अक्सर कुछ स्टूडेंट्स कम्प्लेन करते हैं कि वे पढ़ते तो खूब देर तक हैं, जमकर मेहनत भी करते हैं, लेकिन फिर भी उनसे कम देर तक पढ़ने वाले उनके दूसरे दोस्त एग्जाम में बाजी मार लेते हैं और उनकी तुलना में कहीं आगे रहते हैं। अगर आप भी इस प्रॉब्लम से परेशान हैं, तो जान लें कि पढ़ाई के मामले में क्वांटिटी से ज्यादा क्वालिटी मैटर करती है। आप दिन में अगर नौ-दस घंटे पढ़ते हैं लेकिन पढ़ाई का तरीका सही नहीं है, तो इसका कोई फायदा नहीं होगा। वहीं सही तरीके से पढ़कर आप 7-8 घंटों में भी अपनी स्टडी पर अच्छी पकड़ बना सकते हैं। अपनाएं कुछ खास उपाय ताकि आप भी बन सकें स्मार्ट और इंटेलिजेंट स्टूडेंट-
स्टडी स्पेस है जरूरी
पढ़ने का माहौल बनाने के लिए आपको स्टडी स्पेस बनाना बेहद जरूरी है। यह घर में एक या दो जगह हो सकता है। जरुरी नहीं कि आप कुर्सी-टेबल लगाएं, लेकिन यह सुनिश्चित करें कि यह कम शोरगुल वाला, अच्छी रोशनी वाला और आरामदायक तरीके से बैठने वाला स्थान हो, जहां आप मन लगाकर पढ़ सकें। आपके सामने टीवी चल रहा हो या लोग बार-बार आना-जाना कर रहे हों, तो एकाग्रता भंग होगी और पढ़ने में मन नहीं लगेगा। एक ही जगह लगातार पढ़ने से बोरियत महसूस हो सकती है, इसलिए बेहतर है कि घर का कोई वैकल्पिक रूम या अलग कोना भी इसके लिए तैयार रखें।
स्मार्ट फोन रखें दूर
पढ़ाई करने बैठें, तो अपने स्मार्टफोन को साइलेंट मोड में और खुद से दूर रखें। पास रखेंगे, तो आप बार-बार कभी फेसबुक नोटीफिकेशन तो कभी व्हाट्सऐप चेक करने का मन होगा। कुछ नहीं तो पढ़ते हुए पोज में सेल्फ लेने को ही मन मचल उठेगा। आप कुछ नहीं भी करें तो सेल्स प्रमोशन के लिए किसी कंपनी का, तो कभी लोन देने के लिए बैंक वालों का फोन बज सकता है। इससे आपकी एकाग्रता भंग होगी. मनोवैज्ञानिकों के अनुसार स्मार्टफोन ध्यान बंटाने के मामले में सबसे कुख्यात गैजेट है।
भूखे पेट न बैठें
भूख लगी हो, तो किसी काम में मन नहीं लगता। भूखे व्यक्ति को गुस्सा भी ज्यादा आता है। खाली पेट रहेंगे और कोई विषय एक बार में समझ में नहीं आएगा तो आपको झुंझलाहट होगी। बार-बार मन खाने की ओर जाएगा, तो आप एकाग्रचित्त होकर पढ़ नहीं पाएंगे। हेल्थ एक्सपर्ट का मानना है कि भूखे पेट रहने से सिर दर्द या पेट दर्द की समस्या भी हो सकती है। इसलिए अच्छी तरह ब्रेकफास्ट या भोजन करके ही पढ़ने बैठें। हां, एक पानी की बोतल जरूर साथ रखें और थोड़ी थोड़ी देर में पानी पीते रहें। ड्राइफ्रूट, फ्रूट्स और हैल्दी स्नैक्स भी साथ रखें, जिन्हें भूख महसूस होने पर आप खा सकेंगे।
प्लान बनाकर पढ़ें
क्वालिटी स्टडी के लिए हर रोज सुबह- सुबह ही दिन भर का प्लान बना लें. वरना आप किताब दर किताब पलटते रहेंगे और कन्फ्यूज रहेंगे कि मैं ये पढ़ूं कि वो पढ़ूं. और इस जद्दोजेहद में आपका काफी कीमती वक्त नष्ट हो जाएगा। कई बार तो उकता कर आप पढ़ाई बंद भी कर सकते हैं. इसलिए सबसे पहले दिन के दो या मैक्सिमम तीन विषय चुनें। एक बार में एक ही विषय ठीक से पढ़ पाएंगे, यह ध्यान रखें.
बीच-बीच में ब्रेक लें
कई रिसर्च में यह बात सामने आ चुकी है कि अगर आप लगातार दो-तीन घंटे पढ़ते ही चले जाते हैं, तो धीरे-धीरे आपका मस्तिष्क चीजों को ग्रहण करना बंद कर देता है। बेहतर होगा कि एक सवा घंटे की पढ़ाई के बाद पांच या दस मिनट का ब्रेक ले लें। इस दरम्यान गैलरी में टहल सकते हैं। खिड़की से बाहर झांक सकते हैं, एकाध गाना सुन सकते हैं, मुंह को ठंडे पानी से धोकर पोंछ सकते हैं या आंखें मूंदकर डीप ब्रीदिंग कर सकते हैं। इससे आपके दिमाग को आराम मिलेगा और वह रिचार्ज हो जाएगा. फ्रेश दिमाग पढ़ी गयी चीजों को ग्रहण करने के लिए फिर से तैयार हो जाएगा.
