एमबीए इन मार्केटिंग मैनेजमेंट सबसे पुराने एमबीए पाठ्यक्रमों में से एक है जो कि छात्रों के बीच सबसे लोकप्रिय विषयों में से एक है। इस दो साल के कोर्स को चार सेमेस्टर में बांटा गया है। बता दें कि एमबीए मार्केटिंग मैनेजमेंट के प्रमुख विषयों में उपभोक्ता व्यवहार, विज्ञापन प्रबंधन, बिजनेस मार्केटिंग, डिजिटल मार्केटिंग, सर्विस मार्केटिंग आदि शामिल हैं। इस कोर्स को पूरा करने के बाद छात्र, मांग, प्रतियोगिता, अर्थशास्त्र आदि के विश्लेषण के माध्यम से बाजार की पसंद की पहचान करने में सक्षम हो जाते हैं।
चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको एमबीए इन मार्केटिंग मैनेजमेंट से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी से अवगत कराएंगे कि आखिर मार्केटिंग मैनेजमेंट में एमबीए करने के लिए एलिजिबिलिटी क्या होनी चाहिए। इसका एडमिशन प्रोसेस क्या है, इसके लिए प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम कौन से हैं, इसे करने के बाद आपके पास जॉब प्रोफाइल क्या होंगी और उनकी सैलरी क्या होगी। भारत में मार्केटिंग मैनेजमेंट में एमबीए करने के लिए टॉप कॉलेज कौन से हैं और उनकी फीस क्या है।
• कोर्स का नाम- एमबीए इन मार्केटिंग मैनेजमेंट
• कोर्स का प्रकार- पोस्ट ग्रेजुएट
• कोर्स की अवधि- 2 साल
• पात्रता- स्नातक
• एडमिशन प्रोसेस- एंट्रेंस एग्जाम
• कोर्स फीस- 3 से 10 लाख तक
• अवरेज सैलरी- 5 से 12 लाख तक
• जॉब प्रोफाइल- मार्केट एनालिस्ट, सेल्स मैनेजर, पब्लिक रिलेशंस डायरेक्टर, ब्रांड मैनेजर, प्रोडक्ट मैनेजर, मार्केटिंग स्ट्रैटेजिस्ट, डिजिटल मार्केटिंग एक्जीक्यूटिव आदि।
• जॉब फील्ड- आईबीएम, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, कॉग्निजेंट टेक्नोलॉजी सॉल्यूशंस, माइक्रोसॉफ्ट, विप्रो, कैपजेमिनी, एक्सेंचर, अर्न्स्ट एंड यंग (ईवाई), आदि।
एमबीए इन मार्केटिंग मैनेजमेंट: पात्रता
- उम्मीदवारों के पास किसी मान्यता प्राप्त कॉलेज या विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री होनी चाहिए।
- उम्मीदवार स्नातक डिग्री में कुल मिलाकर कम से कम 60% अंक होने चाहिए।
- उम्मीदवारों को अपनी पसंद के कॉलेजों में सीट सुरक्षित करने के लिए सामान्य प्रवेश परीक्षा जैसे कैट, सीएमएटी या एमएएच सीईटी को भी उत्तीर्ण करना चाहिए।
- अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग से संबंधित उम्मीदवारों को अनिवार्य प्रक्रिया के रूप में पाठ्यक्रम कार्यक्रम में 5% छूट प्रदान की जाती है।
एमबीए इन मार्केटिंग मैनेजमेंट: प्रवेश प्रक्रिया
किसी भी टॉप यूनिवर्सिटी में एमबीए इन मार्केटिंग मैनेजमेंट कोर्स में एडमिशन लेने के लिए, उम्मीदवारों को एंट्रेंस एग्जाम देने की आवश्यकता होती है। एंट्रेंस एग्जाम में पास होने के बाद पर्सनल इंट्रव्यू होता है और यदि उम्मीदवार उसमें अच्छा स्कोर करते हैं, तो उन्हें स्कोलरशिप भी मिल सकती है।
एमबीए इन मार्केटिंग मैनेजमेंट के लिए भारत के टॉप कॉलेजों द्वारा अपनाई जाने वाली एडमिशन प्रोसेस निम्नलिखित है
चरण 1: रजिस्ट्रेशन
- उम्मीदवार ऑफिशयल वेबसाइट पर जाएं।
- ऑफिशयल वेबसाइट पर जाने के बाद आवेदन फॉर्म भरें।
- आवेदन फॉर्म को भरने के बाद ठीक तरह से जांच लें यदि फॉर्म में गलती हुई तो वह रिजक्ट हो सकता है।
- मांगे गए दस्तावेज अपलोड करें।
- आवेदन पत्र सबमिट करें।
- क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से ऑनलाइन फॉर्म की फीस जमा करें।
चरण 2: एंट्रेंस एग्जाम
