फाइनेंस में पीजीडीएम 2 साल की अवधि का एक फुल टाइम कोर्स है जो कि उम्मीदवारों को वित्तीय संस्थानों और वित्तीय क्षेत्र के अन्य संगठनों में नौकरी पाने में मदद करता है। पीजीडीएम इन फाइनेंस कोर्स में बुनियादी वित्तीय लेखांकन सिद्धांत और उनका व्यावहारिक कार्यान्वयन शामिल है। इस कोर्स को करने के बाद छात्र भारत समेत अन्य देशों में भी नौकरी कर सकते हैं।
चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको पीजी डिप्लोमा मैनेजमेंट इन फाइनेंस से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी से अवगत कराएंगे कि आखिर फाइनेंस में पीजी डिप्लोमा मैनेजमेंट कोर्स करने के लिए एलिजिबिलिटी क्या होनी चाहिए। इसका एडमिशन प्रोसेस क्या है, इसके लिए प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम कौन से हैं, इसे करने के बाद आपके पास जॉब प्रोफाइल क्या होंगी और उनकी सैलरी क्या होगी। भारत में फाइनेंस में पीजी डिप्लोमा मैनेजमेंट कोर्स करने के लिए टॉप कॉलेज कौन से हैं और उनकी फीस क्या है।
• कोर्स का नाम- पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा मैनेजमेंट इन फाइनेंस
• कोर्स का प्रकार- पोस्ट ग्रेजुएट
• कोर्स की अवधि- 2 साल
• पात्रता- स्नातक
• एडमिशन प्रोसेस- एंट्रेंस एग्जाम
• अवरेज सैलरी- 6 से 8 लाख तक
• कोर्स फीस- 1 से 20 लाख तक
• जॉब प्रोफाइल- प्रोजेक्ट मैनेजर, मैनेजर - कैपिटल मार्केट्स, इंवेस्टमेंट बैंकर्स, बिजनेस एनालिस्ट, ईटीसी रिस्क मैनेजर, क्रेडिट एनालिस्ट, लायबिलिटीज मैनेजर, एसेट्स मैनेजर, ऑपरेशंस मैनेजर, एंटी मनी लॉन्ड्रिंग स्पेशलिस्ट, फॉरेक्स स्पेशलिस्ट, इंस्पेक्शन एंड ऑडिट स्पेशलिस्ट आदि।
• जॉब फील्ड- पूंजी बाजार, म्युचुअल फंड, डेरिवेटिव, मुद्रा और कमोडिटी बाजार, वित्तीय सेवाएं, निवेश बैंकिंग, ट्रेजरी, वेल्थ मैनेजमेंट, स्टॉक ब्रोकिंग, एसेट मैनेजमेंट, वित्तीय पत्रकारिता आदि।
पीजी डिप्लोमा मैनेजमेंट इन फाइनेंस: पात्रता
- उम्मीदवारों के पास किसी मान्यता प्राप्त कॉलेज या विश्वविद्यालय से सांख्यिकी, गणित, जैविक विज्ञान, कंप्यूटर अनुप्रयोग, आदि में स्नातक की डिग्री होनी चाहिए।
- उम्मीदवार स्नातक डिग्री में कुल मिलाकर कम से कम 60% अंक होने चाहिए।
- उम्मीदवारों को अपनी पसंद के कॉलेजों में सीट सुरक्षित करने के लिए सामान्य प्रवेश परीक्षा जैसे कैट, जीमैट, एक्सएटी, सीएमएटी, एटीएमए और स्नैप में किसी एक को भी उत्तीर्ण करना चाहिए।
- अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग से संबंधित उम्मीदवारों को अनिवार्य प्रक्रिया के रूप में पाठ्यक्रम कार्यक्रम में 5% छूट प्रदान की जाती है।
पीजी डिप्लोमा मैनेजमेंट इन फाइनेंस: प्रवेश प्रक्रिया
किसी भी टॉप यूनिवर्सिटी में पीजी डिप्लोमा मैनेजमेंट इन फाइनेंस कोर्स में एडमिशन लेने के लिए, उम्मीदवारों को एंट्रेंस एग्जाम देने की आवश्यकता होती है। एंट्रेंस एग्जाम में पास होने के बाद पर्सनल इंट्रव्यू होता है और यदि उम्मीदवार उसमें अच्छा स्कोर करते हैं, तो उन्हें स्कोलरशिप भी मिल सकती है।
पीजी डिप्लोमा मैनेजमेंट इन फाइनेंस के लिए भारत के टॉप कॉलेजों द्वारा अपनाई जाने वाली एडमिशन प्रोसेस निम्नलिखित है
चरण 1: रजिस्ट्रेशन
- उम्मीदवार ऑफिशयल वेबसाइट पर जाएं।
- ऑफिशयल वेबसाइट पर जाने के बाद आवेदन फॉर्म भरें।
- आवेदन फॉर्म को भरने के बाद ठीक तरह से जांच लें यदि फॉर्म में गलती हुई तो वह रिजक्ट हो सकता है।
- मांगे गए दस्तावेज अपलोड करें।
- आवेदन पत्र सबमिट करें।
- क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से ऑनलाइन फॉर्म की फीस जमा करें।
