किसी भी दफ़्तर में अच्छे कामकाज के लिए आवश्यक है कि माहौल अच्छा हो। इसके लिए कर्मचारियों को अपनी छोटी-छोटी बातों पर भी ग़ौर करना होगा, ताकि आपसी विवाद, बहसबाज़ी और मनमुटाव की गुंजाइश ही न रहे। कई महीनों की मेहनत के बाद जब पहली नौकरी मिलती है, तब दफ़्तर में लोगों के साथ काम करने का पहला अनुभव हमेशा याद रहता है। आइए जानते हैं ऑफिस में क्या न करें।
तेज़ आवाज़ में संगीत न सुनें
कई बार ऐसा होता है कि आप कार्य करते हुए थक जाते हैं और कुछ देर संगीत सुनकर तरोताज़ा महसूस करना चाहते हैं। ऐसे में आप फ़ोन या लैपटॉप में स्पीकर पर संगीत सुन रहे होते हैं, लेकिन इस वजह से पास बैठे सहकर्मियों को काम करने में समस्या हो सकती है। संगीत मन को शांति पहुंचाता है, लेकिन किसी दूसरे के लिए ये शोर का सबब बन सकता है। इसलिए दफ़्तर में संगीत सुनने के लिए हमेशा ईयरफ़ोन का इस्तेमाल करें।
हमेशा साथियों का सम्मान करें
बातचीत करते समय ध्यान रखना चाहिए कि आपकी बातों से किसी के सम्मान को ठेस न पहुंचे। सामने वाले ने यदि कोई ग़लती भी कर दी है तो इस बारे में बैठकर बात कर लें। लेकिन आप उसे अपमानित नहीं कर सकते। हमेशा शालीनता और मर्यादा बनाए रखें।
सीट पर बैठकर लंबी बातें न करें
कुछ लोगों की आदत होती है कि वे फोन आने पर बाहर जाकर बात करने के बजाय वहीं सीट पर बैठकर बातें करते हैं। कई बार ये बातें काफ़ी समय तक चलती हैं, जिस कारण पास बैठकर कार्य कर रहे सहकर्मी का ध्यान भटकता है। इसलिए फोन आने पर बाहर जाकर बात करें, ताकि कोई और डिस्टर्ब न हो।
बिना पूछे कुछ इस्तेमाल न करें
एक अच्छे कर्मचारी को इस बात का ख़्याल रखना चाहिए कि वह बिना पूछे अपने सहयोगियों के सामान का इस्तेमाल न करे। अगर ज़रूरत पड़ने पर कोई सामान इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो पहले उनसे अनुमति लें और फिर इस्तेमाल करें।
अपना सामान अपनी जगह रखें
कई लोगों की आदत होती है कि वे अपने सामान को पास बैठे सहकर्मियों की डेस्क पर रख देते हैं। इसके चलते उनके बीच खटपट हो सकती है, क्योंकि दफ़्तर में सामान रखने के लिए सभी को एक निश्चित जगह मिलती है और कोई भी अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं करता। अगर आप उनकी जगह पर अपना सामान रखेंगे, तो वे अपना सामान कहां रखेंगे? शुरुआत में बेशक वे कुछ न कहें, लेकिन कुछ समय बाद इन छोटी-छोटी बातों को लेकर मनमुटाव हो सकता है।