पॉलिटेक्निक सिवील इंजीनियरिंग डिप्लोमा कोर्स: एमडिशन प्रोसेस, एलिजिबिलिटी, फीस और टॉप 10 कॉलेज

10वीं करने के बाद कुछ छात्र ऐसे होते हैं जो कि 12वीं करने के बजाए सीधा कोई डिप्लोमा कोर्स करकर जल्दी नौकरी पाना चाहते हैं। जिसके पीछे की वजह आर्थिक तंगी हो सकती है या आगे न पढ़ने की इच्छा। तो आइए आज के इस आर्टिकल में हम आपको पॉलिटेक्निक के एक ऐसे कोर्स सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा के बारे में बताना जा रहे हैं जो कि आप 10वीं के बाद आसानी से कर सकते हैं।

पॉलिटेक्निक सिविल इंजीनियरिंग डिप्लोमा क्या है?

सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा एक 3 साल का पॉलिटेक्निक कोर्स है जिसे 10 वीं कक्षा के बाद छात्रों द्वारा किया जा सकता है। इस कोर्स में छात्रों को सड़कों, बांधों, पुलों, भवनों आदि की प्रक्रिया, रखरखाव और निर्माण की रूपरेखा तैयार करना सिखाया जाता है। यह क्षेत्र इंजीनियरिंग की सबसे पुरानी शाखाओं में से एक है जिसमें कि निर्माण व डिजाइन से संबंधित चीजें सिखाई जाती है।

पॉलिटेक्निक सिवील इंजीनियरिंग डिप्लोमा कोर्स

सिविल इंजीनियरिंग डिप्लोमा कोर्स के लिए पात्रता

सिविल इंजीनियरिंग पॉलिटेक्निक डिप्लोमा में एडमिशन लेने के लिए छात्रों को कक्षा 10वीं में न्यूनतम 50% अंक की आवश्यकता होती है। जबकि आरक्षित श्रेणियों से संबंधित उम्मीदवारों को 5% की छूट प्रदान की जाती है। साथ ही एंट्रेंस एग्जाम में पास होना भी जरूरी होता है। सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा के लिए शीर्ष प्रवेश परीक्षा दिल्ली सीईटी, एपी जी, ओडिशा डीईटी, और एमपी पीपीटी आदि हैं।

सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा अवधि

10वीं के बाद सिविल इंजीनियरिंग कोर्स में डिप्लोमा की अवधि 3 साल होती है। इन 3 वर्षों में, पाठ्यक्रम को 6 सेमेस्टर में विभाजित किया गया है और प्रत्येक सेमेस्टर में 6 महीने की अवधि है।
अवधि:- 3 वर्ष (6 सेमेस्टर)

सिविल इंजीनियरिंग डिप्लोमा में प्रवेश प्रक्रिया

मुख्य रूप से तीन तरीके हैं जिनके माध्यम से आप किसी भी पॉलिटेक्निक कॉलेज में प्रवेश ले सकते हैं और सिविल इंजीनियरिंग कोर्स में डिप्लोमा कर सकते हैं। कुछ कॉलेज बिना किसी प्रवेश परीक्षा के सीधे प्रवेश देते हैं जबकि कुछ कॉलेज मेरिट सूची या प्रवेश परीक्षा के आधार पर प्रवेश लेते हैं।
• प्रत्यक्ष आधारित प्रवेश:- इस प्रक्रिया में आपको केवल सिविल इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम में डिप्लोमा के लिए आवेदन पत्र भरना होगा और आवेदन पत्र शुल्क भुगतान का भुगतान करना होगा।
• मेरिट आधारित प्रवेश:- इस प्रक्रिया में उम्मीदवारों का चयन मेरिट लिस्ट के आधार पर किया जाता है। मेरिट सूची 10वीं बोर्ड परीक्षा या समकक्ष परीक्षा में उम्मीदवार के प्रदर्शन पर आधारित है। आपको कॉलेज या बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन फॉर्म भरना होगा। साथ ही, आवेदन पत्र की फीस का भुगतान करें और वेबसाइट पर लिखे अपने दस्तावेज अपलोड करें।

