डिजास्टर मैनेजमेंट में डिप्लोमा 1 साल की अवधि का कोर्स है जो आपात स्थिति, प्राकृतिक और मानव निर्मित आपदा के दौरान लोगों की सुरक्षा का अध्ययन करता है। इस पाठ्यक्रम के दौरान छात्र नए युग के भूभौतिकीय उपकरणों जैसे रिमोट सेंसिंग और भौगोलिक सूचना प्रणाली आदि का उपयोग करना सीखते हैं।
चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको डिप्लोमा इन डिजास्टर मैनेजमेंट से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी से अवगत कराएंगे कि आखिर डिजास्टर मैनेजमेंट में डिप्लोमा करने के लिए एलिजिबिलिटी क्या होनी चाहिए। इसका एडमिशन प्रोसेस क्या है, इसके लिए प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम कौन से हैं, इसे करने के बाद आपके पास जॉब प्रोफाइल क्या होंगी और उनकी सैलरी क्या होगी। भारत में डिजास्टर मैनेजमेंट में डिप्लोमा करने के लिए टॉप कॉलेज कौन से हैं और उनकी फीस क्या है।
• कोर्स का नाम- डिप्लोमा इन डिजास्टर मैनेजमेंट
• कोर्स का प्रकार- डिप्लोमा
• कोर्स की अवधि- 1 साल
• पात्रता- 12वीं
• एडमिशन प्रोसेस- एंट्रेंस एग्जाम/ मेरिट बेस्ड
• कोर्स फीस- 50,000 से 2 लाख तक
• जॉब सैलरी- 6 से 10 लाख
• जॉब प्रोफाइल- एनवायरमेंटल हेल्थ एंड सेफ्टी मैनेजर, हरिकेन प्रोग्राम मैनेजर, न्यूक्लियर इमरजेंसी डायरेक्टर, इमरजेंसी सर्विस डायरेक्टर, सेफ्टी स्पेशलिस्ट आदि।
• जॉब फील्ड- कॉलेज और विश्वविद्यालय, पेट्रोलियम कंपनियां, अनुसंधान और शैक्षिक संस्थान, अग्निशमन विभाग, रसायन उद्योग, बीमा कंपनियां आदि।
डिप्लोमा इन डिजास्टर मैनेजमेंट: पात्रता
- उम्मीदवारों के पास किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से किसी भी स्ट्रीम में 12वीं की मार्कशीट होनी चाहिए।
- उम्मीदवार के 12वीं कक्षा में कम से कम 50% अंक होने चाहिए।
डिप्लोमा इन डिजास्टर मैनेजमेंट: प्रवेश प्रक्रिया
किसी भी टॉप यूनिवर्सिटी में डिप्लोमा इन डिजास्टर मैनेजमेंट कोर्स में एडमिशन लेने के लिए, उम्मीदवारों को एंट्रेंस एग्जाम देने की आवश्यकता होती है जबकि कुछ कॉलेजों में मेरिट आधार पर भी एडमिशन दिए जाते हैं।
डिप्लोमा इन डिजास्टर मैनेजमेंट के लिए भारत के टॉप कॉलेजों द्वारा अपनाई जाने वाली एडमिशन प्रोसेस निम्नलिखित है
चरण 1: रजिस्ट्रेशन
- उम्मीदवार ऑफिशयल वेबसाइट पर जाएं।
- ऑफिशयल वेबसाइट पर जाने के बाद आवेदन फॉर्म भरें।
- आवेदन फॉर्म को भरने के बाद ठीक तरह से जांच लें यदि फॉर्म में गलती हुई तो वह रिजक्ट हो सकता है।
- मांगे गए दस्तावेज अपलोड करें।
- आवेदन पत्र सबमिट करें।
- क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से ऑनलाइन फॉर्म की फीस जमा करें।
एडमिशन के लिए आवश्यक दस्तावेज निम्नलिखित है
- 10वीं और 12वीं की मार्कशीट
- आपकी कक्षा 10वीं और 12वीं का पास सर्टिफिकेट
- जन्म तिथि प्रमाणपत्र
- विद्यालय छोड़ने का प्रमाणपत्र
- स्थानांतरण प्रमाण पत्र
- अधिवास प्रमाण पत्र / आवासीय प्रमाण या प्रमाण पत्र
- अनन्तिम प्रमाणपत्र
- चरित्र प्रमाण पत्र
- अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति / अन्य पिछड़ा जाति प्रमाण पत्र
- विकलांगता का प्रमाण (यदि कोई हो)
- प्रवासन प्रमाण पत्र
चरण 2: एंट्रेंस एग्जाम
- यदि उम्मीदवार डिप्लोमा इन डिजास्टर मैनेजमेंट में एडमिशन लेने के लिए टॉप यूनिवर्सिटी का लक्ष्य रखते हैं, तो उनके लिए एंट्रेंस एग्जाम क्रेक करना अत्यंत आवश्यक है। जिसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरी हो जाने के बाद एडमिट कार्ड जारी किए जाते हैं। जिसमें की एंट्रेंस एग्जाम से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी दी जाती है जैसे कि एग्जाम कब और कहां होगा आदि।
