लगातार बढ़ रही आगजनी की घटनाओं के चलते अब प्रोफेशनल फायर इंजीनियरों की मांग बहुत बढ़ गई है। पिछले कुछ सालों में फायर इंजीनियरिंग करियर का एक बेहतरीन विकल्प बनकर उभरा है। फायर इंजीनियरिंग एक ऐसी फिल्ड है जिसमें आग लगने के प्रकार, आग बुझाने के तरीके, आग बुझाने के इक्वीपमेंट, आग में घिरे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालना आदि बातों का प्रशिक्षण दिया जाता है। ये एक ऐसी फिल्ड है जिसमें आपको आग बुझाने के लिए साहस और सूझबूझ का प्रशिक्षण दिया जाता है। इंजीनियरिंग की बाकी फिल्ड की तरह इसमें भी करियर की बेहतरीन संभावनाएं है, इस क्षेत्र में फायरमैन से लेकर चीफ फायर अफसर जैसे पदों पर काम किया जा सकता है।
फायर इंजीनियरिंग में करियर बनाना है चुनौतीपूर्ण
वैसे तो इस फिल्ड में करियर की कई संभावनाएं है लेकिन फायर इंजीनियरिंग एक चुनौतीपूर्ण करियर है। इस करियर को चुनने से पहले आपको मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार होना जरूरी है। इस फिल्ड में आने से पहले अच्छा है कि आप इसके बारे में सभी जानकारी एकत्रित कर लें। अभी हाल ही में देश में कुछ जगह हुई आगजनी की घटनाओं में न सिर्फ लाखों का नुकसान हुआ था बल्कि कई लोगों की जान भी गई थी इसलिए इस करियर का चुनाव करने से पहले इसकी चुनौतियों के बारे में जरूर जान लें।
फायर इंजीनियर: वर्क प्रोफाइल
ये एक बेहतरीन करियर के साथ ही जनसेवा भी है। इन लोगों का मुख्य काम आग लगने के कारणों को पता लगाना और उसे रोकना है। इसकी पढ़ाई के दौरान आग बुझाने के यंत्रों की तकनीकी जानकारी दी जाती है, स्प्रिंक्लर सिस्टम, अलार्म, पानी की बौछार का सबसे सटीक इस्तेमाल, कम से कम समय और कम संसाधनों में ज्यादा से ज्यादा जान-माल की रक्षा करना सिखाया जाता है।
फायर इंजीनियर बनने के लिए शैक्षणिक और शारीरिक योग्यता
फायर इंजीनियरिंग के डिग्री और डिप्लोमा कोर्स में दाखिला लेने के लिए आपको कैमिस्ट्री, फिजिक्स अथवा गणित विषयों के साथ कम से कम 50 प्रतिशत अंको के साथ 12वीं पास होना जरूरी है। वहीं इसके बी. ई. (फायर) के डिग्री कोर्स के लिए ऑल इंडिया एंट्रैस एग्जाम भी होता है। इसके अलावा फायर इंजीनियरिंग में करियर बनाने के लिए शारीरिक योग्यता भी देखी जाती है, पुरूषों के लिए न्यनतम लंबाई 165 सेंमी. वजन 50 किग्रा., वहीं महिलाओं के लिए न्यूनतम लंबाई 157 सेंमी. और वजन 46 किग्रा. होना चाहिए। आखों की बात करें तो नजरें दोनों के लिए 6/6 होनी चाहिए और उम्र 19 से 23 वर्ष होना चाहिए।
फायर इंजीनियरिंग में करियर बनाने के लिए विभिन्न कोर्स
बी.ई. (फायर) के अलावा भी इसमें कई कोर्स होते है जैसे डिप्लोमा इन फायर एंड सेफ्टी, पीजी डिप्लोमा इन फायर एंड सेफ्टी, बीएससी इन फायर इंजीनियरिंग, सर्टिफिकेट इन फायर फाइटिंग, फायर टैक्नोलॉजी एंड इंडस्ट्रीयल सेफ्टी मैनेजमेंट, इंडस्ट्रीयल सेफ्टी सुपरवाइ़र, रैस्क्यू एंड फायर फाइटिंग जैसे कोर्स शामिल है।
फायर इंजीनियरिंग का कोर्स करने के बाद नौकरी
एक्सपर्ट के अनुसार फायर इंजीनियरिंग फिल्ड में रोजगार की अपार संभावनाएं है। पहले केवल मेट्रो शहरों में ही फायर स्टेशन होते थे, लेकिन आज हर जिले और कस्बें में फायर स्टेशन बन रहे है। इसके अलावा हर सरकारी और प्राइवेट सेक्टर में एक फायर इंजीनियर की नियुक्ती अनिवार्य कर दी गई है। इसके अलावा इस फिल्ड के प्रोफेशनल की जरूरत आर्किटैक्चर और बिल्डिंग निर्माण, इंश्योरैंस एसैसमैंट, प्रोजेक्ट मैनेजमैंट, रिफाइनरी, गैस फैक्ट्री, निर्माण उद्योग, प्लास्टिक, एलपीजी एंड कैमिकल प्लांट आदि जगहों में नौकरी के कई अवसर मौजूद है।
फायर इंजीनियर की सैलरी
इस फिल्ड में शुरूआती तौर पर आप 10 से 15 हजार रूपये महीना कमा सकते है। इस फिल्ड में अच्छा एक्सपीरियंस रखने वाले 1 से 1.50 लाख रूपये महीना तक कमा सकते है। वहीं 15 से 20 साल के एक्सपीरियंस के बाद आप खुद की फायर सेफ्टी एजेंसी भी शुरू कर सकते है।
फायर इंजीनियरिंग का कोर्स करने के लिए टॉप कॉलेज
- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टैक्नोलॉजी, खड़गपुर, पश्चिम बंगाल
- राष्ट्रीय अग्रिशमन सेवा महाविद्यालय, पालम रोड, नागपुर, महाराष्ट्र
- दिल्ली इंस्टीट्यूट ऑफ फायर इंजीनियरिंग, नई दिल्ली