मास्टर ऑफ पब्लिक हेल्थ (एमपीएच) दो साल की अवधि का पोस्ट ग्रेजुएशन लेवल का कोर्स है। इस कोर्स को रिसर्च और शिक्षण के बजाय पब्लिक हेल्थ सेवाओं पर ध्यान केंद्रित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस कोर्स को जिसे चार सेमेस्टर में बांटा गया है जिसमें की प्रत्येक सेमेस्टर हर छह महीने में होता है। एमपीएच एक ऐसा कोर्स है जो कि पब्लिक हेल्थ के लिए विभिन्न प्रकार के जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर समाज को बीमारियों से बचने के लिए उपाए बताता हैं।
इस कोर्स में छात्रों को रोग और रोग पैदा करने वाले एजेंटों को नष्ट करने के तरीकों के बारे में बताया जाता है। पब्लिक हेल्थ में पीजी पूरा करने के बाद, छात्रों को पब्लिक हेल्थ के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर काम करने का मौका मिलता है।
मास्टर ऑफ पब्लिक हेल्थ कोर्स में छात्रों को उनकी रुचि और पिछले अनुभवों के अनुसार अपनी स्पेशलाइजेशन चुनने की स्वतंत्रता प्रदान करता है। भारत में कुछ ऐसी यूनिवर्सिटी और इंस्टीट्यूट हैं जो मास्टर ऑफ पब्लिक हेल्थ की डिग्री प्रदान करते हैं। जबकि उन सभी कॉलेज की फीस अलग-अलग होती है।
एमपीएच कोर्स के प्रकार
मास्टर ऑफ पब्लिक हेल्थ कोर्स में छात्रों को विभिन्न स्तरों पर समाज के बीच शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करने के साथ-साथ बीमारी और विकलांगता के नियंत्रण के लिए रोकथाम समाधान से संबंधित चीजें पढ़ाई व सिखाई जाती है। एमपीएच की पढ़ाई करने वाले छात्र शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के महत्व और बीमारियों से बचने के विभिन्न तरीकों के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करके स्वास्थ्य में सुधार पर काम करते हैं।
एमपीएच कोर्स कोर्स करने के लिए एलीजिबिलिटी
उम्मीदवारों के पास एमबीबीएस, बीडीएस, बीपीटी, नर्सिंग, बायोमेडिकल इंजीनियरिंग, और अन्य स्वास्थ्य विज्ञान कोर्स जैसे हेल्थ साइंस के किसी भी क्षेत्र में यूजी की डिग्री होनी चाहिए। जिसमें की न्यूनतम अंक 50% तक होते हैं।
मास्टर ऑफ पब्लिक हेल्थ कोर्स करने के लिए एडमिशन प्रोसेस
पब्लिक हेल्थ के क्षेत्र में अंडर ग्रैजुएट की डिग्री रखने वाले उम्मीदवार एडमिशन के लिए आवेदन कर सकते हैं। उम्मीदवारों को ध्यान देना चाहिए कि इस कोर्स में एडमिशन के लिए कोई एंट्रेंस एग्जाम निर्धारित नहीं किया गया है। इसलिए, उम्मीदवारों को विश्वविद्यालयों और संस्थानों द्वारा परिचालित व्यक्तिगत प्रवेश दिशानिर्देशों का पालन करना आवश्यक है। मास्टर ऑफ पब्लिक हेल्थ कोर्स में प्रवेश पाने के लिए सामान्य एडमिशन प्रोसेस इस प्रकार है:
• उम्मीदवारों के लिए आवश्यक है कि वे जिस विश्वविद्यालय/संस्थान में प्रवेश लेना चाहते हैं, उसकी वेबसाइट देखें।
• उम्मीदवारों को यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि वे संस्थान या विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित न्यूनतम पात्रता मानदंडों को पूरा करते हैं।
