डॉक्टर को भगवान का रूप माना जाता है क्योंकि डॉक्टर ही इंसान का जीवन बचाता है और उसे रोगों से दूर रखने में मदद करता है। बचपन में हर बच्चा बोलता है की उसे बड़े होकर डॉक्टर बनना है लेकिन उसे ये नहीं पाता होता कि डॉक्टर बनने के लिए क्या करना होता है। बस उसे ये बोला जाता है कि अगर तुम्हें डॉक्टर बनना है तो तुम्हें बहुत पढ़ाई करनी होगी। अब सवाल ये उठता हैं की कैसे पढ़ाई करनी होगी? चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताते हैं कि डॉक्टर बनने के लिए क्या करना होता है।
10वीं कक्षा पास करने के बाद हर छात्र को उसकी रुचि के अनुसार स्ट्रीम चुनने को मिलती है। जिसमें की यदि आपको डॉक्टर बनना है तो उसके लिए आपको साइंस स्ट्रीम के साथ पीसीबी विषय चुनना अनिवार्य है। बता दें कि अधिकतर स्कूलों में पीसीबी सबजेक्ट उन्हीं बच्चों को दिया जाता है जिसके कि 10वीं बोर्ड 70 या 80 प्रतिशत से ज्यादा अंक हासिल किए हो। क्योंकि ऐसा माना जाता है कि साइंस स्ट्रीम अन्य स्ट्रीम के मुकाबले थोड़ी कठिन होती है और ये सिर्फ उन्हीं बच्चों को दी जाती है जो कि पढ़ाई में अच्चे हों।
पीसीबी के साथ 12वीं कक्षा पास करने बाद डॉक्टर की पढाई करना मौका मिलता है। जिसके लिए उन्हें कोर्स चुनना होता है कि अब उन्हें आगे एमबीबीएस करनी है या कोई अन्य कोर्स। एमबीबीएस का कोर्स भारत में सबसे महंगा कोर्स माना जाता है जिसमें एडमिशन लाना हर कोई अफॉर्ड नहीं कर पाता है। जिसके लिए छात्र NEET जैसे एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी करते हैं ताकि वो इस एंट्रेंस एग्जाम में एक अच्छी रैंक हासिल कर एमबीबीएस कराने वाले सरकारी कॉलेज में एडमिशन ले सकें। तो आइए जानते हैं एमबीबीएस कोर्स से संबंधित फुल डिटेल।
• एमबीबीएस की फुल फॉर्म- बैचलर ऑफ मेडिसिन एंड बैचलर ऑफ सर्जरी
• कोर्स टाइप- डिग्री स्तर
• फील्ड- हेल्थकेयर
• एलिजिबिलिटी- साइंस स्ट्रीम में पीसीबी विषयों के साथ 12वीं पास
• कोर्स की अवधि- 5.5 साल
• औसत फीस- 71,000 से 21,00,000 तक
• औसत सैलरी- 360,000 प्रति वर्ष
• कैरियर स्कोप- चिकित्सक, एंडोक्रिनोलॉजिस्ट, रोगविज्ञानी, न्यूरोलॉजिस्ट, कार्डियोलॉजी, गायनेकोलॉजी आदि।
एमबीबीएस के प्रकार
एमबीबीएस सर्जिकल और मेडिकल क्षेत्र में एक पेशेवर अंडरग्रेजुएट डिग्री है, जो मेडिकल कॉलेजों और विश्वविद्यालयों द्वारा प्रदान की जाती है। हालाँकि, जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, बैचलर ऑफ़ मेडिसिन और बैचलर ऑफ़ सर्जरी दो अलग-अलग डिग्रियाँ हैं, लेकिन इन्हें एक ही विषय में मिला दिया जाता है और एक साथ प्रस्तुत किया जाता है। एमबीबीएस की डिग्री लगभग 5 से 6साल की होती है जिसमें की इंटर्नशिप शामिल होती है। इस डिग्री में एडमिशन लेने के लिए उम्मीदवारों के पास 12वीं कक्षा में सांइस स्ट्रीम के पीसीबी (फिजिक्स, कैमेस्ट्री और बॉयोलोजी) और अंग्रेजी स्बजेक्ट होना अनिवार्य है। एमबीबीएस डिग्री उन उम्मीदवारों के लिए स्नातक की डिग्री है जो एक फिजिशियन होने के अपने लक्ष्य का पीछा करना चाहते हैं। बैचलर ऑफ मेडिसिन और बैचलर ऑफ सर्जरी (एमबीबीएस) की डिग्री साइंस और मेडिसिन में टॉप डिग्री में से एक है।
एमबीबीएस के लिए एलिजिबिलिटी
आवेदकों को बैचलर ऑफ मेडिसिन और बैचलर ऑफ सर्जरी (बीएमबीएस) या एमबीबीएस डिग्री के लिए एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया की आवश्यकताओं को पूरा करना होगा। उम्मीदवारों को इस कोर्स की सही समझ के साथ चिकित्सा में स्नातक की डिग्री और सर्जरी में स्नातक की डिग्री हासिल करने के लिए आवश्यक बुनियादी आवश्यकताओं के बारे में भी पता होना चाहिए। एमबीबीएस में एडमिशन लेने के लिए मूलभूत आवश्यकताएं निम्न प्रकार की है।
• आवेदकों के 12वीं कक्षा कम से कम 50 प्रतिशत अंक प्राप्त करने चाहिए।
