भारत में 12वीं के बाद फाइनेंस में करियर कैसे बनाएं? तेजी से ग्लोबाल होती ईकोनॉमी के चलते फाइनेंस सेक्टर में तमाम नए-नए करियर ऑप्शंस देश विदेश में सामने आ रहे हैं। अगर आपकी रुचि भी फाइनेंस में है और आपने संबंधित फील्ड में डिग्री-डिप्लोमा हासिल किया है तो इस सेक्टर में शानिार करियर बना सकते हैं। वर्तमान समय में वित्तीय सेवा क्षेत्र का महत्व दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। वर्तमान परिस्थितियों में युवा उम्मीदवारों हेतु वित्तीय सेवाओं के तहत बैंक, शेयर बाजार, वित्तीय संस्थानों, परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों, डिपोजिटरीज, डिपोजिटरी भागीदारों, पोर्टफोलियो प्रबंधकों, वित्तीय विश्लेषकों, वित्तीय योजनाकारों, बीमा क्षेत्र, वित्तीय प्रबंधकों, ट्रेजरी प्रबंधकों आदि के रूप में अनेक उजले करियर अवसर उपलब्ध हैं। इस बारे में विस्तार से जानिए।
बैंक-फाइनेंस इंस्टीट्यूट्स
निजीकरण के फलस्वरूप निजी क्षेत्र के बैंक और वित्तीय संस्थानों का दिया हुआ है। बढ़ते दबाब और प्रतिस्पर्धा के चलते निजी, वेदेशी और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा नई शाखाएं खोलने का सिलसिला बिस्तूर जारी है। यही बात वित्तीय संस्थानों पर लागू होती है, जो अब यूनिवर्सल बैंकों में तबदीली होते जा रहे हैं। टेक्नोलॉजी और नवीनता से संचालित बैंकिंग के लिए युवा प्रोफेशनल्स की भारी मांग है, जो ग्राहकों की जरूरतें पूरी करने के लिए उत्पत्ति एवं सेवाओं की न केवल रूपरेखा तैयार कर सकें, बाल्कि उनका वितरण भी कर सकें। बैंकिंग क्षेत्र में रोजगार के लिए ग्रेजुएट डिग्री या प्रोफेशनल डिग्री या डिप्लोमा के साथ संबंधित स्किल और नॉलेज अनिवार्य है।
कंपनी फाइनेंस
कॉरपोरेट या कंपनी फाइनेंस में कॉरपोरेट फाइनेंस, पूंजी प्रबंध, लेखा विधि एवं लेखा परीक्षा, कर परामर्श आिि सेवाओं में प्रचुर संभावनाएं और अवसर मौजूि हैं। प्रत्येक संगठन में एक ऐसा विभाग होता है, जिसे धन एकत्र करने, उस पर नियंत्रण रखने और तत्संबंधी लेखा-परीक्षण और सक्षमता एवं कारगरता लाने के लिए धन के उपयोग के तौर-तरीके सुझाने जैसे दायत्व सौंपे जाते हैं। कंपनी वित्त में रोजगार हेतु निर्धारित शैक्षणिक योग्यता एमबीए या पीजीडीएम (पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन मैनेजमेंट) है। कुछ विश्वविद्यालय और संस्था स्नातकोत्तर स्तर पर एमएफसी (मास्टर ऑफ फाइनेंस एंड कंट्रोल), एमबीए (फाइनेंस), एमएमएस (वित्त में विशेषज्ञता के साथ मास्टर ऑफ मैनेजमेंट साइंस) आदि पाठ्यक्रम भी संचालित करते हैं। उक्त पाठ्यक्रमों को करने के बाद कंपनी वित्त में रोजगार की काफी उजली संभावनाएं हैं।
कैपिटल मार्केट