• प्रवेश आधारित परीक्षा:- इस प्रक्रिया में उम्मीदवारों का चयन रैंकिंग के आधार पर किया जाता है। उम्मीदवारों को प्रवेश परीक्षा में उनके प्रदर्शन के आधार पर रैंक मिलती है। प्रवेश की पूरी प्रक्रिया इस प्रकार है:
चरण 1 - कॉलेज या राज्य शिक्षा बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
चरण 2 - डिप्लोमा पाठ्यक्रम के लिए आवेदन पत्र खोजें और खोलें।
चरण 3 - अपना विवरण प्रदान करके पूरा आवेदन पत्र भरें।
चरण 4 - उस वेब पेज पर लिखे कुछ दस्तावेज अपलोड करें।
चरण 5 - डिजिटल भुगतान के माध्यम से आवेदन पत्र शुल्क का भुगतान करें।
चरण 6 - अब, आपको एक रसीद मिलती है। उस रसीद को अपने सिस्टम या डिवाइस पर डाउनलोड करें।
अधिकारियों द्वारा जारी किए जाने पर अपना एडमिट कार्ड डाउनलोड करें। एडमिट कार्ड पर परीक्षा की तारीख और केंद्र लिखा होता है। परीक्षा तिथि पर परीक्षा दें। कुछ दिनों के बाद, अधिकारियों ने परिणाम घोषित किए। एक सप्ताह के बाद अधिकारी काउंसलिंग करेंगे। काउंसलिंग राउंड में अवश्य शामिल हों क्योंकि वहाँ से आपको कॉलेज के लिए आपका आवंटन पत्र मिलता है। अंत में, आवंटित कॉलेज का दौरा करें और प्रवेश लें।

सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा करने के बाद स्कोप

सिविल इंजीनियरिंग कोर्स में डिप्लोमा पूरा करने के बाद उम्मीदवारों को नौकरी के व्यापक अवसर मिलते हैं। भारत में बहुत सी निर्माण और रियल एस्टेट कंपनियां है जहां सिविल इंजीनिरयर्स को नौकरी मिल सकती है। यहां तक कि सरकारी क्षेत्र में भी सिविल इंजीनिरयर्स को नौकरी मिल सकती है।
नौकरी क्षेत्र
• निर्माण कंपनियां
• रियल एस्टेट कंपनियां
• रेलवे
• रोडवेज
• वास्तुकला कंपनियां
• ब्रिज बनाने वाली कंपनियां
जॉब प्रोफ़ाइल
• निर्माण संचालक (Construction Manager),
• स्थल अभियान्ता (Site Engineer),
• अधिशाषी अभियंता (Executive Engineer),
• तकनीशियन (Technician)
• सर्वेक्षक (Surveyors)
• परियोजना अभियंता (Project Engineer)
• निर्माण स्थल सहायक (Construction Site Assistant)
• जूनियर सिविल इंजीनियर (Junior Civil Engineer)
• भूतकनीकी अभियंता (Geotechnical Engineer)
औसत वेतन:- ₹2,00,000 से ₹6,00,000।

सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा के लिए टॉप 10 कॉलेज की सूची

1. जामिया मिलिया इस्लामिया (JMI) नई दिल्ली
2. लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (LPU) जालंधर, पंजाब
3. भारती विद्यापीठ डीम्ड यूनिवर्सिटी (BVDU) पुणे, महाराष्ट्र
4. सीवी रमन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (CVRCE) भुवनेश्वर, उड़ीसा
5. नीति मीनाक्षी प्रौद्योगिकी संस्थान और (NMIT) बैंगलोर, कर्नाटक
6. टेक्नो इंडिया यूनिवर्सिटी कोलकाता, पश्चिम बंगाल
7. महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी ऑफ बड़ौदा वडोदरा, गुजरात
8. इंटीग्रल यूनिवर्सिटी लखनऊ, उत्तर प्रदेश
9. गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक नासिक, महाराष्ट्र
10. संत लोंगोवाल इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी लोंगोवाल, पंजाब

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English summary
In today's article, we are going to tell you about one such course of polytechnic diploma in civil engineering which you can do easily after 10th. Diploma in Civil Engineering is a 3 year polytechnic course which can be pursued by students after 10th standard. In this course, students are taught to design the process, maintenance and construction of roads, dams, bridges, buildings etc.
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