मटेरियल मैनेजमेंट में एमबीए कैसे करें, फीस, जॉब, सैलरी और टॉप कॉलेज

एमबीए मटेरियल मैनेजमेंट दो साल का एक स्नातकोत्तर स्तर का पाठ्यक्रम है जो सामग्री और स्टोर प्रबंधन से संबंधित मुद्दों को संबोधित करने के उद्देश्य से सैद्धांतिक और कम्प्यूटेशनल कौशल के साथ प्रयोगशाला और क्षेत्र अध्ययन के आसपास केंद्रित है। यह कोर्स नई तकनीकों के विकास पर प्रकाश डालता है जो एक दीर्घकालिक समाधान तैयार करेगा और व्यापार के रास्ते भी खोलेगा। इस पाठ्यक्रम में उम्मीदवार जिन विषयों को कवर कर सकते हैं, वे प्रबंधन और संगठनात्मक व्यवहार के सिद्धांत हैं।

चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको एमबीए इन मटेरियल मैनेजमेंट से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी से अवगत कराएंगे कि आखिर मटेरियल मैनेजमेंट में एमबीए करने के लिए एलिजिबिलिटी क्या होनी चाहिए। इसका एडमिशन प्रोसेस क्या है, इसके लिए प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम कौन से हैं, इसे करने के बाद आपके पास जॉब प्रोफाइल क्या होंगी और उनकी सैलरी क्या होगी। भारत में मटेरियल मैनेजमेंट में एमबीए करने के लिए टॉप कॉलेज कौन से हैं और उनकी फीस क्या है।

मटेरियल मैनेजमेंट में एमबीए कैसे करें, फीस, जॉब, सैलरी और टॉप कॉलेज

• कोर्स का नाम- एमबीए इन मटेरियल मैनेजमेंट
• कोर्स का प्रकार- पोस्ट ग्रेजुएट
• कोर्स की अवधि- 2 साल
• पात्रता- स्नातक
• एडमिशन प्रोसेस- एंट्रेंस एग्जाम
• कोर्स फीस- 2,00,000 से 10,00,00
• सैलरी- 5 से 7 लाख तक
• जॉब प्रोफाइल- इन्वेंटरी मैनेजर, बिजनेस डेवलपमेंट मैनेजर, एसेट मैनेजर, कॉर्पोरेट मैनेजर, सीनियर कंसल्टेंट, मार्केट रिसर्च एनालिस्ट, मार्केटिंग एक्जीक्यूटिव, ऑपरेशंस मैनेजर।
• जॉब फील्ड- ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन, रेमंड, पेप्सिको, हुंडई, महिंद्रा एंड महिंद्रा, फ्यूचर ग्रुप, मारुति सुजुकी, फोर्ड, सेल, नेस्ले, एचयूएल, डीटीडीसी, हिमालय, आईटीसी, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड।

एमबीए इन मटेरियल मैनेजमेंट: पात्रता

  • उम्मीदवारों के पास किसी मान्यता प्राप्त कॉलेज या विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री होनी चाहिए।
  • उम्मीदवार के स्नातक डिग्री में कुल मिलाकर कम से कम 60% अंक होने चाहिए।
  • उम्मीदवारों को अपनी पसंद के कॉलेजों में सीट सुरक्षित करने के लिए एमबीए सामान्य प्रवेश परीक्षा जैसे कैट, एक्सएटी, मैट और सीएमएटी में से किसी एक को उत्तीर्ण करना होगा।
  • अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग से संबंधित उम्मीदवारों को अनिवार्य प्रक्रिया के रूप में पाठ्यक्रम कार्यक्रम में 5% छूट प्रदान की जाती है।

एमबीए इन मटेरियल मैनेजमेंट: प्रवेश प्रक्रिया

किसी भी टॉप यूनिवर्सिटी में एमबीए इन मटेरियल मैनेजमेंट कोर्स में एडमिशन लेने के लिए, उम्मीदवारों को एंट्रेंस एग्जाम देने की आवश्यकता होती है। एंट्रेंस एग्जाम में पास होने के बाद पर्सनल इंट्रव्यू होता है और यदि उम्मीदवार उसमें अच्छा स्कोर करते हैं, तो उन्हें स्कोलरशिप भी मिल सकती है।

एमबीए इन मटेरियल मैनेजमेंट के लिए भारत के टॉप कॉलेजों द्वारा अपनाई जाने वाली एडमिशन प्रोसेस निम्नलिखित है

चरण 1: रजिस्ट्रेशन

  • उम्मीदवार ऑफिशयल वेबसाइट पर जाएं।
  • ऑफिशयल वेबसाइट पर जाने के बाद आवेदन फॉर्म भरें।
  • आवेदन फॉर्म को भरने के बाद ठीक तरह से जांच लें यदि फॉर्म में गलती हुई तो वह रिजक्ट हो सकता है।
  • मांगे गए दस्तावेज अपलोड करें।
  • आवेदन पत्र सबमिट करें।
  • क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से ऑनलाइन फॉर्म की फीस जमा करें।

