अगर आप किसी जॉब के लिए अप्लाई कर रहे है तो आप जानते ही होंगे की आपसे रिज्यूमे के साथ कवर लेटर भी मांगा जाता है। लेकिन कई लोगों को पता ही नही होता है कि आखिर ये कवर लेटर क्या बला है। अगर आप भी उन लोगों में से है जो कवर लेटर को ठीक से समझ नही पाएं है तो आज हम आपको बताने जा रहे है कवर लेटर के बारे में और ये रिज्यूमे के साथ इतना जरूरी क्यों होता है। आजकल रिज्यूमे के साथ अगर आप कवर लेटर भी भेजते है तो आपको इंटरव्यू की कॉल आने के चांसेस बढ़ जाते है।
क्या होता है कवर लेटर?
कवर लेटर को हम इस तरह से समझ सकते है, किसी फिल्म के रिलीज होने से पहले उसका टीज़र लोगों के सामने लाया जाता है ताकि लोग उस फिल्म को देखने के लिए आकर्षित होते है। कुछ ऐसा ही काम आपके कवर लेटर का भी होता है जो रिक्रूटर को आपका रिज्यूमे पढ़ने के लिए आकर्षित करता है। दरअसल किसी भी रिज्यूमे को रिक्रूटर द्वारा पढ़े और देखे जाने में काफी समय लगता है, ऐसे में आपका कवर लेटर कम शब्दों में और आसानी से रिक्रूटर को बता देता है कि आप इस रिज्यूमे के लिए अपना समय क्यों खर्च करें। एक छोटा सा कवर लेटर आपके जॉब पाने चांसेस बढ़ा देता है इसलिए कवर लेटर लिखना बेहद जरूरी है। इसके अलावा ये भी कहा जा सकता है कि एक कवर लेटर आपके लिए भूमिका बाँधने का काम करता है। एक्सपर्ट कहते है कि एक कवर लेटर ये बताता है कि भीड़ भरे नौकरी बाजार में आप बाकियों से क्यों और कैसे अलग है।
कैसे लिखें अट्रेक्टिव कवर लेटर-
अब आप काफी हद तक समझ ही गये होंगे कि कवर लेटर होता क्या है। तो अब आइये जानते है कि एक अट्रेक्टिव कवर लेटर में वो कौनसी बातें होती है।
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1.कवर लेटर का सिर्फ एक ही फोकस होना चाहिए-
किसी भी कवर लेटर का सिर्फ यही काम है कि वह रिक्रूटर को ये बताए कि आप इस नौकरी के लिए क्यों उपयुक्त है, और आगे आपका इस कंपनी में क्या योगदान होगा। इसके अलावा आपके कवर लेटर से ये भी पता चलना चाहिए कि आपने कंपनी और उस जॉब के बारे में काफी रिसर्च की है।
2.नाम से करे शुरूआत-
कवर लेटर लिखते समय आदरणीय, डियर, पर्सनल डायरेक्टर जैसे शब्दों की अपेक्षा आप उस अधिकारी के नाम के साथ शुरूआत करेंगें तो आपका कवर लेटर बाकियों से अलग होगा। हालाँकि आप जिस जगह अप्लाई कर रहे है वहां पर किसी अधिकारी का नाम जानना थोड़ा मुश्किल होता है, लेकिन थोड़ी सी रिसर्च करके आप नाम जान सकते है। अगर आप किसी अधिकारी को उसके नाम से संबोधित करते है तो उसका ज्यादा इंप्रैशन पड़ता है।
3.आप कंपनी के लिए क्या कर सकते है-
कवर लेटर में इस बात का जिक्र होना बेहद जरूरी है कि आप उस कंपनी के लिए क्या कर सकते है। आप चाहे तो इसके लिए अपने पुराने एक्सपीरियंस और डिग्री के बारे में बता सकते है कि मेरे पास इस फिल्ड का इतना एक्सपीरियंस है और मै आपकी कंपनी को कितना आगे ले जा सकता हूँ।
4.एक्साइटमेंट ना दिखाएं-
कवर लेटर में एक्साइटमेंट जैसी बातों का उल्लेख नही करें जैसे मुझे आपके कॉल का बेसब्री से इंतजार है, मैं आशा करता हूँ कि मुझे आपसे इंटरव्यू की कॉल आएगी जैसे वाक्यों का प्रयोग नही करें। इससे सामने वाले को आपकी उत्सुकता और बेसब्री का पता चलता है और ये सामने वाले पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। इसके बजाय आप ये लिख सकते है कि आप खुद उनसे संपर्क करके इंटरव्यू के लिए पूछेंगे। इससे रिक्रूटर पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
5.स्पेलिंग मिस्टेक का रखे खास ध्यान-
कवर लेटर लिखते समय और एक बार अच्छे से पढ़कर जरूर देखें, इससे स्पेलिंग मिस्टेक पकड़ में आ जाती है। स्पेलिंग मिस्टेक आपके लापरवाह होने की बात कहती है जिससे रिक्रूटर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसलिए ध्यान रखे कि कवर लेटर में किसी भी तरह की स्पेलिंग मिस्टेक या व्याकरण संबंधी गलती तो नही है।
6.कवर लेटर का साइज-
कवर लेटर का साइज कभी भी एक पेज से ज्यादा नही होना चाहिए। कवर लेटर जितना संक्षिप्त होगा उसका उसर उतना ही ज्यादा और प्रभावी होगा। इसलिए कवर लेटर को सिर्फ एक पेज तक ही सिमित रखे।
ये है कुछ खास टिप्स जो आपके कवर लेटर को बनाएंगे ज्यादा अट्रेक्टिव और इफेक्टिव।
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