Job Tips: दुनिया में कोरोनावायरस महामारी के कारण, युवाओं के सामने जॉब्स का संकट खड़ा हो गया है। इंस्टीट्यूट फॉर एम्प्लॉयमेंट स्टडीज, आईईएस की एक रिसर्च के मुताबिक कोरोना के चलते रोजगार गंवाने वालों में आधे से ज्यादा लोग 24 से कम उम्र के वर्कर्स हैं। स्पष्ट है कि वर्ष 2020 में महामारी के चलते जॉब मार्केट बहुत बुरी तरह प्रभावित हुआ। लेकिन इसका दूसरा पहलू यह भी है कि इस महामारी ने ऑर्गनाइजेशंस के साथ-साथ वर्कर्स के लिए भी नई संभावनाएं पैदा की हैं जो आने वाले दशक में जॉब मार्केट का रुख तय करेंगी। काम के बदले स्वरूप को देखते हुए यह जरूरी हो जाता है कि इस वर्ष की शुरुआत के साथ शुरु हुए नए दशक में इस बात पर गहराई से विचार किया जाए कि अगले 10 वर्षों में जॉब के क्या ट्रेंड्स देखने को मिलेंगे और इनके लिए प्रोफेशनल्स को क्या तैयारी करनी होगी?
अपनाएं ये स्ट्रैटजीज
अपने प्रतिस्पर्धियों से 1% बेहतर बनिए। डिजिटल दुनिया में इतने छोटे मार्जिन से आगे होना आपको न केवल जॉब या प्रमोशन दिला सकता है बल्कि नौकरी जाने के खतरे को कम कर सकता है।
क्या आपके पास इनकम का एक सोर्स है? अगर हां तो इनकम के एक से ज्यादा सोर्स बनाइए, इससे आय में अचानक आने वाली गिरावट से सुरक्षा मिलेगी।
नॉलेज का लॉन्ग टर्म में यौगिक प्रभाव होता है। ऐसे में आपका कॅरिअर कोई भी हो उसके साथ लगातार सीखते रहने की स्ट्रैटजी आपको लॉन्ग टर्म में फायदा जरूरी पहुंचाएगी।
प्रॉडक्टिव रहें
महामारी का वर्किंग प्रोफेशनल्स पर सबसे बड़ा प्रभाव एंग्जाइटी के रूप में देखने को मिला। नौकरी जाने से लेकर सैलरी कट, हर जॉब ओपनिंग के लिए पहले से ज्यादा कॉम्पिटीशन, सामाजिक दूरी और वर्क फ्रॉम होम के दौरान लगातार काम करने तक ऐसी कई परिस्थितियां सामने आईं जो प्रोफेशनल्स के लिए तनाव का कारण बनीं। ऐसे में अगले दशक में आपको प्रॉडक्टिव रहने के लिए अपनी एंग्जाइटी को मैनेज करने की स्किल सीखनी होगी। लॉन्ग टर्म एंग्जाइटी को दूर करने के लिए आपको सबसे पहले उन कारणों को पहचानना होगा जो आपको स्ट्रेस और खुशी देते हों। इसके बाद एक्शन में आएं और अपने कॅरिअर को मजबूती देने के साथ चिंता को कम करने के कदम उठाएं।
डिजिटाइजेशन
कोविड-19 के बाद डिजिटाइजेशन और ऑटोमेशन में तेजी से वृद्धि आई। इसका सबसे बड़ा उदाहरण बिजनेस ट्रैवल की जगह शुरू हुई वर्चुअल मीटिंग्स और ऑफिस वर्क के वर्क फ्रॉम होम में तब्दील होने में देखने को मिला। फ्यूचर ऑफ जॉब्स सर्वे में सामने आया है कि 80 फीसदी एम्प्लॉयर्स अपने वर्क प्रोसेसेज का डिजिटाइजेशन करने के लिए जबकि 50 फीसदी काम के ऑटोमेशन के लिए तैयार हैं। इससे साफ है कि जो जॉब्स जा चुकी हैं उनमें से कई अब कभी लौटकर नहीं आएंगी और जो आएंगी उनमें काम के नए तरीकों और स्किल्स की जरूरत होगी। सेपियंस के लेखक युवल नोह हरारी के अनुसार भविष्य की दुनिया के लिए खुद को तैयार रखने के लिए आपको न केवल नए आइडियाज और प्रॉडक्ट्स को रिइंवेंट करना होगा बल्कि खुद को भी लगातार रिइंवेंट करते रहना होगा।
पिछला अनुभव
फ्यूचर ऑफ वर्क रिपोर्ट के अनुसार अगले पांच साल में 40 फीसदी मौजूदा वर्कर्स की कोर स्किल्स बदल जाएंगी। भविष्य में काम के पुराने तरीकों का महत्व कम हो जाएगा। ऐसे में आप पुराने फंक्शन या प्रोफेशन में रहते हुए सैलरी में इजाफे की उम्मीद नहीं कर पाएंगे। जॉब खोने या रिप्लेस होने पर भी आपकी इनकम में भारी गिरावट आएगी और वह तभी बढ़नी शुरू होगी जब आप कोई नई स्किल सीखेंगे या बहुत अलग रिजल्ट्स देने में सक्षम होंगे। दूसरी ओर बदलती इंडस्ट्री में मुनाफा कमा रहे एक सही एम्प्लॉयर के साथ आप खुद को सफल होता देख सकेंगे।