Good Idea: स्कूल में हो टूथब्रश की क्लास

भारत में आम तौर पर सर्दियों में सुबह 8 बजे और गर्मियों में 7 बजे स्कूल लगते हैं। इसके लिए छोटे-छोटे बच्‍चों को तड़के उठना पड़ता है। फ्रेश होना, नहाना, नाश्‍ता करना, सब कुछ मात्र आधे घंटे में करना पड़ता है, कई बार तो इसके लिए मात्र 15 मिनट मिलते हैं। ऐसे में कई बार बच्चे टूथब्रश करना भूल जाते हैं, या फिर कई बार आधा-अधूरा मंजन करके निकल जाते हैं। जाहिर है इससे दांत भी जल्दी खराब होते हैं।

Good Idea: स्कूल में हो टूथब्रश की क्लास

बच्चों के दांतों को मजबूत करने के लिए क्यों न स्कूल में टूथ ब्रश की क्लास का आयोजन किया जाये। असेंबली के ठीक बाद यह क्लास होनी चाहिए। और अगर यह क्लास किसी डेंटिस्ट की देखरेख में हो तो बच्चों में न केवल सही तरीके से टूथ ब्रश करने की आदत होगी, बल्कि वो इसके महत्व को समझ पायेंगे।

आइडिया आपको भले ही कुछ अजीब लग रहा होगा, लेकिन यूके में इसी आईडिया को Good Idea के रूप में स्वीकार किया गया है और कुछ स्कूलों ने इसकी शुरुआत भी कर दी है। खैर हम आगे जो बताने जा रहे हैं, वो यूके में हुए एक अध्‍ययन पर आधारित है।

इंग्लैंड में 5 वर्ष की आयु के 25 प्रतिशत से अधिक बच्चे कैविटी का शिकार हैं। इसे देखते हुए वहां की लेबर पार्टी के राजनेता कीयर स्‍टार्मर ने नर्सरी कक्षा के बच्‍चों को स्कूल में टूथ ब्रश करवाने के अभियान की घोषणा की तो लोग अचंभित हो गये। मीडिया समेत तमाम लोगों ने उनकी आलोचना भी की। स्‍कूल प्रशासनों को लगा कि यह टीचरों पर एक और भार है, लेकिन जब नियमित रूप से विशेषज्ञों की देख रेख में बच्‍चों से टूथ ब्रश करवाया गया तो उसके परिणाम बेहद अच्‍छे मिले।

Good Idea: स्कूल में हो टूथब्रश की क्लास

देखते ही देखते इसे स्कॉटलैंड और व्हेल्स के स्कूलों में लागू कर दिया गया।

आपको जानकर हैरानी होगी कि इंग्लैंड में पांच से दस वर्ष की आयु के छोटे बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराने का सबसे आम कारण उनके दांत खराब होना है।

क्या है टूथब्रश करने का सही तरीका?

चूंकि हर किसी के दांत अलग होते हैं, ब्रश करने की एक से अधिक तकनीकें हैं जो प्रभावी साबित हुई हैं। आपके बच्चे के लिए कौन सी तकनीक सबसे उपयुक्त है, इसका निर्णय काफी हद तक आपके बच्चे के दांतों की स्थिति और मसूड़ों की स्थिति पर निर्भर करता है। यह निर्धारित करने के लिए कि आपके बच्चे के मुंह के लिए ब्रश करने की कौन सी तकनीक सबसे उपयुक्त है, अपने बच्चे के बाल रोग विशेषज्ञ से सलाह लें।

आम तौर पर, अधिकांश दंत चिकित्सक ब्रश करने के लिए गोलाकार तकनीक की सलाह देते हैं। इसमें एक समय में केवल दांतों के एक छोटे समूह को ब्रश करना शामिल है - धीरे-धीरे पूरे मुंह को कवर करना। गोलाकार या अण्डाकार गति बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया जाता है।

Good Idea: स्कूल में हो टूथब्रश की क्लास

कैसे कराएं बच्चों को टूथब्रश?

चरण 1: टूथब्रश को दांतों के पास 45 डिग्री के कोण पर रखें।
चरण 2: एक समय में केवल दांतों के एक छोटे एरिया को धीरे से ब्रश करें (गोलाकार या अण्डाकार गति में)
चरण 3: और तब तक करते रहें जब तक कि सही दांतों में ब्रश न हो जाए।
चरण 4: दांतों के बाहरी हिस्से, दांतों के अंदर और चबाने वाले सही जगहों पर ब्रश करें।
चरण 5: बैक्टीरिया हटाने और सांसों को ताज़ा करने के लिए जीभ को धीरे से ब्रश करें।

नोट: दिन में दो बार सुबह खाना खाने से पहले और रात को खाना खाने के बाद अपने बच्चे को टुथब्रश अवश्य कराएं।

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English summary
In India, schools generally start at 8 am in winter and 7 pm in summer. For this, small children have to get up early. Freshening up, taking bath, having breakfast, everything has to be done in just half an hour, sometimes only 15 minutes are available for this. In such a situation, many times children forget to brush their teeth, or sometimes leave after brushing their teeth half-completed. Obviously, teeth also get damaged quickly due to this.
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