• एमबीबीएस कोर्स में पंजीकरण करने के लिए न्यूनतम आयु 17 वर्ष निर्धारित की गई है।
• आवेदकों को इस कोर्स में एडमिशन लेने के लिए एंट्रेंस टेस्ट क्रेक करना होगा।
• 12वीं कक्षा सांइस स्ट्रीम के पीसीबी (फिजिक्स, कैमेस्ट्री और बॉयोलोजी) और अंग्रेजी स्बजेक्ट होना अनिवार्य है।
• आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 12वीं कक्षा में न्यूनतम अंक 40 प्रतिशत है।
• एमबीबीएस करने के लिए आवेदक की अधिकतम आयु सीमा 25 वर्ष होनी चाहिए।
एमबीबीएस एडमिशन प्रोसेस
विभिन्न संस्थानों और यूनिवर्सिटी द्वारा प्रदान किए गए एमबीबीएस में छात्रों को नामांकित करने के विभिन्न तरीके हैं। बैचलर ऑफ मेडिसिन और बैचलर ऑफ सर्जरी प्रोग्राम में, शैक्षणिक संस्थान आवेदकों को नामांकित करने के लिए विभिन्न तरीकों का उपयोग करते हैं। एमबीबीएस की डिग्री प्राप्त करने के लिए, आवेदकों को पूरी तरह से समझ के साथ विभिन्न रणनीतियों का पालन करना चाहिए, जिससे उन्हें विश्वविद्यालय में प्रवेश प्राप्त करना होगा। विभिन्न तरीके जिनके द्वारा उम्मीदवार इस डिग्री में एडमिशन ले सकते हैं, नीचे वर्णित हैं।
एंट्रेंस टेस्ट: उम्मीदवारों को एडमिशन लेने का सबसे आम तरीका कॉलेजों और विश्वविद्यालयों द्वारा आयोजित किया जाने वाला एंट्रेंस टेस्ट है। इच्छुक छात्र बैचलर ऑफ मेडिसिन और बैचलर ऑफ सर्जरी (बीएमबीएस या एमबीबीएस) की डिग्री हासिल करने के लिए विभिन्न प्रवेश परीक्षाओं में बैठते हैं। इन परीक्षाओं में प्राप्त परिणाम छात्रों को इस तरह की डिग्री प्रदान करने वाले उच्च रैंकिंग वाले विश्वविद्यालयों में आवेदन करने की अनुमति देते हैं।
मेरिट-आधारित: एमबीबीएस में एडमिशन के लिए कुछ कॉलेज और विश्वविद्यालय हैं जो उम्मीदवारों को 12वीं बोर्ड में प्राप्त अंकों के आधार पर प्रवेश प्रदान करते हैं। ये कॉलेज अक्सर अपनी कट-ऑफ लिस्ट का उपयोग करके छात्रों को लेते हैं। लेकिन इन कॉलेजों की संख्या बहुत कम है और इस विशेष डिग्री के लिए प्रवेश परीक्षा अनिवार्य है।
एमबीबीएस एंट्रेंस एग्जाम
राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (एनईईटी): एनईईटी-यूजी (स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा) को क्लियर करना एमबीबीएस डिग्री में एडमिशन लेने के लिए अनिवार्य है। एनईईटी-यूजी दुनिया भर के सभी मेडिकल विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में प्रवेश के लिए आम अखिल भारतीय प्रवेश स्तर की नींव है। जो कि भारत के सबसे कठिन एग्जाम में से एक माना जाता है। एमबीबीएस में एडमिशन लेने वाले इच्छुक प्रत्येक आवेदक को राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा-यूजी के लिए आवेदन करना होगा। जिसके बाद एनईईटी की परिक्षा को क्लियर करना होगा।
एमबीबीएस करने के बाद करियर स्कोप
एमबीबीएस की डिग्री करने के बाद छात्रों के पास उनके करियर के लिए सुनहरे अवसर खुल जाते हैं। इस डिग्री को पूरी करने के बाद निम्न जॉब प्राइफल में अपना करियर बना सकते हैं।
- मेडिकल ऑफिसर
- मेडिकल सर्जन
- जनरल फिजिशियन
- पीडियाट्रिशियन
- डाइटिशियन
एमबीबीएस करने के लिए टॉप 10 कॉलेज की सूची
- अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली
- क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज (सीएमसी), वेल्लोर
- सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज (एएफएमसी), पुणे
- जिपमर कॉलेज, पुडुचेरी
- मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज (एमएएमसी), दिल्ली
- लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज (एलएचएमसी), दिल्ली
- मद्रास मेडिकल कॉलेज, चेन्नई
- ग्रांट मेडिकल कॉलेज, मुंबई
- कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज (केएमसी), मणिपाली
- श्री रामचंद्र मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट, चेन्नई