मैनेजमेंट इन ई- बिजनेस 2 साल की अवधि का कोर्स है, जिसे आगे 4 सेमेस्टर में विभाजित किया गया है। इस कोर्स का उद्देश्य अपने नियोजित भागीदारों के साथ आपूर्ति श्रृंखला के संबंध को बनाए रखना है। बता दें कि ई-बिजनेस में पीजी डिप्लोमा करने के अनगिनत फायदे हैं। यह कोर्स आपको कई क्षेत्रों में विशेषज्ञता के रूप में बेहतर कैरियर की संभावनाएं प्रदान करेगा।
चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको पीजी डिप्लोमा मैनेजमेंट इन ई- बिजनेस से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी से अवगत कराएंगे कि आखिर ई- बिजनेस में पीजी डिप्लोमा मैनेजमेंट कोर्स करने के लिए एलिजिबिलिटी क्या होनी चाहिए। इसका एडमिशन प्रोसेस क्या है, इसके लिए प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम कौन से हैं, इसे करने के बाद आपके पास जॉब प्रोफाइल क्या होंगी और उनकी सैलरी क्या होगी। भारत में ई- बिजनेस में पीजी डिप्लोमा मैनेजमेंट कोर्स करने के लिए टॉप कॉलेज कौन से हैं और उनकी फीस क्या है।
• कोर्स का नाम- पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा मैनेजमेंट इन इलेक्ट्रॉनिक बिजनेस
• कोर्स का प्रकार- पोस्ट ग्रेजुएट
• कोर्स की अवधि- 2 साल
• पात्रता- स्नातक
• एडमिशन प्रोसेस- एंट्रेंस एग्जाम
• अवरेज सैलरी- 3 से 15 लाख तक
• टॉप रिक्रूटर्स- अमेज़न, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, इंफोसिस, रिलायंस कम्युनिकेशन, टीसीएस, एचसीएल टेक्नोलॉजीज आदि।
• जॉब प्रोफाइल- टीम लीडर, बिजनेस एनालिस्ट, एडमिनिस्ट्रेटर, सप्लाई चेन मैनेजर, प्रोजेक्ट मैनेजर, ऑपरेशन रिसर्च एनालिस्ट आदि।
पीजी डिप्लोमा मैनेजमेंट इन ई- बिजनेस: पात्रता
- उम्मीदवारों के पास किसी मान्यता प्राप्त कॉलेज या विश्वविद्यालय से सांख्यिकी, गणित, जैविक विज्ञान, कंप्यूटर अनुप्रयोग, आदि में स्नातक की डिग्री होनी चाहिए।
- उम्मीदवार स्नातक डिग्री में कुल मिलाकर कम से कम 60% अंक होने चाहिए।
- उम्मीदवारों को अपनी पसंद के कॉलेजों में सीट सुरक्षित करने के लिए सामान्य प्रवेश परीक्षा जैसे कैट, मैट, सीएमएटी, एटीएमए और एक्सएटी में किसी एक को भी उत्तीर्ण करना चाहिए।
- अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग से संबंधित उम्मीदवारों को अनिवार्य प्रक्रिया के रूप में पाठ्यक्रम कार्यक्रम में 5% छूट प्रदान की जाती है।
पीजी डिप्लोमा मैनेजमेंट इन ई- बिजनेस: प्रवेश प्रक्रिया
किसी भी टॉप यूनिवर्सिटी में पीजी डिप्लोमा मैनेजमेंट इन ई- बिजनेस कोर्स में एडमिशन लेने के लिए, उम्मीदवारों को एंट्रेंस एग्जाम देने की आवश्यकता होती है। एंट्रेंस एग्जाम में पास होने के बाद पर्सनल इंट्रव्यू होता है और यदि उम्मीदवार उसमें अच्छा स्कोर करते हैं, तो उन्हें स्कोलरशिप भी मिल सकती है।
पीजी डिप्लोमा मैनेजमेंट इन ई- बिजनेस के लिए भारत के टॉप कॉलेजों द्वारा अपनाई जाने वाली एडमिशन प्रोसेस निम्नलिखित है
चरण 1: रजिस्ट्रेशन
- उम्मीदवार ऑफिशयल वेबसाइट पर जाएं।
- ऑफिशयल वेबसाइट पर जाने के बाद आवेदन फॉर्म भरें।
- आवेदन फॉर्म को भरने के बाद ठीक तरह से जांच लें यदि फॉर्म में गलती हुई तो वह रिजक्ट हो सकता है।
- मांगे गए दस्तावेज अपलोड करें।
- आवेदन पत्र सबमिट करें।
- क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से ऑनलाइन फॉर्म की फीस जमा करें।
चरण 2: एंट्रेंस एग्जाम
