Army Day 2023: भारतीय सेना के पहले भारतीय कमांडर-इन-चीफ जनरल (बाद में फील्ड मार्शल) केएम करियप्पा के सम्मान में भारत हर साल 15 जनवरी को सेना दिवस मनाता है। इस दिन 1947 के युद्ध में भारतीय सेना का नेतृत्व करने वाले करियप्पा ने 1949 में अंतिम ब्रिटिश कमांडर-इन-चीफ जनरल सर एफआरआर बुचर से भारतीय सेना की कमान संभाली थी।
डिफेंस ट्रेनिंग एक्सपर्ट कर्नल अशोकन के अनुसार इंडियन एयरफोर्स की फ्लाइंग ब्रांच को जॉइन करने के लिए पहला रास्ता है एनडीए परीक्षा। मैथ्स फिजिक्स व केमिस्ट्री के साथ 10+2 पास करने वाले पात्र स्टूडेंट्स इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा एफकैट एग्जाम के जरिए भी पाइलट बनने का अवसर मिल सकता है। साइंस व इंजीनियरिंग बैकग्राउंड के ग्रेजुएशन के स्टूडेंट्स एफकैट एग्जाम के लिए आवेदन कर सकते हैं।
मुश्किल प्रशिक्षण से सीख पाते हैं फ्लाइंगपायलट बनने के लिए जरूरी होता है आपके हाथ, पैर, दिमाग का साथ में काम करना। इस क्षमता को परखने के लिए कैंडिडेट्स का पीएबीटी (पायलट एप्टीट्यूड एंड बैटरी टेस्ट) होता है। पीएबीटी में आपके सुनने की क्षमता, पैरों के मूवमेंट्स को बारीकी से चेक किया जाता है।
एसएसबी इंटरव्यू के दौरान फ्लाइंग ब्रांच चुनने वाले कैंडिडेट्स को यह टेस्ट देना होता है। इसमें आपके मूवमेंट्स को मॉनिटर करने के साथ ही यह भी चेक किया जाता है कि आप डायल रीड कर सकते हैं या नहीं। इस टेस्ट के लिए सिर्फ एक बार ही अवसर मिलता है। विशेषज्ञों के मुताबिक फाइटर पायलट का कॅरिअर चुनौतियों भरा होता है। हालांकि मुश्किल ट्रेनिंग और एक्सरसाइजेस में आपको इन चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार किया जाता है।
सामान्य से अधिक चुनौतियांट्रांसपोर्ट पायलट सप्लाई व इक्विपमेंट्स डिलीवर करते हैं। उन्हें पहाड़ पर ही एयरक्राफ्ट लैंड करना पड़ सकता है। फाइटर पायलट प्लेन उड़ाने के साथ ही समय आने पर उसका इस्तेमाल हथियार की तरह भी करते हैं।
एनडीए और एफकैट एग्जाम के जरिए हो सकता है चयन
फाइटर पायलट को करिअर के रूप में चुनने से पहले सामान्य पायलट और फाइटर पायलट के बीच अंतर समझ लेना बेहतर रहेगा। दरअसल फाइटर पायलट सिर्फ भारतीय वायु सेना और नेवी में होते हैं। जबकि कमर्शियल पायलट प्राइवेट एयरलाइंस में होते हैं। हालांकि भारतीय वायु सेना के सभी पायलट फाइटर पायलट नहीं होते। एयर फोर्स में अगर आपका चयन फ्लाइंग ब्रांच में होता है तो इसमें आपको फाइटर के अलावा ट्रांसपोर्ट या हेलिकॉप्टर पायलट भी बनाया जा सकता है।
आमतौर पर माना जाता है कि एनडीए, एफकैट परीक्षा के जरिए फाइटर पायलट बना जा सकता है। लेकिन इन परीक्षाओं को पास करने के बाद भी यह सुनिश्चित नहीं होता है कि आप फाइटर पायलट ही बनेंगे। लिखित परीक्षा व एसएसबी इंटरव्यू क्लियर करने पर अगर आपका चयन फ्लाइंग ब्रांच में होता है, तब आपके फाइटर पायलट बनने की संभावना बढ़ती है। इसके लिए पायलट के रूप में आपकी परफॉर्मेंस देखी जाती है। फाइटर पायलट चुने जाने पर बेसिक और ऑपरेशनल ट्रेनिंग होती है। इसके बाद आप पूरी तरह से वॉर के लिए तैयार होते हैं।