अक्सर छात्र 10वीं करने के बाद सोचते हैं कि उन्हें आगे किस स्ट्रीम में जाना है। सांइस, कॉमर्स, और आर्टस् लेकिन कुछ छात्र ऐसे भी होते हैं जो 10वीं करने के बाद सीधा कोई डिप्लोमा कोर्स करकर जल्दी नौकरी करना चाहते हैं। तो आइए आज के इस आर्टिकल में हम आपको एक ऐसी ही कोर्स पेट्रोलियम इंजीनियरिंग के बारे में बताने जा रहे हैं जो कि आप 10 वीं के बाद कर सकते हैं।
पॉलिटेक्निक पेट्रोलियम इंजीनियरिंग डिप्लोमा क्या है?
पेट्रोलियम इंजीनियरिंग डिप्लोमा में पेट्रोलियम उद्योग का परिचय, गैस और तरल का प्रवाह, परीक्षण, तंत्र जैसे विषय शामिल हैं। छात्रों को पेट्रोलियम उद्योग, जलाशयों, तकनीकों के अनुकूलन आदि में उपयोग की जाने वाली कार्यप्रणाली भी सिखाई जाती है। इस डिप्लोमा कोर्स को पूरा करने के बाद छात्र पेट्रोलियम इंजीनियरिंग में बीटेक/बीई जैसे विषयों में आगे की पढ़ाई कर सकते हैं।
पेट्रोलियम इंजीनियरिंग में डिप्लोमा 3 साल का कोर्स है, जिसे 6 सेमेस्टर में बांटा गया है। पेट्रोलियम इंजीनियरिंग एक ऐसा कोर्स है जिसमें कि कच्चे तेल या प्राकृतिक गैस के व्यापक उत्पादन से संबंधित विषय पढ़ाए जाते हैं। छात्रों को इस कोर्स में कई नए विकास और उनके उपयोग के बारे में सिखाया जाता है। पेट्रोलियम इंजीनियरिंग में डिप्लोमा के लिए औसत पाठ्यक्रम शुल्क INR 45,000 से INR 1.50 लाख तक है।
पेट्रोलियम इंजीनियरिंग में डिप्लोमा के लिए पात्रता
- 10वीं पास कर चुके उम्मीदवार इस कोर्स में प्रवेश लेने के पात्र हैं।
- आवेदन करने के लिए उन्हें न्यूनतम 55% कुल की आवश्यकता होती है।
- उम्मीदवारों का चयन योग्यता परीक्षा में उनके प्रदर्शन और प्रवेश परीक्षा में उनके प्रदर्शन के आधार पर किया जाता है। इस कोर्स में प्रवेश के लिए कुछ स्वीकृत प्रवेश परीक्षाएं इस प्रकार हैं JEECUP, AP POLYCET, दिल्ली CET, TS POLYCET, झारखंड PECE आदि।
पेट्रोलियम इंजीनियरिंग में डिप्लोमा करने के बाद स्कोप
इस डिप्लोमा कोर्स को करने के बाद छात्र निम्न प्रकार के पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं। जैसे कि सहायक अभियंता (Assistant Engineer), तकनीकी सहायक (Technical Assistant), परियोजना सहायक (Project Assistant), सिविल कलाकार/ संपादक/ अनुसंधान सहायक (Research Assistant), सहायक प्रबंधक सीएचपी (Assistant Manager CHP), डिजाइन सहायक (Design Assistant), नियंत्रण और इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियर (Control & Instrumentation Engineer), विद्युत अभियंता (Electrical Engineer), प्रसारण अभियंता (Broadcast Engineer), और कई अन्य हैं। बता दें कि इसका औसत प्लेसमेंट वेतन INR 3 से 6 लाख तक है।
हालांकि, इस कोर्स की खास बात ये है कि पेट्रोलियम इंजीनियरिंग का डिप्लोमा पूरा करने के बाद छात्र सरकारी विभागों में भी आवेदन करने के लिए पात्र हो जाते हैं जैसे कि भारतीय रेलवे, डीआरडीओ, भारतीय सशस्त्र बल, राज्य बिजली बोर्ड, पीडब्ल्यूडी, नगर निगम, भेल, सेल, एंकर (अब पैनासोनिक) इलेक्ट्रिकल्स, ओरेवा। साथ ही क्रॉम्पटन ग्रीव्स, श्नाइडर इलेक्ट्रिक, गोदरेज इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स, हिंदुस्तान मोटर, टाटा स्टील एंड पावर लिमिटेड, जय बालाजी स्टील टाटा मोटर्स, टाटा मेटालिक, प्राइवेट सेक्टर में भी बहुत सी ऐसी कम्पनियां है जो कि इस कोर्स से स्नातक छात्रों की भर्ती करती है।
पेट्रोलियम इंजीनियरिंग में डिप्लोमा के कुछ शीर्ष कॉलेज
1. आदित्य इंजीनियरिंग कॉलेज, सुरमपालेम
2. ओपीजेएस विश्वविद्यालय, राजगढ़
3. निम्स विश्वविद्यालय, जयपुर
4. भगवंत विश्वविद्यालय, अजमेर
5. शासकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज, जोधपुर
6. आरजीआईपीटी अमेठी - राजीव गांधी पेट्रोलियम प्रौद्योगिकी संस्थान
7. AMET विश्वविद्यालय कनाथुर - समुद्री शिक्षा और प्रशिक्षण अकादमी
8. एपेक्स यूनिवर्सिटी, जयपुर
9. श्री वत्सवई कृष्णम राजू कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, वेस्ट गोदावरी
10. डीपीसी पॉलिटेक्निक कॉलेज, तमिलनाडु