भारत में शेयर बाजार भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा संचालित और नियंत्रित किए जा रहे हैं। निवेश गतिविधियों से संबंधित पिाधिकारियों में दलाल, उप-दलाल, विवाचक, ठेकेदार, निवेश विश्लेषक, सुरक्षा विश्लेषक, न्यासी भागीदारी, न्यासी, कृत्रिम व्यापारी, पोर्टफोलियो मैनेजर्स आदि शामिल हैं। सेबी जैसे संगठन स्वयं वित्त और संबंधित क्षेत्रों के विभिन्न पदों जैसे शेयर बाजार स्पेशलिस्ट, रिस्क एनालिस्ट, स्टॉक एनालिस्ट, पोर्टफोलियो मैनेजर, फाइनेंस प्लानर, ईकोनॉमिस्ट आदि के रूप में व्यवसायियों की भर्ती करते हैं। इन पिाधिकारियों की भर्ती लिखित परीक्षा और उसके बाद इंटरव्यू तथा ग्रुप डिस्कशन के आधार पर की जाती है। सरकार और सेबी द्वारा प्रशासित भर्ती करने वालों में स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया, नेशनल सिक्योरिटीज डिपोजिटरीज लिमिटेड और सेंट्रल डिपोजिटरी सर्विसेज इंडिया लिमिटेड आदि शामिल हैं।
इंटरनेशनल ट्रेड
विभिन्न देशों के बीच अधिकाधिक निर्यात और आयात को देखते हुए व्यापार ने अब अंतरराष्ट्रीय रूप धारण कर लिया है। अंतरराष्ट्रीय व्यापार को आज ऐसे व्यक्तियों की आवश्यकता है, जिन्हें अंतरराष्ट्रीय वित्त में विशेषज्ञता के साथ अंतरराष्ट्रीय व्यापार की जानकारी भी हो। इस क्षेत्र में संभावित भर्ती करने वाले संगठनों में स्टेट ट्रेडिंग कॉर्पोरेशंस, निर्यात और आयात में लगे निजी संगठन, विदेश व्यापार करने वाली जहाजरानी और लॉजिस्टिक कंपनियां, एक्जिम बैंक, बैंकों और वित्तीय संस्थानों के विदेशी मुद्रा और ट्रेजरी प्रबंधन विभाग आदि शामिल हैं। भारतीय विदेश व्यापार संस्थान, नई दिल्ली, विदेश व्यापार में नियमित स्नातकोत्तर उपाधि और डिप्लोमा पाठ्यक्रमों का संचालन करता है। इसी प्रकार विभिन्न विश्वविद्यालयों के शिक्षण विभागों के एमबीए कोर्स और आईआईएम संस्थानों द्वारा अंतरराष्ट्रीय वित्त प्रबंधन और अंतरराष्ट्रीय व्यापार में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं।
फाइनेंस कंसल्टेंसी
यदि आप आकर्षक व्यक्तित्व के धनी हैं तथा लोगों से मिलने में अभिरुचि रखते हैं तो यह क्षेत्र आपके लिए परफेक्ट है। अनेक कंपनियां व्यक्तियों और संस्थाओं को अनुसंधान और परामर्श संबंधी व्यापार में सेवाएं देने के लिए आगे आ रही हैं। बैकों ने भी पोर्टफोलियो मैनेजमेंट, परियोजना परामर्श, परिसंपत्ति प्रबंधन, इक्विटी और पूंजी बाजार में अनुसंधान, ट्रेजरी मैनेजमेंट, निर्यात प्रबंधन आदि प्रभाग खोले हैं। कुछ निजी संगठन भी वित्तीय परामर्श व्यापार में संलग्न हैं। आप विश्वसनीय और प्रभावकारी अभिव्यक्ति कौशल के जरिए लोगों का विश्वास जीतकर धन कमा सकते हैं। इसके लिए अपेक्षित योग्यताओं में वित्त या फाइनेंस प्लानिंग में डिग्री/डिप्लोमा के साथ वित्तीय निर्णय लेने और उनका विश्लेषण करने के लिए अपेक्षित नवीनतम जानकारी और तकनीक का ज्ञान अत्यंत आवश्यक है।
फाइनेंस रिसर्च-एजुकेशन
अगर आप जिज्ञासु प्रवृत्ति वाले व्यक्ति हैं, पढ़ने और धारणाओं का विश्लेषण करने में रुचि रखते हैं, विषय की जटिल शब्दावली और उसके तकनीकी पहलुओं की गहरी समझ आप में है तो शिक्षण आपके लिए सर्वाधिक भरोसेमंद और सुरक्षित व्यवसाय है। विभिन्न विश्वविद्यालय, संस्थान, कॉलेज, संगठन आदि वित्तीय पाठ्यक्रमों के शिक्षण और अनुसंधान में संलग्न हैं, जो वित्तीय आयोजना, पोर्टफोलियो मैनेजमेंट, शेयर बाजार, ट्रेजरी मैनेजमेंट, विदेशी मुद्रा प्रबंध, अंतरराष्ट्रीय वित्तीय प्रबंध आदि में विशेषज्ञता के साथ स्नातकोत्तर और डिप्लोमा पाठ्यक्रमों का संचालन करते हैं। इन पाठ्यक्रमों में शिक्षण और अनुसंधान के अनेक अवसर मौजूद हैं।