चरण 2: एंट्रेंस एग्जाम
- यदि उम्मीदवार पीजी डिप्लोमा मैनेजमेंट इन फाइनेंस में एडमिशन लेने के लिए टॉप यूनिवर्सिटी का लक्ष्य रखते हैं, तो उनके लिए एंट्रेंस एग्जाम क्रेक करना अत्यंत आवश्यक है। जिसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरी हो जाने के बाद एडमिट कार्ड जारी किए जाते हैं। जिसमें की एंट्रेंस एग्जाम से संबंधित सभी जानकारी दी जाती है जैसे कि एग्जाम कब और कहां होगा, आदि।
- बता दें कि पीजी डिप्लोमा मैनेजमेंट इन फाइनेंस के लिए एडमिशन प्रोसेस कैट, जीमैट, एक्सएटी, सीएमएटी, एटीएमए और स्नैप आदि जैसे एंट्रेंस एग्जाम पर निर्भर करती है। योग्य उम्मीदवारों का चयन आगे इंट्रव्यू के आधार पर किया जाता है।
चरण 3: एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट
एंट्रेंस एग्जाम हो जाने के कुछ दिन बाद उसका रिजल्ट घोषित किया जाता है जिसके लिए, छात्रों को नियमित रूप से विश्वविद्यालय की वेबसाइटों और सोशल मीडिया हैंडल की जांच करके खुद को अपडेट रखना चाहिए।
चरण 4: इंट्रव्यू एंड एनरोलमेंट
- एंट्रेंस एग्जाम में पास होने वाले छात्रों को यूनिवर्सिटी द्वारा इंट्रव्यू में उपस्थित होने के लिए कहा जाएगा - या तो ऑनलाइन (स्काइप, गूगल मीट, ज़ूम) या ऑफ़लाइन छात्रों को यूनिवर्सिटी परिसर में बुलाकर।
- इस दौरान, अन्य सभी एलिजिबिली क्राइटेरिया को क्रॉस चेक किया जाता है और यदि छात्र इंटरव्यू में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें पीजी डिप्लोमा मैनेजमेंट इन फाइनेंस का अध्ययन करने के लिए एडमिशन दिया जाता है।
पीजी डिप्लोमा मैनेजमेंट इन फाइनेंस: सिलेबस
सेमेस्टर 1
- प्रबंधन के सिद्धांत
- वित्तीय लेखांकन
- संचार और साक्षात्कार की तैयारी के मूल तत्व
- मानव संसाधन प्रबंधन
- विपणन प्रबंधन
- प्रबंधकीय अर्थशास्त्र
सेमेस्टर 2
- रणनीतिक प्रबंधन
- लागत लेखांकन
- एकीकृत प्रबंधक
- नवाचार प्रबंधन
- साक्षात्कार और नेटवर्किंग कौशल में महारत हासिल करना
- परियोजना कार्य
सेमेस्टर 3
- वित्तीय प्रबंधन - I
- वित्तीय प्रबंधन - II
- उन्नत प्रत्यक्ष कर और सेवा कर
- निवेश प्रबंधन - I
- निवेश प्रबंधन - II
- प्रोजेक्ट - आईएसआर
सेमेस्टर 4
- परियोजना वित्त
- विलय और अधिग्रहण
- खुदरा बैंकिंग
- अंतर्राष्ट्रीय वित्त
- परियोजना
पीजी डिप्लोमा मैनेजमेंट इन फाइनेंस: टॉप कॉलेज और उनकी फीस
- फैकल्टी ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज - [एफएमएस], दिल्ली- फीस 1.92 लाख
- इंडियन इंस्टीट्यूशन ऑफ मैनेजमेंट बैंगलोर - [आईआईएमबी], बैंगलोर- फीस 1.0 लाख
- इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी - [आईएमटी], गाजियाबाद- फीस 19 लाख
- प्रिं. एल.एन. वेलिंगकर इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट डेवलपमेंट एंड रिसर्च, मुंबई- फीस 11.04 लाख
- सिम्बायोसिस सेंटर ऑफ डिस्टेंस लर्निंग, पुणे- फीस 20 लाख
- नरसी मोंजी इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज - [एनएमआईएमएस], बंगलौर- फीस 20 लाख
- राष्ट्रीय निर्माण प्रबंधन और अनुसंधान संस्थान - [एनआईसीएमएआर]
पीजी डिप्लोमा मैनेजमेंट इन फाइनेंस: जॉब प्रोफाइल और सैलरी
- प्रोजेक्ट मैनेजर- सैलरी 1 से 2 लाख
- निवेश बैंकर- सैलरी 7 से 8 लाख
- प्रबंधक- पूंजी बाजार- सैलरी 11 से 12 लाख
- व्यापार विश्लेषक- सैलरी 7 से 8 लाख
- लेखा तकनीशियन- सैलरी 1 से 2 लाख
- प्रबंधक -जोखिम और विनियमन- सैलरी 9 से 10 लाख
- पोर्टफोलियो प्रबंधक- सैलरी 1 से 2 लाख
- निवेश सलाहकार- सैलरी 3 से 4 लाख
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