मोबाइल फोन आज के दौर में मनुष्य के लिए उसकी जान से ज्यादा कीमती होता जा रहा है। क्योंकि मोबाइल ही एक मात्र ऐसी चीज है जिसके माध्यम से इंसान जब जो चाहे, जहां चाहे, वहां कुछ भी काम कर सकता है। मोबाइल फोन की डिमांड को देखते हुए दिन-प्रतिदिन मार्केट में इसका कॉम्पीटीशन बढ़ता जा रहा है। हर रोज कोई न कोई कंपनी एक नया फोन लांच करती है। जिसे भारी मात्रा में लोगों द्वारा खरीदा जाता है। लेकिन सोचनीय विषय तो ये है कि मोबाइल फोन की डिमांड को देखते हुए इसके प्रॉडकशन और रिपेयरिंग के लिए मार्केट में जॉब ऑपशेन उतने ही बढ़ रहे हैं।
बता दें कि 10वीं कक्षा पास करने के बाद छात्र मोबाइल रिपेयरिंग का सर्टिफिकेट कोर्स कर सकते हैं। जिसमें की छात्रों को मोबाइल फोन बनाने से लेकर उसे ठीक करने तक हर चीज सिखाई जाती है। इस सर्टिफिकेट कोर्स करने के बाद मोबाइल रिपेयरिंग के स्टोर में काम करने से लेकर खुद की मोबाइल दुकान भी खोल सकते हैं। तो चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको मोबाइल रिपेयरिंग से संबंधित सर्टिफिकेट कोर्स की सभी जानकारी देते हैं।
मोबाइल रिपेयरिंग कोर्स क्या है?
मोबाइल रिपेयरिंग कोर्स में मोबाइल सॉफ्टवेयर और मोबाइल हार्डवेयर दोनों विष्य शामिल होते हैं। जिसमें की कई कॉलेज विभिन्न प्रकार के मोबाइल रिपेयरिंग कोर्स प्रदान करते हैं। यह कोर्स छात्रों को विभिन्न प्रकार के मोबाइल और बुनियादी टेलीफोन के साथ व्यावहारिक अनुभव प्रदान करता है। मोबाइल रिपेयरिंग कोर्स मोबाइल टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में एक स्वरोजगार कार्यक्रम है। इस कोर्स में मोबाइल फोन हार्डवेयर समस्या निवारण, स्मार्टफोन वर्जन्स, रिबूटिंग, डेटाबेस प्रशासन, सिक्रेट कोड यूज, जैसे विषयों को शामिल किया गया है। इस कोर्स में रुचि रखने वाले छात्रों को 10वीं बोर्ड परीक्षा पास करना आवश्यक है। मोबाइल रिपेयरिंग सर्टिफिकेशन कोर्स का उद्देश्य छात्रों का मोबाइल फोन के ज्ञान और क्षमताओं में सुधार करना है।
मोबाइल रिपेयरिंग कोर्स के लिए एलिजिबिलिटी
जो उम्मीदवार 10वीं कक्षा में पास होने के तुरंत बाद मोबाइल रिपेयरिंग का कोर्स करना चाहते हैं, तो वो अवश्य इस कोर्स को कर सकते हैं। हालांकि, इस कोर्स में एडमिशन लोने के लिए कोई स्पेशल एंट्रेंस एग्जाम नहीं होता है।
मोबाइल रिपेयरिंग कोर्स करने के बाद स्कोप
मोबाइल रिपेयरिंग कोर्स को करने के बाद छात्र प्राइवेट और सरकारी दोनों तरह के कई सेक्टर में काम कर सकते हैं। वे मोबाइल स्टोर, सर्विस सेंटर और अन्य कंपनियों सहित विभिन्न सेटिंग्स में काम करते हैं। मोबाइल रिपेयरिंग में कोर्स करने के बाद छात्र मोबाइल रिपेयरर, सर्विस सेंटर मैनेजर या फोन रिपेयर कंसल्टेंट के रूप में काम कर सकते हैं।