• उम्मीदवारों को प्रवेश पत्र भरना होगा और विश्वविद्यालय द्वारा मांगे गए आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराने होंगे।
मास्टर ऑफ पब्लिक हेल्थ एंट्रेंस एग्जाम
मास्टर ऑफ पब्लिक हेल्थ में एडमिशन के लिए कोई एंट्रेंस एग्जाम नहीं होता है। एडमिशन प्रोसेस जानने के लिए उम्मीदवारों को विश्वविद्यालय की वेबसाइटों की जांच करने की आवश्यकता है। हालांकि, मास्टर ऑफ पब्लिक हेल्थ में प्रवेश की तैयारी करते समय उम्मीदवारों को निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखना चाहिए:
• प्रैक्टिकल नॉलेज
• प्रेशनटेशन स्किल्स
• नॉइंग द इंपॉर्टेंस ऑफ हेल्थ
भारत और विदेश में मास्टर ऑफ पब्लिक हेल्थ का स्कोप
मास्टर ऑफ पब्लिक हेल्थ ग्रेजुएट्स के लिए स्कोप बहुत बड़ा है। एक अच्छा अकादमिक रिकॉर्ड और क्षेत्र में थोड़ा सा अनुभव रखने वाले उम्मीदवार पब्लिक हेल्थ में करियर के लिए एक अच्छी शुरुआत की उम्मीद कर सकते हैं। सरकारी से प्राइवेट अस्पतालों, एनजीओ और अन्य हेल्थ फील्ड में एमपीएच ग्रैजुएट्स के लिए नौकरी के अवसर उपलब्ध हैं। पब्लिक हेल्थ में मास्टर का कोर्स पूरा करने के बाद, छात्रों को हेल्थ के महत्व और बीमारियों से बचने के विभिन्न तरीकों के बारे में युवाओं में जागरूकता पैदा करके स्वास्थ्य में सुधार पर काम करने की आवश्यकता है।
मास्टर ऑफ पब्लिक हेल्थ डिग्री प्राप्त करने के बाद, छात्रों को स्वास्थ्य विज्ञान के क्षेत्र में अनगिनत सुविधाएं प्रदान की जाती हैं। इस कोर्स में छात्रों को एनवायरनमेंट साइंस, सोशोलॉजी, पब्लिक पॉलिसी और शिक्षा जैसे विषयों को सीखने में सक्षम बनाता है जो बदले में न केवल करियर स्कोप को बढ़ाता है बल्कि ज्ञान को भी गहरा करते हैं।
मास्टर ऑफ पब्लिक हेल्थ (एमपीएच) डिग्री के बाद करियर के अवसर
मास्टर ऑफ पब्लिक हेल्थ कोर्स पूरा करने के बाद छात्रों के लिए विभिन्न कैरियर प्रोफाइल उपलब्ध हैं। उम्मीदवार प्राइवेट क्षेत्रों में काम करना चुन सकते हैं या सरकारी क्षेत्र में भी नौकरियों के लिए आवेदन कर सकते हैं। जॉब प्रोफाइल जैसे पब्लिक हेल्थ मैनेजमेंट एनालिस्ट, हेल्थ कम्युनिकेशंस स्पेशलिस्ट, रिसर्च साइंटिस्ट, मैनेजर - ब्रेस्टफीडिंग इनिशिएटिव, हेल्थ रिसोर्स प्रोफेशनल, प्रोफेसर - पब्लिक हेल्थ, पब्लिक रिलेशन ऑफिसर, सीनियर टेक्निकल स्पेशलिस्ट - पब्लिक हेल्थ, एनवायर्नमेंटल हेल्थ एंड सेफ्टी स्पेशलिस्ट, हेल्थ काउंसलर, स्वास्थ्य विज्ञान में काम करने के लिए एमपीएच ग्रैजुएट्स के लिए लेब तकनीशियन उपलब्ध हैं।
एमपीएच कोर्स करने के बाद एक फ्रेशर के रूप में करियर विकल्प निम्नलिखित हैं:
• एपिडिमियोलॉजिस्ट
• हेल्थ इनफॉर्मेटिक्स स्पेशलिस्ट
• हेल्थकेयर एडमिनिस्ट्रेशन
सरकारी और निजी क्षेत्रों में करियर के विकल्प निम्नलिखित हैं:
• असिस्टेंट एनवायरनमेंट साइंटिस्ट
बायोसिक्योरिटी स्पेशलिस्ट
• बायोटेररिज्म रिसर्चर्स