पीजी डिप्लोमा इन ट्रांसपोर्ट मैनेजमेंट 1 से 2 साल तक की अवधि का फुल टाइम कोर्स है, जिसे परिवहन उद्योग के लिए परिवहन और प्रबंधन के नए और गतिशील आयामों को विकसित करने और उनमें अत्यधिक कुशल श्रमिकों की बढ़ती मांगों को बनाए रखने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह कोर्स कामकाजी वास्तविकता व परिवहन और प्रबंधन की चुनौतियों के लिए एक मजबूत आधार की सुविधा प्रदान करता है।
चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको पीजी डिप्लोमा इन ट्रांसपोर्ट मैनेजमेंट से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी से अवगत कराएंगे कि आखिर ट्रांसपोर्ट मैनेजमेंट में पीजी डिप्लोमा करने के लिए एलिजिबिलिटी क्या होनी चाहिए। इसका एडमिशन प्रोसेस क्या है, इसके लिए प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम कौन से हैं, इसे करने के बाद आपके पास जॉब प्रोफाइल क्या होंगी और उनकी सैलरी क्या होगी। भारत में पीजी डिप्लोमा इन ट्रांसपोर्ट मैनेजमेंट करने के लिए टॉप कॉलेज कौन से हैं और उनकी फीस क्या है।
• कोर्स का नाम- पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन ट्रांसपोर्ट मैनेजमेंट
• कोर्स का प्रकार- पोस्ट ग्रेजुएट
• कोर्स की अवधि- 2 साल
• पात्रता- स्नातक
• एडमिशन प्रोसेस- एंट्रेंस एग्जाम
• अवरेज सैलरी- 50,000 से 2 लाख तक
• कोर्स फीस- 2 से 8 लाख तक
• जॉब प्रोफाइल- खरीद प्रबंधक, सामरिक योजनाकार, खरीद विश्लेषक, सामग्री प्रबंधक, खरीद प्रबंधक, गोदाम प्रबंधक इत्यादि।
• टॉप रिक्रूटर्स- एयर इंडिया, एक्सपो फ्रेट लॉजिस्टिक्स, पार्ले, ब्रिटानिया, नेस्ले, इम्पेक्स आदि।
पीजी डिप्लोमा इन ट्रांसपोर्ट मैनेजमेंट: पात्रता
- उम्मीदवारों के पास किसी मान्यता प्राप्त कॉलेज या विश्वविद्यालय से सांख्यिकी, गणित, जैविक विज्ञान, कंप्यूटर अनुप्रयोग, आदि में स्नातक की डिग्री होनी चाहिए।
- उम्मीदवार स्नातक डिग्री में कुल मिलाकर कम से कम 60% अंक होने चाहिए।
- उम्मीदवारों को अपनी पसंद के कॉलेजों में सीट सुरक्षित करने के लिए सामान्य प्रवेश परीक्षा जैसे कैट, एक्सएटी, मैट और सीएमएटी में किसी एक को भी उत्तीर्ण करना चाहिए।
- अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग से संबंधित उम्मीदवारों को अनिवार्य प्रक्रिया के रूप में पाठ्यक्रम कार्यक्रम में 5% छूट प्रदान की जाती है।
पीजी डिप्लोमा इन ट्रांसपोर्ट मैनेजमेंट: प्रवेश प्रक्रिया
किसी भी टॉप यूनिवर्सिटी में पीजी डिप्लोमा इन ट्रांसपोर्ट मैनेजमेंट कोर्स में एडमिशन लेने के लिए, उम्मीदवारों को एंट्रेंस एग्जाम देने की आवश्यकता होती है। एंट्रेंस एग्जाम में पास होने के बाद पर्सनल इंट्रव्यू होता है और यदि उम्मीदवार उसमें अच्छा स्कोर करते हैं, तो उन्हें स्कोलरशिप भी मिल सकती है।
पीजी डिप्लोमा इन ट्रांसपोर्ट मैनेजमेंट के लिए भारत के टॉप कॉलेजों द्वारा अपनाई जाने वाली एडमिशन प्रोसेस निम्नलिखित है
चरण 1: रजिस्ट्रेशन
- उम्मीदवार ऑफिशयल वेबसाइट पर जाएं।
- ऑफिशयल वेबसाइट पर जाने के बाद आवेदन फॉर्म भरें।
- आवेदन फॉर्म को भरने के बाद ठीक तरह से जांच लें यदि फॉर्म में गलती हुई तो वह रिजक्ट हो सकता है।
- मांगे गए दस्तावेज अपलोड करें।
- आवेदन पत्र सबमिट करें।
- क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से ऑनलाइन फॉर्म की फीस जमा करें।
चरण 2: एंट्रेंस एग्जाम
