UPSC Exam Tips: हाल में यूपीएससी द्वारा आयोजित सीएसई-2021 का रिजल्ट घोषित किया गया। हर साल 700 से 900 पदों के लिए 10 लाख से अधिक उम्मीदवार आवेदन करते हैं। ऐसे में प्रतिस्पर्धा अधिक होना सामान्य है। लेकिन कुछ बड़े मिथक भी इस एग्जाम से जुड़े हैं। मसलन, इसका सिलेबस बहुत बड़ा है, एग्जाम में कहीं से भी कुछ भी पूछा जा सकता है। बिना 16 से 18 घंटे पढ़े इस परीक्षा को पास नहीं किया जा सकता। यहां अधिकांश अंग्रेजी माध्यम वाले सफल होते हैं। जबकि हर साल के टॉपर्स के अनुभव इन मिथकों को खारिज करते हैं। वास्तविकता में सीएसई दूसरी परीक्षाओं से केवल चयन प्रक्रिया व प्रकृति में ही अलग है। ऐसे में इसकी तैयारी के सही तरीके जानना जरूरी है।
सिलेबस का आंकलन जरूरी
इस साल की टॉपर श्रुति शर्मा खुद को अपडेट रखने के लिए सोशल मीडिया इस्तेमाल करती थीं, वे मनोरंजन के लिए उपन्यास भी पढ़ती थीं। दरअसल श्रुति की पढ़ाई की स्ट्रैटजी में घंटों से ज्यादा फोकस अहम था। यहां पिछले सालों के टॉपर्स की स्ट्रैटजी दी गई है जिसकी मदद आप अपनी तैयारी में ले सकते हैं।
महत्वपूर्ण टॉपिक्स
पिछले साल के टॉपर शुभम कुमार के अनुसार अगर आप परीक्षा देने जा रहे हैं तो यह समझना जरूरी है कि यहां सिर्फ पढ़ते रहने से चयन नहीं होगा बल्कि आपने क्या पढ़ा है और किस तरह पढ़ा है, ये महत्वपूर्ण है। अगर आप टॉपिक्स को घटनाओं से रिलेट करके नहीं पढ़ते तो आपकी मेहनत बर्बाद हो सकती है।
सही कंटेंट का चुनाव
शुरुआत के लिए 6 से 12वीं तक की एनसीईआरटी की किताबों से बेसिक्स को मजबूत करें। अब इंटरनेट पर सूचनाओं का भंडार है। परीक्षा टॉप करने या फिर पास करने के लिए जरूरी है सही कंटेंट का चुनाव। यह तभी संभव होगा जब आप सिलेबस का ठीक ढंग से आंकलन कर लेंगे।
तैयारी के लिए कोचिंग
साल 2019 के टॉपर प्रदीप सिंह, 2018 के टॉपर कनिष्क कटारिया व 2016 की टॉपर नंदिनी के आर ने सेल्फ स्टडी से ही इस परीक्षा को टॉप किया था। अधिकांश टॉपर्स का मानना है कि कोचिंग संस्थान केवल दिशा-निर्देश देते हैं। इनका कंटेंट भी आपको ऑनलाइन मिल जाएगा। इसलिए सेल्फ स्टडी की सही प्लानिंग अच्छे नतीजे दे सकती है। प्रदीप की सलाह है, ऐसे लोगों से दूर रहें जिनकी बातें आपको हतोत्साहित करती हों।
मेंस में ये गलती न करें
सीएसई में हर प्रश्न का कितने शब्दों में जवाब देना है इसका उल्लेख होता है। ऐसे में कई उम्मीदवार उत्तर लिखने के साथ शब्दों की गणना में भी समय बर्बाद करते हैं। वर्ष 2014 की टॉपर इरा सिंघल कहती हैं कि शब्दों को गिनने में अधिक समय बर्बाद न करें। शब्दों की संख्या से अधिक आपके उत्तर का महत्व होता है। जरूरत पड़ने पर हेडिंग व सब हेडिंग जरूर लगाएं। जिस भी भाषा में आप परीक्षा दे रहे हैं उसकी व्याकरण व वाक्य संरचना पर जरूर ध्यान दें।