कक्षा 10वीं से ही छात्र अपने करियर के बारे में सोचना शुरू कर देते हैं क्योंकि ये वहीं समय होता है जिसमें आप क्या करना चाहते हैं किस स्ट्रीम से पढ़ना चाहते हैं और आगे क्या करना है, इन सभी बातों का फैसला टिका होता है। 10वीं पास करके 11वीं में प्रवेश ही छात्रों के लिए करियर की ओर पहले कदम जैसा होता है। आज के इस दौर को देखते हुए और बढ़ रही प्रतिस्पर्धा को देखते हुए छात्र अब कक्षा 10वीं से ही कई सर्टिफिकेट कोर्सेस में प्रवेश लेना शुरू कर देते हैं। कक्षा 10वीं और 12वीं में छात्र पढ़ते हुए छात्र कई कोर्सेस में प्रवेश लेते हैं ताकि अपना रिज्यूमे में इन कोर्सेस को शामिल करके अपनी नॉलेज आदी के बारे में बता सकें। ऐसे में कई शिक्षण संस्थान छात्रों के लिए कई प्रकार के सर्टिफिकेट कोर्स जारी कर रहें है। इन कोर्सेस के माध्यम से छात्र अपनी पसंद के कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं और साथ ही अनपी नॉलेज बढ़ा कर रोजमरा के जीवन में इन सभी का प्रयोग कर सकते हैं। इन सभी अच्छे सर्टिफिकेट कोर्सेस में से एक कोर्स है सर्टिफिकेट इन क्लिनिकल साइकोलॉजी जिसे छात्र कक्षा 10वीं और 12वीं के बाद कर सकते हैं। इस कोर्स के छात्रों को क्लिनिकल साइकोलॉजी के सभी बेसिक पहलुओं के बारे में जानने को मिलता है। ये कोर्स साइंस, थ्योर, और क्लिनिकल नॉलेज का एक मिश्रण हैं। इस कोर्स का मुख्य उद्देश्य साइकोलॉजिकल आधारित संकट, डिस्फंक्शन, पर्सनल डेवलपमेंट और व्यक्ति के क्लयाण को बढ़ावा दिया जाता है। इस कोर्स के माध्यम से पेशंट के स्थिति का मुल्यांकन किया जाता है जिसके आधाप पर उसकी मानसिक स्थिति को समझा जा सकें।
सर्टिफिकेट इन क्लिनिकल साइकोलॉजी 6 महीने से 1 साल का कोर्स है। कोर्स की अवधि शिक्षण संस्थान पर निर्भर करती है क वह कितने समय का कोर्स छात्रों को ऑफर करता है। मुख्य तौर पर इस कोर्स की अवधि 6 महीने की होती है। इस सर्टिफिकेट कोर्स की खास बात ये है कि इसे आप अपनी अन्य शिक्षा के साथ भी कर सकते हैं। आज के युग की बात करें तो समाज में साइकोलॉजिस्ट की काफि अधिक डिमांड है जिसे ध्यान में रखते हुए ये करियर के एक अच्छा ऑप्शन साबित हो सकता है। आइए कोर्स के बारे में विस्तार में जाने-
सर्टिफिकेट इन क्लिनिकल साइकोलॉजी
सर्टिफिकेट इन क्लिनिकल साइकोलॉजी 6 महीने से 1 साल का कोर्स है। ये कोर्स छात्र ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से कर सकते हैं। कई संस्थान है जो इसे ऑनलाइन करवाने लगे है जिससे आप अपने घर पर रह भी कर सकते हैं। ऑफलाइन कोर्स करने के इच्छा रखने वाले छात्रों के लिए कुछ संस्थान है जो इन सर्टिफिकेट कोर्स को ऑफलाइन ऑफर करते हैं। जिसकी जानकारी नीचे दी गई है। इसी के साथ क्लिनिकल साइकोलॉजी में कई तरह के कोर्स भी शामिल है।
सर्टिफिकेट इन क्लिनिकल साइकोलॉजी : योग्यता
क्लिनिकल साइकोलॉजी में सर्टिफिकेट कोर्स करने की इच्छा रखने वाले छात्रों को किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान से कक्षा 10वीं और 12वीं से पास होना आवश्यक है।
सर्टिफिकेट इन क्लिनिकल साइकोलॉजी: मेजर विषय
- चाइल्ड साइकोलॉजी
- काउंसलिंग एंड साइकोलॉजी
- चाइल्ड एंड एडोलिसेंट
- थेरेपी एंड फैमिली थेरेपी
सर्टिफिकेट इन क्लिनिकल साइकोलॉजी: कोर्स फीस
क्लिनिकल साइकोलॉजी में सर्टिफिकेट कोर्स की फीस 2 हजार से 30 हजार तक हो सकती है। इस कोर्स की फीस पूरी तरह से संस्थान आधारित है। कोर्स की फीस संस्थान की रैंक पर भी आधारित होती है इसी के साथ सरकारी के मुकाबले प्राइवेट संस्थानों की फीस अधिक होती है।
सर्टिफिकेट इन क्लिनिकल साइकोलॉजी: कॉलेज
बीआर अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर, बिहार - 6 महीने
भारतीय पुनर्वास परिषद, दिल्ली - 1 वर्ष
राज नारायण कॉलेज, वैशाली, बिहार - 6 महीने
सर्टिफिकेट इन क्लिनिकल साइकोलॉजी: ऑनलाइन कोर्स
इंट्रोडक्शन टू एबनॉरमल बिहेवियर एंड क्लिनिकल साइकोलॉजी
संस्थान का नाम - Udemy
अवधि - 6.5 घंटे
फीस - 6400/- रुपये
इंट्रोडक्शन टू साइकोलॉजी
संस्थान का नाम - कोर्सेरा
अवधि - 15 घंटे
फीस 2,155/- रुपये
इंट्रोडक्शन टो डेवलपमेंट सोशल एंड क्लिनिकल साइकोलॉजी
संस्थान का नाम - Edx
अवधि - 7 महीने
फीस - 6,300/- रुपये
सर्टिफिकेट इन काउंसलिंग एंड साइकोलॉजी
संस्थान का नाम - रॉयल इंस्टिट्यूशन
अवधि - 3 महीने
फीस - 6,300/- रुपये
जॉब प्रोफाइल
चाइल्ड साइकोलॉजी
फैमिली साइकोलॉजी
काउंसलर
साइकोलॉजिस्ट