मल्टीटास्किंग से बचें
जब पढ़ने बैठें तो एक ही बार में कई चीजें एक साथ करने की गलती कभी न करें। किसी एक चैप्टर पर फोकस करें। एक बार में एकविषय की एक ही किताब पढ़ें। या फिर अपने नोट्स खुद बनाएं और उनसे पढ़ाई करें। मन को भटकने न दें। अगर किसी विषय विशेष में मन न लग रहा हो, तो उस वक्त कोई दूसरा पसंदीदा विषय पढ़ें।
अपने पास सिलेबस रखें
पढ़ाई के शुरूआती दिनों में आपका पूरा फोकस सबसे पहले सिलेबस कम्प्लीट करने पर होना चाहिए। एक्स्ट्रा चीजों के लिए बाद में विचार करें। इसके लिए आपको मौजूद सत्र को पूरा सिलेबस प्रिंटेड फॉर्म में अपने पास रखना चाहिए और सिलेबस से बाहर की चीजें पढ़ने से बचना चाहिए। अगर सिलेबस को लेकर किसी भी तरह का कन्फ्यूजन है तो अपने प्रोफेसर या टीचर से मिलकर संशय दूर कर लें ताकि आपकी मेहनत व्यर्थ न जाए।
एटीट्यूड रखें पॉजिटिव
पढ़ाई करते समय कभी निगेटिव सोच न रखें। फेल होने का डर या किसी विषय विशेष के प्रति यह डर कि यह आपके बस का नहीं, ये सारे डर मन से निकाल फेंके। ध्यान रहे, कोई भी विशेष कठिन नहीं होता। बस उसके प्रति आपकी रूचि कम होने की वजह से आप उसे पूरी तरह ध्यान देकर नहीं पढ़ते , इसलिए ऐसा होता है। अगर आप अपना नजरिया बदल लें और पॉजिटिव थिंकिंग के साथ पूरी तरह मन लगाकर पढ़ाई करें, तो हर विषय पर अपनी मजबूत पकड़ बना सकते हैं। जिस विषय में आप खुद को कमजोर महसूस करते हैं उसे अलग-अलग राइटर्स की किताबों से पढ़ने की कोशिश करें, जिस लेखक की बात आपको ज्यादा आसानी से समझ में आती है उस फॉलो करें।
एक्सपर्ट एडवाइस लें
कई बार कोई विषय या चैप्टर या फिर कोई खास थ्योरी लाख कोशिश करने पर भी समझ में नहीं आती। उस पर अधिक वक्त बरबाद करके मूड खराब करने और निराश होने की बजाय, उस वक्त उसे छोड़ दें और दूसरी चीजें पढ़कर समय का सदुपयोग करें। बाद में अपने टीचर से मिलकर अपनी शंका का समाधान कर लें। टीचर उपलब्ध न हों, तो अपनी क्लास के किसी दूसरे इंटेलीजेंट स्टूडेंट से बात करें और साथ ही गूगल बाब की शरण भी लें। आपकी शंका का समाधान आसानी से हो जाएगा।
रटें नहीं, समझें
अगर आपको एक एवरेज स्टूडेंट की तरह किसी तरह बस एग्जाम पास करना है, तो कोई बात नहीं आप रटंत विद्या अपना सकते हैं। लेकिन आप खुद को स्मार्ट और इंटेलीजेंट स्टूडेंट्स की गिनती में शामिल करना चाहते हैं तो किसी भी सब्जेक्ट की थीम और उसका कॉन्सेप्ट अच्छी तरह क्लीयर करने की आदत डालें। इसके लिए आपको चैप्टर बार बार पढ़ना चाहिए, क्लास में टीचर की बात ध्यान से सुननी चाहिए, रेफरेंस बुक्स का सहारा लेना चाहिए और इंटरनेट पर भी सर्च करके कंटेट पर नजर रखनी चाहिए। इससे आप लगातार अपडेट भी होंगे और विषय पर अच्छी पकड़ भी बना सकेंगे।
स्मार्ट स्टडी टिप्स
दिनभर में जो पढ़ा उसकी एक समरी और ब्रीफ नोट्स बनाएं।
दिनभर का पढ़ा हुआ रात को एक बार दोबारा सरसरी तौर पर देखें।
ग्राफिक्स, चार्ट और ड्राइंग का भरपूर इस्तेमाल करें। चीजों को समझने के लिए खुद ग्राफ, चार्ट और ड्राइंग तैयार करें।
जो पढ़ाई करते हैं उससे संबंधित इंटरनेट पर क्या जानकारी है, इस पर जरूर नजर डालें।
चैप्टर में हाइलाइट करनेकी आदत डालें। इसके लिए टेक्स्ट लाइनर, पेंसिल का प्रयोग करें।
चैप्टर पढ़ते समय आपके मन में जो आयडिया या नए शब्द उपजते हैं उन्हें फुटनोट में पेंसिल से लिख लें।
मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि बोल बोलकर पढ़ने से ज्यादा और जल्दी याद होता है। इसलिए बोलकर भी पढ़ाई करें।