मेडिकल रिकॉर्ड टेक्नोलॉजी में करियर (Career in Medical Record Technology)

मेडिकल रिकॉर्ड टेक्नोलॉजी मरीजों के मेडिकल रिकॉर्ड को मैनेज करने के की एक प्रक्रिया है जिसमें कि विभिन्न मेडिकल सॉफ्टवेयर्स और तकनीक से चलने वाली प्रणालियों का उपयोग किया जाता है। मेडिकल रिकॉर्ड टेक्नोलॉजी में छात्रों को हेल्थकेयर के क्षेत्र में मरीजों का डाटा रिकॉर्ड करने, उसे बनाए रखने और संरक्षित करने के लिए थ्योरेटिकल व प्रैक्टिकल नॉलेज दी जाती है। इसके अलावा, मेडिकल रिकॉर्ड तकनीशियन को बिलिंग और बीमा कोडिंग के साथ-साथ इलेक्ट्रॉनिक स्वास्थ्य रिकॉर्ड्स (ईएचआर) और इलेक्ट्रॉनिक मेडिकल रिकॉर्ड्स (ईएमआर) का उपयोग करने के तरीके के बारे में सिखाया जाता है।

आज के इस आर्टिकल में हम आपको मेडिकल रिकॉर्ड टेक्नोलॉजी से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी से अवगत कराएंगे कि आखिर ये कोर्स किस लिए बनाया गया है, इसका सिलेबस क्या है। इसमें एडमिशन लेने के लिए क्या एलिजिबिलिटी होनी चाहिए। इसका एडमिशन प्रोसेस क्या है, इसे करने के बाद आपके पास जॉब प्रोफाइल क्या होंगी और इस कोर्स को करने के लिए भारत के टॉप कॉलेज कौन से हैं।

मेडिकल रिकॉर्ड टेक्नोलॉजी में करियर

मेडिकल रिकॉर्ड सिस्टम को किसी भी हेल्थकेयर सेटिंग की रीढ़ माना जाता है क्योंकि यह सीधे डेटा से जुड़ा होता है और मेडिकल रिसर्च में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। मेडिकल रिकॉर्ड तकनीशियन न केवल रोगियों को क्वालिटी डेटा की सुविधा प्रदान करते हैं बल्कि वे रोगियों की देखभाल सुविधाओं को मजबूत करने के लिए मैनेजमेंट की सहायता भी करते हैं।

मेडिकल रिकॉर्ड टेक्नोलॉजी से संबंधित कोर्स

मेडिकल रिकॉर्ड टेक्नोलॉजी में छात्रों के लिए कई तरह के कोर्स उपलब्ध है जो कि विभिन्न संस्थानों द्वारा उपलब्ध कराए जाते हैं। जैसे कि
• कोर्स का नाम- मेडिकल रिकॉर्ड टेक्नोलॉजी में डिप्लोमा
अवधि- 6 महीने से 1 साल
• कोर्स का नाम- मेडिकल रिकॉर्ड मैनेजमेंट सर्टिफिकेट कोर्स
अवधि- 6 महीने से 1 साल
• कोर्स का नाम- बीएससी मेडिकल रिकॉर्ड साइंस एंड हेल्थ इंर्फोमेशन टेक्नोलॉजी (बीएमआरएचआईटी) में
अवधि- 3 साल
• कोर्स का नाम- मेडिकल रिकॉर्ड टेक्नोलॉजी में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा
अवधि- 1 वर्ष

मेडिकल रिकॉर्ड टेक्नोलॉजी: एलिजिबिलिटी

मेडिकल रिकॉर्ड टेक्नोलॉजी के कोर्स के अनुसार एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया बदलता रहता है। साथ ही इसमें एडमिशन के लिए विभिन्न संस्थानों के अपने अलग मानदंड हैं। जिसमें की निम्नलिखित मानदंडों का पालन करना मेडिकल रिकॉर्ड टेक्नोलॉजी में एडमिशन लेने के लिए अनिवार्य है।
• उम्मीदवार 12वीं कक्षा में किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी के साथ पास होना चाहिए।
• 12वीं कक्षा के बोर्ड में न्यूनतम 50% अंक प्राप्त करना अनिवार्य है।
• पीजी डिप्लोमा कोर्स के लिए, उम्मीदवार को विज्ञान, बॉटनी, जूलॉजी या किसी भी संबंधित विषय में स्नातक होना चाहिए।

