डिप्लोमा इन सेरेमिक इंजीनियरिंग 3 साल का कोर्स है जिसमें प्रवेश एंट्रेंस और मेरिट बेस दोनों माध्यमों से लिया जा सकता है। सेरेमिक इंजीनियरिंग में डिप्लोमा छात्र कक्षा 10वीं के बाद कर सकते हैं। इस कोर्स की फीस की बात करें तो कोर्स की फीस 9 हजार से 1.80 लाख तक के बीच हो सकती है। कोर्स करने के बाद आप सेल्स एग्जीक्यूटीन, प्रोडक्शन एंड मेंटिनेस इंजीनियर और साइट इंजीनियर जैसे अन्य पदों पर कार्य कर सकते हैं। इन पदों पर आप साल का 2 से 4 लाख रुपये कमा सकते हैं। इस कोर्स में छात्रों को इंजीनियरिंग ड्रॉइंग, इंडस्ट्रियल मैनेजमेंट, इंट्रोडक्शन टू कंप्यूटर, इंडस्ट्रियल ऑपरेशन, पोटरी एंड रिफेक्ट्री और ग्लास एंड एनामेल जैसे कई विषयों का ज्ञान दिया जाता है।
डिप्लोमा इन सेरेमिक इंजीनियरिंग : योग्यता
डिप्लोमा इन सेरेमिक इंजीनियरिंग करने के लिए छात्रों को किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से कक्षा 10वीं पास होना अनिवार्य है।
कक्षा 10वीं में छात्र का गणित पढ़ा होना अनिवार्य है।
कक्षा 10वीं में छात्र के कम से कम 40 से 45 प्रतिशत अंक होने चाहिएं तभी वह कोर्स के लिए आवेदन कर सकता है।
डिप्लोमा इन सेरेमिक इंजीनियरिंग : प्रवेश प्रक्रिया
इस कोर्स में प्रवेश छात्र एंट्रेंस और मेरिट दोनों ही आधारों पर ले सकते हैं। मेरिट बेर पर प्रवेश लेने वाले छात्रों को उनके द्वारा कक्षा 10वीं में प्राप्त अंकों के आधार पर प्रवेश दिया जाएगा। शिक्षण संस्थान कोर्स में प्रवेश के लिए कट ऑफ जारी करेगा जिसके आधार पर छात्र कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं।
एंट्रेंस टेस्ट पर शिक्षण संस्थान द्वारा आयोजित किया जाता है। इस परीक्षा में छात्रों के प्रदर्शन के आधार पर उन्हें कोर्स में प्रवेश देने के लिए आमंत्रित किया जाता है।
आवेदन प्रक्रिया -
चरण 1 - कोर्स में प्रवेश लेने के लिए छात्रों को शिक्षण संस्थानों की आधिकारिक वेबसाइट पर जा कर आवेदन करना होगा।
चरण 2 - आधिकारिक वेबसाइट पर छात्रों को साइन इन करना है और लॉगिन कर आवेदन पत्र को भरना है।
चरण 3 - आवेदन पत्र में छात्रों को अपन कुछ व्यक्तिगत जानकारी के साथ अपनी एजुकेशनल जानकारी को भरना है।
चरण 4 - आवेदन पत्र में मांगे गए डाक्यूमेंट्स आदि को अपलोड करना है।
चरण 5 - सारी जानकारी भरने और डाक्यूमेंट्स अपलोड करने के बाद आपको आवेदन शुल्क का भुगतान करना है।
चरण 6 - छात्र आवेदन फॉर्म भरने के बाद आवेदन फॉर्म का प्रिंट जरूर लें।
डिप्लोमा इन सेरेमिक इंजीनियरिंग : सिलेबस
3 साल के डिप्लोमा इन सेरेमिक इंजीनियरिंग के कोर्स को समेस्टर सिस्टम के तहत 6 समेस्टर में बांटा गया है। जो इस प्रकार है-
समेस्टर 1
- अप्लाइड मैथमेटिक्स 1
- अप्लाइड फिजिक्स 1
- इंट्रोडक्शन टू ग्लास एंड सेरेमिक इंजीनियरिंग
- इंजीनियरिंग ड्रॉइंग
- इंट्रोडक्शन टू कंप्यूटर
समेस्टर 2
- अप्लाइड मशीन 1
- अप्लाइड मैथमेटिक्स 2
- अप्लाइड फिजिक्स 2
- अप्लाइड केमेस्ट्री 1
- वर्कशॉप प्रैक्टिस
समेस्टर 3
- अप्लाइड केमेस्ट्री 2
- फंडामेंटल इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग
- मैकेनिकल एंड सिविल इंजीनियरिंग
- इंडस्ट्रियल ऑपरेशन
- पोटरी एंड रिफेक्ट्री
- मॉडलिंग एंड माउल्ड लैब
समेस्टर 4
- ग्लास एंड एनामेल
- ग्लास एंड सेरेमिक
- इंजीनियरिंग ड्रॉइंग
- इंडस्ट्रियल कैलकुलेशन एंड एनवायरमेंटल पॉल्यूशन
- फ्यूल फर्नेसस एंड पय्रोमैट्री
- एलिमेंट ऑफ जियोलॉजी
- इंडस्ट्रियल विस्ट
समेस्टर 5
- इंडस्ट्रियल मैनेजमेंट
- मॉड्रन सेरेमिक एंड इट्स एप्लीकेशन
- पोटरी एंड प्रोक्लेन 1
- रिफैक्ट्री टेक्नोलॉजी
- ग्लास टेक्नोलॉजी
- पोटरी एंड रिफैक्ट्री लैब
- ग्लास एंड सेरेमिक वर्कशॉर
- इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग
समेस्टर 6
- एनवायरमेंटल एजुकेशन एंड डिसास्टर मैनेजमेंट
- सीमेंट एंड लीम
- सेरेमिक मशीनरी एंड फर्नेस डिजाइन
- ग्लास एंड सेरेमिक
- इंजीनियरिंग ड्राइंग 2
- इलेक्टिव विषय
- लैब
- प्रोजेक्ट
- इंडस्ट्रियल विस्टि
डिप्लोमा इन सेरेमिक इंजीनियरिंग : जॉब प्रोफाइल
- सेल्स एग्जीक्यूटिव
- प्रोडक्शन एंड मेंटिनेस इंजीनियर
- साइट इंजीनियर
- सेरेमिक डिजाइनर
- सेरेमिक टेक्नोलॉजिस्ट
- क्वालिटी कंट्रोल एनालिस्ट