Cover Letter Tips In Hindi: आज के समय में किसी जॉब के लिए आवेदन करने के लिए सिर्फ रिज्यूमे या बायोडाटा ही काफी नही है। अब अधिकतर कंपनियां रिज्यूमे के साथ कवर लेटर भी मांगती है। लेकिन ऐसे कई लोग है जिनको रिज्यूमे, सीवी या बॉयोडाटा तो पता होता है लेकिन कवर लेटर के बारे में उन्हें नही पता होता है। अगर आप से भी किसी जॉब एप्लिकेशन के साथ कवरिंग लेटर की मांग की गई है तो आपको पता ही होगा कि एक अच्छा कवर लेटर लिखना कितना चुनौतीपूर्ण होता है। यहां पर आज हम आपको कवर लेटर क्या होता है? कवर लेटर कैसे लिखा जाता है, और एक अच्छे कवर लेटर में कौन-कौन सी बातें होती है के बारे में बताने जा रहे है।
तो आइये जानते है कवर लेटर से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें (Cover Letter Tips In Hindi)-
जानिए क्या होता है कवर लेटर?
कवर लेटर को हम इस तरह से समझ सकते है, किसी फिल्म के रिलीज होने से पहले उसका टीज़र लोगों के सामने लाया जाता है ताकि लोग उस फिल्म को देखने के लिए आकर्षित हो सके ठीक उसी तरह कवर लेटर भी रिक्रूटर को आपके बारे में जानने और आपके रिज्यूमे को ठीक से पढ़ने के लिए आकर्षित करता है। अगर आप एक बहुत अच्छा रिज्यूमे बनाते है लेकिन उसके साथ कवर लेटर नही सेंड करते है तो उस रिज्यूमे को पढ़ने के चांस कम हो जाते है। अगर आप चाहते है कि आपकी प्रोफाइल को देखा जाएं तो आपको एक छोटा सा कवर लेटर जरूर लिखना चाहिए। हालाँकि सभी कंपनियां कवर लेटर की मांग नही करती है लेकिन अधिकतर कंपनियां चाहती है कि रिज्यूमे के साथ एक कवर लेटर भी उन्हें भेजा जाए ताकि आपकी प्रोफाइल को वो अच्छे से देख सके। अगर जॉब मार्केट में आप अपनी मांग चाहते है तो आपको एक अच्छा कवर लेटर लिखना बेहद जरूरी है। तो आइये जानते है कैसे लिखें एक बेहतरीन कवर लेटर-
कवर लेटर लिखने के लिए जरूरी टिप्स-
एक बेहतरीन कवर लेटर में ये 6 बातें होना बेहद जरूरी है-
1.ऐसे करे शुरूआत-
कवर लेटर लिखने की शुरूआत उस अधिकारी या मैनेजर के नाम से करें जिसे कवर लेटर लिखना है। इसके अलावा कवर लेटर लिखते समय आदरणीय, डियर, पर्सनल डायरेक्टर जैसे शब्दों परहेज करें अगर आप किसी का नाम लिखेंगे तो आपका कवर लेटर बाकियों से काफी अलग होगा। हालाँकि आप जिस जगह अप्लाई कर रहे है वहां पर किसी अधिकारी का नाम जानना थोड़ा मुश्किल होता है, लेकिन थोड़ी सी रिसर्च करके आप नाम जान सकते है। अगर आप किसी अधिकारी को उसके नाम से संबोधित करते है तो उसका ज्यादा इंप्रैशन पड़ता है।
2.कवर लेटर में फोकस करें सिर्फ इस बात पर-
एक अच्छा केवर लेटर रिक्रूटर को ये बताता है कि इस जॉब प्रोफाइल के लिए आप क्यो उपयुक्त है। और इस कंपनी के लिए आगामी समय में आपका क्या योगदान रहेगा। इसके अलावा आप कंपनी और उस जॉब के बारे में रिसर्च करके ये बातें लिख सकते है कि इस जॉब प्रोफाइल के लिए आप बेस्ट च्वाइस क्यों है। इसके अलावा आप अपने एक्सपीरियंस को जोड़कर भी कुछ बातें लिख सकते है कि कैसे आप अपने एक्सपीरियंस का उस जॉब में इस्तेमाल कर सकते है।
3.आप कंपनी के लिए कैसे फायदेमंद होगें ये जरूर लिखें-
कोई रिक्रूटर जब किसी एम्प्लॉयी को जॉब पर रखता है तो वह यही सोचता है यह शख्स कंपनी के लिए कैसे फायदेमंद हो सकता है। इसके लिए कवर लेटर में इस बात का जिक्र होना बेहद जरूरी है कि आप उस कंपनी के लिए क्या कर सकते है। आप चाहे तो इसके लिए अपने पुराने एक्सपीरियंस और डिग्री के बारे में बता सकते है कि मेरे पास इस फील्ड का इतना एक्सपीरियंस है और मै आपकी कंपनी को कितना आगे ले जा सकता हूँ।
4.ज्यादा एक्साइटमेंट ना दिखाएं-
कवर लेटर में एक्साइटमेंट जैसी बातों का उल्लेख नही करें जैसे मुझे आपके कॉल का बेसब्री से इंतजार है, मैं आशा करता हूँ कि मुझे आपसे इंटरव्यू की कॉल आएगी जैसे वाक्यों का प्रयोग नही करें। इससे सामने वाले को आपकी उत्सुकता और बेसब्री का पता चलता है और ये सामने वाले पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। इसके बजाय आप ये लिख सकते है कि आप खुद उनसे संपर्क करके इंटरव्यू के लिए पूछेंगे। इससे रिक्रूटर पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
5.स्पेलिंग मिस्टेक का रखे खास ध्यान-
कवर लेटर लिखते समय और एक बार अच्छे से पढ़कर जरूर देखें, इससे स्पेलिंग मिस्टेक पकड़ में आ जाती है। स्पेलिंग मिस्टेक आपके लापरवाह होने की बात कहती है जिससे रिक्रूटर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसलिए ध्यान रखे कि कवर लेटर में किसी भी तरह की स्पेलिंग मिस्टेक या व्याकरण संबंधी गलती तो नही है।
6.कवर लेटर के साइज का रखे ध्यान-
आज के समय में हर किसी के पास समय की कमी है इसलिए इसलिए कोई भी आपका 2-3 पेज का कवर लेटर नही पढ़ना चाहेगा। इसलिए कवर लेटर साइज का खास ध्यान रखें। कवर लेटर का साइज कभी भी एक पेज से ज्यादा नही होना चाहिए। कवर लेटर जितना संक्षिप्त होगा उसका उसर उतना ही ज्यादा और प्रभावी होगा। इसलिए कवर लेटर को सिर्फ एक पेज तक ही सिमित रखे।