मीडिया सेक्टर
पिछले कुछ वर्षों में शेयर बाजार के कई घोटाले मीडिया द्वारा ही उजागर किए गए हैं। लोग अब युक्तिसंगत ढंग से निवेश संबंधी फैसले लेने लगे हैं, वे एजेंट की सलाह का अंधानुकरण नहीं करते अपितु कंपनियों के पिछले प्रोफाइल पर ध्यान देते हैं और यह सब उन्हें मीडिया मुहैया कराता है। यदि आपको सामान्य वित्तीय जानकारी तथा तकनीकी जानकारी है और आपकी अभिरुचि आम आदमी की भाषा में वित्त संबंधी खबरें पेश करने की है तो प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया आपको वांछित लक्ष्य तक पहुंचा सकता है। इस क्षेत्र में एडमिशन हेतु आपके पास वित्त में डिग्री/डिप्लोमा आदि के साथ अंग्रेजी भाषा पर पकड़ भी जरूरी है। इसके साथ मास कॉम में डिग्री/डिप्लोमा अतिरिक्त योग्यता मानी जाएगी।
फाइनेंसियल प्लानर
वित्तीय सेवाओं में सबसे ज्यादा मांग वित्तीय योजनाकारों की है, जो किसी कंपनी के वित्तीय संसाधनों की आयोजना और प्रबंधन के लिए जिम्मेदार होते हैं और तिनुरूप कंपनी की बढ़ोत्तरी, निवेश संबि्ध पक्षों के बीच उनकी हिस्सेदारी के बारे में परामर्श देते हैं। वे कर प्रबंधन के उपाय भी सुझाते हैं।
पोर्टफोलियो मैनेजर
ऐसा व्यवसायी, जो प्रतिभूतियों के जोखिम लाभ संबंध का बाजार की गतिविधियों के साथ मूल्यांकन करते हैं और बाजार की संबि्ध गतिविधियों का मूलभूत, कंपनी और तकनीकी विश्लेषण करते हैं उनकी नियुक्ति बैंकों, कंसल्टेंसी कंपनियों, शेयर बाजारों, वित्तीय संस्थानों, परिसंपत्ति प्रबंध कंपनियों, शेयर कंपनियों, मर्चेंट बैंकों, सेबी, क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों, डिपॉजिटरी और डिपॉजिटरी भागीदारों आदि संगठनों में होती है।
ट्रेजरी मैनेजर
ट्रेजरी और विदेशी मुद्रा संबंधी जोखिम का प्रबंध करने वाले व्यवसायी ट्रेजरी मैनेजर कहलाते हैं। इन प्रबंधकों की निर्यात घरानों, बैंकों, वित्तीय संस्थानों, अंतरराष्ट्रीय व्यापार में संलग्न व्यापारिक निगमों में विभिन्न स्तरों पर नियुक्ति की जाती है। वित्तीय सेवा क्षेत्र में उज्ज्वल करियर बनाने के लिए आपके पास वित्तीय क्षेत्र से जुड़ी डिग्री या व्यावसायिक उपाधि आवश्यक है। वित्तीय सेवा क्षेत्र में करियर बनाने के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता किसी भी विषय समूह से 12वीं उत्तीर्ण है। देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं संस्थानों में वित्तीय सेवा क्षेत्र से जुड़े अनेक पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं। राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न संस्थानों में संयुक्त एडमिशन परीक्षा के द्वारा एडमिशन दिया जाता है। इस प्रकार के पाठ्यक्रम सफलतापूर्वक करने के उपरांत वित्तीय सेवाओं में रोजगार के बहुत अच्छे अवसर उत्पन्न हो जाते हैं।
प्रमुख संस्थान
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बैंक मैनेजमेंट, पुणे
वेबसाइट-www.nibmindia.org
भारतीय वित्त संस्थान, दिल्ली
वेबसाइट-www.iif.edu
डॉ. सी.वी. रमन यूनिवर्सिटी, बिलासपुर
वेबसाइट-www.cvru.ac.in
चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, मोहाली
वेबसाइट-www.cuchd.in