- यदि उम्मीदवार पीजी डिप्लोमा मैनेजमेंट इन ई- बिजनेस में एडमिशन लेने के लिए टॉप यूनिवर्सिटी का लक्ष्य रखते हैं, तो उनके लिए एंट्रेंस एग्जाम क्रेक करना अत्यंत आवश्यक है। जिसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरी हो जाने के बाद एडमिट कार्ड जारी किए जाते हैं। जिसमें की एंट्रेंस एग्जाम से संबंधित सभी जानकारी दी जाती है जैसे कि एग्जाम कब और कहां होगा, आदि।
- बता दें कि पीजी डिप्लोमा मैनेजमेंट इन ई- बिजनेस के लिए एडमिशन प्रोसेस कैट, मैट, सीएमएटी, एटीएमए और एक्सएटी आदि जैसे एंट्रेंस एग्जाम पर निर्भर करती है। योग्य उम्मीदवारों का चयन आगे इंट्रव्यू के आधार पर किया जाता है।
चरण 3: एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट
एंट्रेंस एग्जाम हो जाने के कुछ दिन बाद उसका रिजल्ट घोषित किया जाता है जिसके लिए, छात्रों को नियमित रूप से विश्वविद्यालय की वेबसाइटों और सोशल मीडिया हैंडल की जांच करके खुद को अपडेट रखना चाहिए।
चरण 4: इंट्रव्यू एंड एनरोलमेंट
- एंट्रेंस एग्जाम में पास होने वाले छात्रों को यूनिवर्सिटी द्वारा इंट्रव्यू में उपस्थित होने के लिए कहा जाएगा - या तो ऑनलाइन (स्काइप, गूगल मीट, ज़ूम) या ऑफ़लाइन छात्रों को यूनिवर्सिटी परिसर में बुलाकर।
- इस दौरान, अन्य सभी एलिजिबिली क्राइटेरिया को क्रॉस चेक किया जाता है और यदि छात्र इंटरव्यू में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें पीजी डिप्लोमा मैनेजमेंट इन ई- बिजनेस का अध्ययन करने के लिए एडमिशन दिया जाता है।
पीजी डिप्लोमा मैनेजमेंट इन ई- बिजनेस: सिलेबस
सेमेस्टर 1
- प्रबंधन के सिद्धांत
- वित्तीय लेखांकन
- विभिन्न क्षेत्रों पर ई-व्यवसाय का प्रभाव
- ईप्रोक्योरमेंट और ई-पेमेंट सिस्टम
- ई-सरकार
- ई-बिजनेस मॉडल ओन्टोलॉजी
- परियोजना
सेमेस्टर 2
- कंप्यूटर नेटवर्किंग का बुनियादी ज्ञान
- निगम को भंग करना
- आईएस-आईटी मॉडल
- ई भुगतान
- ईबिजनेस का आर्थिक प्रभाव
- इंटरनेट पर एक ईसी योजना का कार्यान्वयन
- ई-स्टॉक और ई-आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन
सेमेस्टर 3
- ईबिजनेस का फाउंडेशन
- बाजार स्थान विश्लेषण
- ईबिजनेस इंफ्रास्ट्रक्चर और ई पर्यावरण
- ईकामर्स के बिल्डिंग ब्लॉक्स
- ई-बिजनेस रणनीतियां
- सीआरएम
- उत्पाद रणनीति
सेमेस्टर 4
- ईबिजनेस का समसामयिक अंक
- व्यापार प्रक्रिया बाहरी स्रोत से सेवाएं प्राप्त करना
- आईटी परियोजनाओं का प्रबंधन
- आईटी अनुपालन
- सूचना सुरक्षा और आईएस शासन
- अर्थशास्त्र
- परियोजनाएं और आकलन
पीजी डिप्लोमा मैनेजमेंट इन ई- बिजनेस: टॉप कॉलेज और उनकी फीस
- चंडीगढ़ विश्वविद्यालय, चंडीगढ़- फीस 70,000
- लाल बहादुर शास्त्री प्रबंधन संस्थान- फीस 7,20,000
- भारतीय प्रबंधन संस्थान, कोलकाता- फीस 1200,000
- मणिपाल उच्च शिक्षा अकादमी - एमएएचई, मणिपाल- फीस 59,000
- विनोद गुप्ता स्कूल ऑफ मैनेजमेंट, खड़गपुर- फीस 10,00,000
- जीएल बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च, ग्रेटर नोएडा- फीस 150,000
- गणपति विश्वविद्यालय, गुजरात- फीस 60,000
- माउंट कार्मेल कॉलेज, बैंगलोर- फीस 6,95,000
- प्रिं. एल.एन. वेलिंगकर इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट डेवलपमेंट एंड रिसर्च, मुंबई- फीस 5,50,000
- एमईटी कंप्यूटर विज्ञान संस्थान, मुंबई- फीस 8,00,000
- आईटीएम बिजनेस स्कूल, चेन्नई- फीस 760,000
पीजी डिप्लोमा मैनेजमेंट इन ई- बिजनेस: जॉब प्रोफाइल और सैलरी
- एसईओ कंटेंट राइटर- सैलरी 3 से 5 लाख
- कम्युनिटी बिल्डर- सैलरी 5.40 से 19 लाख
- बिजनेस एनालिस्ट- सैलरी 3 से 5.80 लाख
- सप्लाई चैन मैनेजर- सैलरी 5.88 से 20 लाख
- फाइनेंशियल मैनेजर- सैलरी 9 से 12 लाख
- डायरेक्टर ऑफ ई- कॉमर्स- सैलरी 19.80 लाख
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