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य और तंत्रिका विज्ञान संस्थान, बैंगलोर | कर्नाटक | |
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी | उत्तर प्रदेश | |
जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, पुडुचेरी | पांडिचेरी | |
संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ | उत्तर प्रदेश | |
अमृता विश्व विद्यापीठम, कोयंबटूर | तमिलनाडु | |
श्री चित्रा तिरुनल आयुर्विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान, तिरुवनंतपुरम | केरल | |
कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज, मणिपाल | कर्नाटक |