- यदि उम्मीदवार पीजी डिप्लोमा इन ट्रांसपोर्ट मैनेजमेंट में एडमिशन लेने के लिए टॉप यूनिवर्सिटी का लक्ष्य रखते हैं, तो उनके लिए एंट्रेंस एग्जाम क्रेक करना अत्यंत आवश्यक है। जिसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरी हो जाने के बाद एडमिट कार्ड जारी किए जाते हैं। जिसमें की एंट्रेंस एग्जाम से संबंधित सभी जानकारी दी जाती है जैसे कि एग्जाम कब और कहां होगा, आदि।
- बता दें कि पीजी डिप्लोमा इन ट्रांसपोर्ट मैनेजमेंट के लिए एडमिशन प्रोसेस कैट, स्नैप, मैट और एक्सएटी आदि जैसे एंट्रेंस एग्जाम पर निर्भर करती है। योग्य उम्मीदवारों का चयन आगे इंट्रव्यू के आधार पर किया जाता है।
चरण 3: एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट
एंट्रेंस एग्जाम हो जाने के कुछ दिन बाद उसका रिजल्ट घोषित किया जाता है जिसके लिए, छात्रों को नियमित रूप से विश्वविद्यालय की वेबसाइटों और सोशल मीडिया हैंडल की जांच करके खुद को अपडेट रखना चाहिए।
चरण 4: इंट्रव्यू एंड एनरोलमेंट
- एंट्रेंस एग्जाम में पास होने वाले छात्रों को यूनिवर्सिटी द्वारा इंट्रव्यू में उपस्थित होने के लिए कहा जाएगा - या तो ऑनलाइन (स्काइप, गूगल मीट, ज़ूम) या ऑफ़लाइन छात्रों को यूनिवर्सिटी परिसर में बुलाकर।
- इस दौरान, अन्य सभी एलिजिबिली क्राइटेरिया को क्रॉस चेक किया जाता है और यदि छात्र इंटरव्यू में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें पीजी डिप्लोमा इन ट्रांसपोर्ट मैनेजमेंट का अध्ययन करने के लिए एडमिशन दिया जाता है।
पीजी डिप्लोमा इन ट्रांसपोर्ट मैनेजमेंट: सिलेबस
सेमेस्टर 1 - मैनेजमेंट फंडामेंटल्स
- प्रबंधन की बुनियादी अवधारणाएं
- प्रबंधन के कार्य
- निर्णय लेना
- वर्तमान रुझान और चुनौतियां
- वैश्विक परिदृश्य में प्रबंधन
सेमेस्टर 2 - आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन की अनिवार्यता
- आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन और नेटवर्क का परिचय
- मांग प्रबन्धन
- आपूर्ति श्रृंखला योजना
- स्थान विकल्प
- आपूर्ति श्रृंखला में संगठन और नियंत्रण
सेमेस्टर 3 - रसद प्रबंधन
- रसद प्रबंधन का परिचय
- वितरण नेटवर्क डिजाइन करना
- सामग्री हैंडलिंग और पैकेजिंग
- परिवहन
- रसद बाजार में आईटी की भूमिका
सेमेस्टर 4 - खरीद और आपूर्तिकर्ता संबंध प्रबंधन
- खरीदारी का परिचय
- क्रय नीतियां और गतिविधियां
- एक आपूर्तिकर्ता का चयन
- आपूर्तिकर्ता संबंधों का विकास और रखरखाव
- क्रय निर्णयों में गुणवत्ता का महत्व
पीजी डिप्लोमा इन ट्रांसपोर्ट मैनेजमेंट: टॉप कॉलेज और उनकी फीस
- अन्ना विश्वविद्यालय, कोयम्बटूर- फीस 26,000
- आंध्र विश्वविद्यालय, विशाखापत्तनम- फीस 10,000
- एशियन स्कूल ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट, भुवनेश्वर- फीस 1,50,000
- एएसएम इंस्टीट्यूट ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट, पुणे- फीस 1,35,000
- इंस्टीट्यूट ऑफ लॉजिस्टिक्स एंड एविएशन मैनेजमेंट, नई दिल्ली- फीस 4,30,000
- लंदन कॉलेज ऑफ बिजनेस एंड फाइनेंस (एलसीबीएफ), कोच्चि- फीस 2,50,000
पीजी डिप्लोमा इन ट्रांसपोर्ट मैनेजमेंट: जॉब प्रोफाइल और सैलरी
- प्रोडक्ट मैनेजर- सैलरी 7 लाख
- सप्लाई मैनेजर- सैलरी 3 लाख
- वेयरहाउस सुपरवाइजर- सैलरी 2.50 लाख
- ऑपरेशन डायरेक्टर- सैलरी 6 लाख
- प्रचेज मैनेजर- सैलरी 6.5 लाख
- मार्केटिंग मैनेजर- सैलरी 5.5 लाख
- सेल्स मैनेजर- सैलरी 8 लाख
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