- मोबाइल रिपेयरर
मोबाइल फोन मरम्मत विभिन्न प्रकार के सेलफोन और स्मार्टफोन को स्थापित करने, परीक्षण करने, विश्लेषण करने और मरम्मत करने के प्रभारी हैं। यदि कर्मचारी बड़े रिटेलर के लिए काम करते हैं, तो उन्हें हर दिन लगभग 9-10 घंटे या शिफ्ट में काम करना पड़ सकता है। उन्हें फोन के पुर्जों को अलग करना चाहिए, खामियों या दोषपूर्ण भागों की खोज करनी चाहिए, समस्या वाले भागों को ठीक करना या बदलना चाहिए, और फिर यह सुनिश्चित करने के लिए फोन का परीक्षण करना चाहिए कि वे ठीक से काम कर रहे हैं।
- सर्विस सेंटर मैनेजर
सर्विस सेंटर मैनेजर उन ग्राहकों की सहायता करते हैं उनकी कंपनी के प्रोडक्ट एंड सर्विस का उपयोग कर रहे हैं। मोबाइल सर्विस सेंटर में ग्राहकों के फोन और ईमेल का आमने-सामने विनम्रता से संवाद किया जाता है। वे ग्राहकों की समस्याओं को देखते हैं और उनका समाधान करते हैं जो ग्राहक सेवा सहायकों द्वारा सौंपी गई हैं, जो कठिन या लंबे समय से चली आ रही हो सकती हैं।
मोबाइल रिपेयरिंग कोर्स करने के बाद जॉब प्रोफाइल और टॉप रिक्रूटर्स
जिन लोगों ने मोबाइल रिपेयरिंग कोर्स पूरा कर लिया है, उन्हें भारत में कई मोबाइल सर्विसिंग आउटलेट्स द्वारा हायर किया जाता है। निम्न कंपनियां उन्हें उपर्युक्त नौकरियों और प्रोफाइल के लिए काम पर रखती हैं।
• सैमसंग सर्विस सेंटर
• नोकिया सर्विस सेंटर
• एप्पल सर्विस सेंटर
• ब्लैकबेरी सर्विस सेंटर
भारत के टॉप मोबाइल रिपेयरिंग कॉलेज
एक कई प्राइवेट और सरकारी दोनों तरह के शैक्षणिक संस्थान हैं, जो मोबाइल रिपेयरिंग का कोर्स कराते हैं। आइए देखते हैं भारत के टॉप मोबाइल रिपेयरिंग कॉलेज की सूची
1. इंटरसॉफ्ट टेक्नीकल इंस्टीट्यूट
2. फास्ट टेक इंस्टीट्यूट
3. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफोरमेशन टेक्नोलॉजी
4. ब्रिटको और ब्रिडको
5. सिद्धू टेक्नीकल इंस्टीट्यूट
6. जॉर्ज टेलीग्राफ इंस्टीट्यूट
7. ग्लोबल इंस्टीट्यूट ऑफ सेलुलर टेक्नोलॉजी
8. एबीसी मोबाइल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, दिल्ली
बता दें कि मोबाइल रिपेयरिंग एक कोर्स है जिसे करने के बाद आसानी से नौकरी मिल जाती है। चाहे वो भारत में हो या किसी ओर देश में। लोगों की जिंदगी में मोबाइल फोन की जरूरत को देखते हुए इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि ये कोर्स जल्दी नौकरी पाने वाले छात्रों के लिए एक बेहतर विकल्प है। ध्यान देने योग्य: इस कोर्स को पूरा करने के बाद छात्र ये उम्मीद न करें कि उन्हें सीधा लाखों की नौकरी मिलेगी। मोबाइस रिपेयरिंग का कोर्स करने के बाद इसमें नौकरी का औसतन वेतन प्रति माह 10 से 30 हजार के बीच तक का हो सकता है।