मेडिकल रिकॉर्ड टेक्नोलॉजी: सिलेबस

मेडिकल रिकॉर्ड टेक्नोलॉजी कोर्स का सिलेबस एक कॉलेज से दूसरे कॉलेज में भिन्न होता है। निम्नलिखित कुछ प्रमुख विषय है जिन्हें मेडिकल रिकॉर्ड टेक्नोलॉजी कोर्स में पढ़ाया जाता है।
• मेडिकल रिकॉर्ड्स- एन इंट्रोडक्शन
• प्लानिंग एंड डॉक्यूमेंटेशन: मेडिकल रिकॉर्ड
• एथिकल एंड लीगल कंप्लायंस
• मेडिकल कोडिंग
• इलेक्ट्रॉनिक मेडिकल रिकॉर्ड
• एडमिनिस्ट्रेशन एंड मैनेजमेंट
• मेडिकल टर्मिनोलॉजी
• बेसिक्स ऑफ मेडिसिन
• कंप्यूटर एप्लीकेशन
• डेटा माइनिंग एंड स्टैटिसटिक्स एनालीस

मेडिकल रिकॉर्ड टेक्नोलॉजी में करियर स्कोप

मेडिकल रिकॉर्ड टेक्नोलॉजी एक विशेष पैरामेडिकल क्षेत्र है और जिसमें जॉब के लिए बहुत बड़ी गुंजाइश है। देश भर में अस्पतालों और क्लीनिकों की बढ़ती संख्या और परेशानी मुक्त मेडिकल सेवाएं प्राप्त करने के लिए लोगों में बढ़ती जागरूकता के कारण, इन जॉब की मांग बढ़ी है।

डेटा माइनिंग पसंद करने वालों के लिए यह क्षेत्र बहुत फायदेमंद है। रोगी और बाहरी रोगी डेटा को संभालने और विभिन्न स्वास्थ्य सूचना प्रणालियों के मैनेजमेंट में उनकी विशेषज्ञता के कारण, उनकी भूमिका महत्वपूर्ण है। हॉस्पिटल मैनेजमेंट कभी-कभी रोगी सूचना प्रणाली को मजबूत करने की योजना बनाने में उनकी सलाह लेता है। वे अस्पतालों, क्लीनिकों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, पॉलीक्लिनिक्स और नर्सिंग होम में विभिन्न प्रोफाइल में काम कर सकते हैं। हालांकि मेडिकल रिकॉर्ड टेक्नोलॉजी का कोर्स पूरा करने के बाद छात्र संबंधित विषय में मास्टर डिग्री, एम.फिल, पीएचडी का विकल्प चुनकर हायर स्टडीय के लिए भी जा सकते हैं।

मेडिकल रिकॉर्ड टेक्नोलॉजी: करियर और नौकरी की संभावनाएं

मेडिकल रिकॉर्ड टेक्नोलॉजी कोर्स पूरा करने के बाद, छात्रों को मेडिकल रिकॉर्ड बनाए रखने से संबंधित विभिन्न जॉब प्रोफाइल के लिए अस्पतालों और क्लीनिकों में नियुक्त किया जाता है। इनकी औसत सैलरी 1 लाख से 3 लाख रुपये तक होती है। मेडिकल रिकॉर्ड तकनीशियनों की कुछ प्रमुख जिम्मेदारियां इस प्रकार होती है जैसे कि रोगी की जानकारी और अन्य महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सूचनाओं के डिजिटल रिकॉर्ड को बनाए रखना, मेडिकल डेटा के साथ स्वास्थ्य कर्मचारियों की मदद करना और मेडिको-लीगल मामलों में स्वास्थ्य सुविधा का प्रतिनिधित्व करना है। मेडिकल रिकॉर्ड टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में कुछ जॉब प्रोफाइल नीचे दिए गए हैं:
• मेडिकल रिकॉर्ड तकनीशियन
• मेडिकल अकाउंटेंट
• बिलिंग प्रोफेशनल
• बिलिंग और कोडिंग तकनीशियन
• मेडिकल कोडर
• फ्रंट डेस्क रिसेप्शनिस्ट

भारत में मेडिकल रिकॉर्ड टेक्नोलॉजी के लिए टॉप 10 कॉलेज की सूची निम्नलिखित है

1. अल्लूरी सीताराम राजू एकेडमी ऑफ मेडिकल साइंस, आंध्र प्रदेश
2. अपोलो इंस्टीट्यूट ऑफ हॉस्पिटल मैनेजमेंट एंड एप्लाइड साइंस, तमिलनाडु
3. एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, हरियाणा
4. बैंगलोर मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट, कर्नाटक
5. बेलगाम इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, कर्नाटक
6. बीएन पटेल इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल एंड साइंस, गुजरात
7. क्रिसेंट कम्युनिटी कॉलेज, तमिलनाडु
8. ग्लोबल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस - जीआईएमएस, गुजरात
9. गौतम कॉलेज, कर्नाटक
10. हमदर्द इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च - एचआईएमएसआर, दिल्ली

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English summary
Medical record technology is managing patients' medical records using various medical software and technology-driven systems. In Medical Record Technology, students are given theoretical and practical knowledge to record, maintain and protect patient data in the field of healthcare.
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