- बता दें कि डिप्लोमा इन डिजास्टर मैनेजमेंट के लिए एडमिशन प्रोसेस एंट्रेंस एग्जाम पर निर्भर करती है। योग्य उम्मीदवारों का चयन आगे इंट्रव्यू के आधार पर किया जाता है।
चरण 3: एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट
एंट्रेंस एग्जाम हो जाने के कुछ दिन बाद उसका रिजल्ट घोषित किया जाता है जिसके लिए, छात्रों को नियमित रूप से विश्वविद्यालय की वेबसाइटों और सोशल मीडिया हैंडल की जांच करके खुद को अपडेट रखना चाहिए।
चरण 4: इंट्रव्यू एंड एनरोलमेंट
- एंट्रेंस एग्जाम में पास होने वाले छात्रों को यूनिवर्सिटी द्वारा इंट्रव्यू में उपस्थित होने के लिए कहा जाएगा - या तो ऑनलाइन (स्काइप, गूगल मीट, ज़ूम) या ऑफ़लाइन छात्रों को यूनिवर्सिटी परिसर में बुलाकर।
- इस दौरान, अन्य सभी एलिजिबिली क्राइटेरिया को क्रॉस चेक किया जाता है और यदि छात्र इंटरव्यू में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें डिजास्टर मैनेजमेंट में डिप्लोमा का अध्ययन करने के लिए एडमिशन दिया जाता है।
डिप्लोमा इन डिजास्टर मैनेजमेंट: सिलेबस
सेमेस्टर 1
- कूटनीतिक प्रबंधन
- अवधारणाओं, दृष्टिकोण और आपदाओं के सिद्धांत
- आपदा में अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों की भूमिका
- आपातकालीन योजना - हताहत प्रबंधन और हानि आकलन
- आपदा प्रबंधन में सिस्टम
- आपदा प्रबंधन में वित्त और बीमा
- अवधारणाओं, दृष्टिकोण, और आपदाओं के सिद्धांत
- आपदाओं में सार्वजनिक स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य का परिचय
सेमेस्टर 2
- आपदा प्रबंधन के प्रयोगशाला पहलू
- आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर रणनीति
- आपदा प्रबंधन शिक्षा
- आपदा प्रबंधन की मूल अवधारणा
- रिमोट सेंसिंग और भौगोलिक सूचना की भूमिका
- भारत में आपदा प्रबंधन तंत्र
- आपदा प्रबंधन में अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों की भूमिका
- पर्यावरण पर आपदा का प्रभाव
सेमेस्टर 2
- रिज़ॉर्ट और परिवहन प्रबंधन
- बुक कीपिंग की मूल बातें
- विदेशी भाषा
- उद्यमशीलता
- प्रबंधन के सिद्धांत
डिप्लोमा इन डिजास्टर मैनेजमेंट: टॉप कॉलेज और उनकी फीस
- पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़- फीस 60,000
- इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, नई दिल्ली- फीस 65,000
- कश्मीर विश्वविद्यालय, श्रीनगर- फीस 9,000
- स्वामी रामानंद तीर्थ मराठवाड़ा विश्वविद्यालय, नांदेड़- फीस 5,500
- जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय, नई दिल्ली- फीस 15,000
- क्राइस्ट कॉलेज इरिंजलकुडा, त्रिशूर- फीस 50,000
- स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय, सागर- फीस 27,600
- सिम्बायोसिस इंस्टीट्यूट ऑफ जियोइन्फॉर्मेटिक्स, पुणे- फीस 50,000
- टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान, मुंबई- फीस 45,000
डिप्लोमा इन डिजास्टर मैनेजमेंट: जॉब प्रोफाइल और सैलरी
- एनवायरमेंटल हेल्थ एंड सेफ्टी मैनेजर- सैलरी 5 लाख
- हरिकेन प्रोग्राम मैनेजर- सैलरी 4 लाख
- न्यूक्लियर इमरजेंसी डायरेक्टर- सैलरी 5.23 लाख
- इमरजेंसी सर्विस डायरेक्टर- सैलरी 4.5 लाख
- सेफ्टी स्पेशलिस्ट- सैलरी 3.8 लाख
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