याददाश्त को मजबूत रखना या छोटी-छोटी चीज़ों को याद रखना बहुत महत्वपूर्ण होता है। दिमाग में कई चीजें एक साथ चलती है, जिसके कारण कई बार हम छोटी-छोटी बातों को बहुत जल्दी भूल जाते हैं। यह समस्या सामान्य से असामान्य बने, इसके पहले आपको अपनी याददाश्त पर काम करना चाहिए। कई बार छात्र पढ़ाई के दौरान पुराने विषयों को भूल जाते हैं। इस तरह कई वाक्य हमारे जीवन में घटित होते हैं, जो हमें तनाव की तरफ ले जाते हैं। लेकिन आपको इसे इतनी जल्दी गंभीरता से नहीं लेना चाहिए, क्योंकि भूलने की आदत सामान्य होती है। किसी भी शख्स की याददाश्त पूर्ण नहीं होती, लेकिन उसे बेहतर बेहतर बनाया जा सकता है। आइए जानते हैं याददश कमजोर क्यों होती है और कैसे करें अपनी याददश को तेज।
याददाश्त कमजोर क्यों होती है?
जब हम जल्दबाजी या हड़बड़ाहट में कोई समान ढूंढते हैं/पढ़ाई के दौरान घबराहट में कोई टॉपिक याद करते हैं तो चीजें सामने होने के बावजूद दिखाई नहीं देती या याद नहीं रहती। कई बार जल्दबाजी में किसी से मिलते हैं तो उसका नाम या उसका चेहरा याद नहीं रहता। इसलिए किसी भी काम को यदि सोच-समझकर या ध्यान से किए जाएं तो भूलने की समस्या नहीं होगी।
अपनी आदतों में सुधार करें
हमारी रोज की कुछ आदतें भी याददाश्त कमज़ोर करने में भागीदार हैं। जैसे हम अपना मूल कार्य छोड़कर इंटरनेट की दुनिया में व्यस्त हो जाते है या जरूरत से ज्यादा सोशल मीडिया पर समय व्यतीत करते हैं, तो यह हमारी याददाश्त को कमजोर बनाती है। कई बार हम लगतर टीवी देखते रहते हैं या खाली बैठे रहते हैं तो दिमाग को जंग लग जाता है। शराब और धूम्रपान याददाश्त को कमजोर करती है।
दिनचर्या व्यवस्थित करें
अक्सर देखा जाता है, जो लोग अपना काम व्यवस्थित ढंग से नहीं करते हैं या जिन लोगों की दिनचर्या व्यवस्थित नहीं होती है, उनको भूलने की समस्या सबसे ज़्यादा होती है।इसलिए अपनी दिनचर्या निर्धारित करें। जैसे - किनते बजे उठना है, नाश्ता कब करना है, किनते बजे पढ़ाई करनी, व्यायाम कब करना है और रात को खाना कब-किनते बजे खाना है। जब दिमाग़ में दिनचर्या पक्की होगी तो चीज़ें अपने आप याद रहेंगी।
दिमाग को व्यवस्थित करें
याददाश्त बेहतर बनाने के लिए आपको हर दिन कोशिश करनी होगी। जो चीजें आप भूलते हैं, उन्हें दोहराने की आदत डालें, इससे आपको वह चीजें याद रखने में मदद मिलेगी। कई बार हम फोन पर किसी से बात कर रहे होते हैं, लेकिन नाम किसी और निकल जाता है। इसलिए बातचीत के दौरान व्यक्ति को नाम से संबोधित करें। जो भी आप भूलते हैं उसे अपने दिमाग में बैठा लें और कई बार दोहराएं।
दिमाग़ को सक्रिय रखें
कई बार हम अपना काम समय से पहले ही पूरा कर लेते हैं और आराम की मुद्रा में चले जाते हैं। ऐसा करने से कई बार दिमाग आलसी बन जाता है। इसलिए दिमाग को सक्रिय बनाए रखने की लिए नई स्किल्स सीखें, नई भाषाएं सीखें, दिमाग़़ पर ज़ोर पड़ने वाले गेम्स खेलें, पहेलियां सुलझाएं और नई-नई किताबें पढ़ें। ऐसे करने से दिमाग हमेशा सक्रिय रहेगा और भूलने की आदत धीरे-धीरे कम होने लगेगी।
लिखकर याद रखें
जब भी परीक्षाएं आती हैं तो छात्रों को तनाव और चिंताएं सताने लगती है। कई छात्रों की याददाश्त काफी कमजोर होती है,ऐसे में उन्हें आज कौन से काम करने हैं, कौन-से काम अभी तक नहीं हुए और दिनभर में क्या-क्या काम करने हैं, इसकी एक डायरी बनानी चाहिए। जो भी विषय पढ़ रहे हैं, उसको लिख-लिख कर याद करें। जब आप इस डायरी को रोज़ खोलेंगे तो चीज़ें अपने आप आपको याद रहने लगेंगी।
यथास्थान रखें सामान
कई बार हम जल्दबाजी में अपने समान को इधर-उधर रख देते हैं, यदि सामान को एक निश्चित स्थान पर रखा जाए तो लगभग आधी समस्या यूं ही हल हो जाती है। जब सामान को व्यवस्थित ढंग से नहीं रखेंगे तो उन्हें याद रखने में भी दिक्कत होगी। कई बार छात्र अपने नोट्स, किताब या पढ़ाई से संबंधित चीजों को कहीं भी रख देते हैं और फिर बाद में उन्हें ढूंढते रहते हैं, इसलिए समान को सही स्थान पर रखें।
कैलेंडर साथ रखें
पॉकेट कैलेंडर में डेट के सामने नोट्स के लिए भी जगह होती है। अपनी मीटिंग्स, जन्मदिन की तारीख़ें, अप्वाइंटमेंट्स, परिवार के साथ बनाई गई योजनाएं आदि तारीख़ के आगे एक लाइन में लिखें, जिससे इन्हें याद रख सकेंगे। इस पॉकेट कैलेंडर को हमेशा अपने पर्स में या बिस्तर के नीचे रखें। रोज़ सुबह एक नज़र ज़रूर डालें।
नियमित व्यायाम करें
नियमित व्यायाम से मस्तिष्क में रक्त के प्रवाह को बढ़ावा मिलेगा। इसलिए हर दिन 30 मिनट व्यायाम करें। इसके साथ नियमित 6-8 घंटे की नींद अवश्य लें, जिससे दिमाग़़ को यादों को इकट्ठा करने में मदद मिलेगी ताकि आप उन्हें लंबे समय तक याद रख सकें।
डॉक्टर से सलाह लें।
कई बार कुछ चीजें दिमाग में घर कर जाती है। ऐसी स्तिथि में आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। कई बार हम जाना कहीं होता है और हम चले कहीं और जाते हैं, समान रखना कहीं होता है और रख कहीं और देते हैं। कभी-कभी स्ट्रोक, सिर की चोट, विटामिन की कमी से भी भूलने की समस्या होती है। यह समस्या बड़ी हो रही है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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