चरण 2: एंट्रेंस एग्जाम

  • यदि उम्मीदवार एमबीए इन मटेरियल मैनेजमेंट में एडमिशन लेने के लिए टॉप यूनिवर्सिटी का लक्ष्य रखते हैं, तो उनके लिए एंट्रेंस एग्जाम क्रेक करना अत्यंत आवश्यक है। जिसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरी हो जाने के बाद एडमिट कार्ड जारी किए जाते हैं। जिसमें की एंट्रेंस एग्जाम से संबंधित सभी जानकारी दी जाती है जैसे कि एग्जाम कब और कहां होगा, आदि।
  • बता दें कि एमबीए इन मटेरियल मैनेजमेंट के लिए एडमिशन प्रोसेस कॉमन एडमिशन टेस्ट (CAT), कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (CET), जॉइंट मैनेजमेंट एंट्रेंस टेस्ट (JMET), मैनेजमेंट एप्टीट्यूड टेस्ट (MAT), जेवियर एडमिशन टेस्ट (XAT) और एम्स टेस्ट फॉर मैनेजमेंट एडमिशन (ATMA) आदि जैसे एंट्रेंस एग्जाम पर निर्भर करती है। योग्य उम्मीदवारों का चयन आगे इंट्रव्यू के आधार पर किया जाता है।

चरण 3: एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट
एंट्रेंस एग्जाम हो जाने के कुछ दिन बाद उसका रिजल्ट घोषित किया जाता है जिसके लिए, छात्रों को नियमित रूप से विश्वविद्यालय की वेबसाइटों और सोशल मीडिया हैंडल की जांच करके खुद को अपडेट रखना चाहिए।

चरण 4: इंट्रव्यू एंड एनरोलमेंट

  • एंट्रेंस एग्जाम में पास होने वाले छात्रों को यूनिवर्सिटी द्वारा इंट्रव्यू में उपस्थित होने के लिए कहा जाएगा - या तो ऑनलाइन (स्काइप, गूगल मीट, ज़ूम) या ऑफ़लाइन छात्रों को यूनिवर्सिटी परिसर में बुलाकर।
  • इस दौरान, अन्य सभी एलिजिबिली क्राइटेरिया को क्रॉस चेक किया जाता है और यदि छात्र इंटरव्यू में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें मटेरियल मैनेजमेंट में एमबीए का अध्ययन करने के लिए एडमिशन दिया जाता है।

एमबीए इन मटेरियल मैनेजमेंट: सिलेबस

  • प्रबंधन और संगठनात्मक व्यवहार के सिद्धांत
  • प्रबंधन के लिए मात्रात्मक तकनीक
  • विपणन प्रबंधन
  • प्रबंधन सूचना प्रणाली
  • प्रबंधकीय अर्थशास्त्र
  • सामग्री और स्टोर प्रबंधन
  • सामाजिक संचार
  • मानव संसाधन प्रबंधन
  • पैकिंग वितरण प्रबंधन
  • सम्पूर्ण गुणवत्ता प्रबंधन
  • खरीद और खरीद प्रबंधन
  • कारोबारी माहौल और नैतिकता
  • रसद और आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन
  • परियोजना प्रबंधन और दस्तावेज़ीकरण
  • रणनीतिक प्रबंधन
  • उद्यम संसाधन और योजना

एमबीए इन मटेरियल मैनेजमेंट: टॉप कॉलेज और उनकी फीस

  • भारतीय सामग्री प्रबंधन संस्थान कोलकाता- फीस 8,00,000
  • क्राइस्ट यूनिवर्सिटी बैंगलोर- फीस 3 लाख
  • भारतीय सामग्री प्रबंधन संस्थान त्रिची- फीस 8 लाख
  • जेवियर स्कूल ऑफ मैनेजमेंट जमशेदपुर- फीस 5,00,000
  • एसएलआईईटी संगरूर- फीस 51,000
  • नेशनल स्कूल ऑफ बिजनेस बैंगलोर- फीस 4,30,000
  • बिड़ला वैश्विक विश्वविद्यालय भुवनेश्वर- फीस 7,00,000
  • एनएसयू जमशेदपुर- फीस 2,71,000
  • एसवीपीएम प्रबंधन संस्थान पुणे- फीस 79,500
  • एलपीयू जालंधर- फीस 2,32,000

एमबीए इन मटेरियल मैनेजमेंट: जॉब प्रोफाइल और सैलरी

  • कम्युनिकेशन एग्जीक्यूटिव- सैलरी लगभग 6 लाख
  • लेक्चरर- सैलरी लगभग 3 लाख
  • असिस्टेंट मैनेजर- सैलरी लगभग 5 लाख
  • कम्युनिकेशन मैनेजर- सैलरी लगभग 6 लाख
  • मार्केटिंग मैनेजर- सैलरी लगभग 6 लाख

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English summary
MBA Materials Management is a postgraduate level course of two years centered around laboratory and field studies along with theoretical and computational skills with an aim to address issues related to materials and stores management. This course throws light on the development of new technologies which will create a long term solution and also open up business avenues.
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