- यदि उम्मीदवार एमबीए इन मार्केटिंग मैनेजमेंट में एडमिशन लेने के लिए टॉप यूनिवर्सिटी का लक्ष्य रखते हैं, तो उनके लिए एंट्रेंस एग्जाम क्रेक करना अत्यंत आवश्यक है। जिसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरी हो जाने के बाद एडमिट कार्ड जारी किए जाते हैं। जिसमें की एंट्रेंस एग्जाम से संबंधित सभी जानकारी दी जाती है जैसे कि एग्जाम कब और कहां होगा, आदि।
- बता दें कि एमबीए इन मार्केटिंग मैनेजमेंट के लिए एडमिशन प्रोसेस कॉमन एडिमशन टेस्ट (CAT), मैनेजमेंट एडमिशन टेस्ट (MAT), ग्रेजुएट मैनेजमेंट एडमिशन टेस्ट (GMAT) और जेवियर एप्टीट्यूड टेस्ट (XAT)आदि जैसे एंट्रेंस एग्जाम पर निर्भर करती है। योग्य उम्मीदवारों का चयन आगे इंट्रव्यू के आधार पर किया जाता है।
चरण 3: एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट
एंट्रेंस एग्जाम हो जाने के कुछ दिन बाद उसका रिजल्ट घोषित किया जाता है जिसके लिए, छात्रों को नियमित रूप से विश्वविद्यालय की वेबसाइटों और सोशल मीडिया हैंडल की जांच करके खुद को अपडेट रखना चाहिए।
चरण 4: इंट्रव्यू एंड एनरोलमेंट
- एंट्रेंस एग्जाम में पास होने वाले छात्रों को यूनिवर्सिटी द्वारा इंट्रव्यू में उपस्थित होने के लिए कहा जाएगा - या तो ऑनलाइन (स्काइप, गूगल मीट, ज़ूम) या ऑफ़लाइन छात्रों को यूनिवर्सिटी परिसर में बुलाकर।
- इस दौरान, अन्य सभी एलिजिबिली क्राइटेरिया को क्रॉस चेक किया जाता है और यदि छात्र इंटरव्यू में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें एमबीए इन मार्केटिंग मैनेजमेंट का अध्ययन करने के लिए एडमिशन दिया जाता है।
एमबीए इन मार्केटिंग मैनेजमेंट: सिलेबस
सेमेस्टर 1
- प्रबंधन अवधारणाओं
- व्यापारिक वातावरण
- प्रबंधकीय अर्थशास्त्र
- सांख्यिकीय विश्लेषण और संचालन अनुसंधान
- वित्तीय और लागत लेखा
- विपणन प्रबंधन
- वित्तीय प्रबंधन
सेमेस्टर 2
- लेखा और प्रबंधकीय निर्णय
- कंप्यूटर अनुप्रयोग-?
- बिक्री प्रबंधन
- उपभोक्ता व्यवहार
- कृषि और ग्रामीण विपणन
- विपणन अनुसंधान
- विज्ञापन प्रबंधन
सेमेस्टर 3
- खुदरा बिक्री
- उद्यमिता विकास
- सेवा विपणन और सीआरएम
- ई-कॉमर्स
- उत्पाद और ब्रांड प्रबंधन
- अंतरराष्ट्रीय व्यापार
सेमेस्टर 4
- कूटनीतिक प्रबंधन
- गैर लाभ संगठन का विपणन
- रसद और आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन
- कंप्यूटर अनुप्रयोग- ?
- प्रबंधन सूचना प्रणाली
- औद्योगिक विपणन
- सम्पूर्ण गुणवत्ता प्रबंधन
एमबीए इन मार्केटिंग मैनेजमेंट: टॉप कॉलेज और उनकी फीस
- विनोद गुप्ता स्कूल ऑफ मैनेजमेंट, आईआईटी खड़गपुर- फीस 5,00,000
- भारतीय प्रबंधन संस्थान, इंदौर- फीस 7,50,000
- प्रबंधन अध्ययन विभाग - आईआईटी रुड़की- फीस 4,10,000
- प्रबंधन अध्ययन विभाग, आईआईटी मद्रास, चेन्नई- फीस 4,00,000
- भारतीय प्रबंधन संस्थान तिरुचिरापल्ली- फीस 5,50,000
- भारतीय प्रबंधन संस्थान उदयपुर- फीस 4,20,000
- एसपी जैन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च मुंबई- फीस 18,65,000
- ग्रेट लेक्स इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट चेन्नई- फीस 16,00,000
- राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान त्रिची- फीस 1,30,000
एमबीए इन मार्केटिंग मैनेजमेंट: जॉब प्रोफाइल और सैलरी
- सेल्स मैनेजर- सैलरी 5 लाख
- मार्केटिंग एनालिस्ट- सैलरी 5 लाख
- पब्लिक रिलेशन डायरेक्टर- सैलरी 6 लाख
- डिजिटल मार्केटिंग एग्जीक्यूटिव- सैलरी 4 लाख
- मार्केटिंग एग्जीक्यूटिव- सैलरी 3 लाख
- ब्रांड मैनेजर- सैलरी 11 लाख
- प्रोडक्ट मैनेजर- सैलरी 13 लाख
- मार्केट रिसर्च एनालिस्ट- सैलरी 4 लाख
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