एमबीए कोऑपरेटिव मैनेजमेंट एक 2 साल का कोर्स है जो संसाधन प्रबंधन के अधिक प्रभावी और न्यायसंगत सिस्टम को प्राप्त करने के लिए अध्ययन करता है। यह कोर्स एक व्यक्ति या एक संघ के रूप में अधिकारियों के लिए आवश्यक आचरण को सीखने और समझने की संभावना को सशक्त बनाता है। कोऑपरेटिव मैनेजमेंट में एमबीए कोर्स सहकारी वातावरण में संसाधन प्रबंधन की अधिक प्रभावी और न्यायसंगत प्रणाली लाने का कार्य करता है।
चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको एमबीए इन कॉपरेटिव मैनेजमेंट से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी से अवगत कराएंगे कि आखिर कॉपरेटिव मैनेजमेंट में एमबीए करने के लिए एलिजिबिलिटी क्या होनी चाहिए। इसका एडमिशन प्रोसेस क्या है, इसके लिए प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम कौन से हैं, इसे करने के बाद आपके पास जॉब प्रोफाइल क्या होंगी और उनकी सैलरी क्या होगी। भारत में एमबीए इन कॉपरेटिव मैनेजमेंट करने के लिए टॉप कॉलेज कौन से हैं और उनकी फीस क्या है।
• कोर्स का नाम- एमबीए इन कॉपरेटिव मैनेजमेंट
• कोर्स का प्रकार- पोस्ट ग्रेजुएट
• कोर्स की अवधि- 2 साल
• पात्रता- स्नातक
• एडमिशन प्रोसेस- एंट्रेंस एग्जाम
• अवरेज सैलरी- 3 से 20 लाख तक
• कोर्स फीस- 50,000 से 5 लाख तक
• जॉब फील्ड- अपोलो, मैक्स, फोर्टिस, टाटा, डंकन, विप्रो, इंफोसिस, आईसीआईसीआई बैंक, फोर्टिस अस्पताल।
• जॉब प्रोफाइल- क्रय प्रबंधक, औद्योगिक उत्पादन प्रबंधक, संचालन प्रबंधक, गुणवत्ता नियंत्रण अधिकारी, निर्माण प्रबंधक, संगठनात्मक सलाहकार आदि।
एमबीए इन कॉपरेटिव मैनेजमेंट: पात्रता
- उम्मीदवारों के पास किसी मान्यता प्राप्त कॉलेज या विश्वविद्यालय से सांख्यिकी, गणित, जैविक विज्ञान, कंप्यूटर अनुप्रयोग, आदि में स्नातक की डिग्री होनी चाहिए।
- उम्मीदवार स्नातक डिग्री में कुल मिलाकर कम से कम 60% अंक होने चाहिए।
- उम्मीदवारों को अपनी पसंद के कॉलेजों में सीट सुरक्षित करने के लिए सामान्य प्रवेश परीक्षा जैसे कैट, मैट, एक्सएटी, एनएमएटी, सीएमएटी को भी उत्तीर्ण करना चाहिए।
- अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग से संबंधित उम्मीदवारों को अनिवार्य प्रक्रिया के रूप में पाठ्यक्रम कार्यक्रम में 5% छूट प्रदान की जाती है।
एमबीए इन कॉपरेटिव मैनेजमेंट: प्रवेश प्रक्रिया
किसी भी टॉप यूनिवर्सिटी में एमबीए इन कॉपरेटिव मैनेजमेंट कोर्स में एडमिशन लेने के लिए, उम्मीदवारों को एंट्रेंस एग्जाम देने की आवश्यकता होती है। एंट्रेंस एग्जाम में पास होने के बाद पर्सनल इंट्रव्यू होता है और यदि उम्मीदवार उसमें अच्छा स्कोर करते हैं, तो उन्हें स्कोलरशिप भी मिल सकती है।
एमबीए इन कॉपरेटिव मैनेजमेंट में एमबीए के लिए भारत के टॉप कॉलेजों द्वारा अपनाई जाने वाली एडमिशन प्रोसेस निम्नलिखित है
चरण 1: रजिस्ट्रेशन
- उम्मीदवार ऑफिशयल वेबसाइट पर जाएं।
- ऑफिशयल वेबसाइट पर जाने के बाद आवेदन फॉर्म भरें।
- आवेदन फॉर्म को भरने के बाद ठीक तरह से जांच लें यदि फॉर्म में गलती हुई तो वह रिजक्ट हो सकता है।
- मांगे गए दस्तावेज अपलोड करें।
- आवेदन पत्र सबमिट करें।
- क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से ऑनलाइन फॉर्म की फीस जमा करें।
चरण 2: एंट्रेंस एग्जाम
- यदि उम्मीदवार एमबीए इन कॉपरेटिव मैनेजमेंट में एडमिशन लेने के लिए टॉप यूनिवर्सिटी का लक्ष्य रखते हैं, तो उनके लिए एंट्रेंस एग्जाम क्रेक करना अत्यंत आवश्यक है। जिसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरी हो जाने के बाद एडमिट कार्ड जारी किए जाते हैं। जिसमें की एंट्रेंस एग्जाम से संबंधित सभी जानकारी दी जाती है जैसे कि एग्जाम कब और कहां होगा, आदि।
- बता दें कि एमबीए इन कॉपरेटिव मैनेजमेंट के लिए एडमिशन प्रोसेस कैट, एक्सएटी, स्नैप, सीएमएटी आदि जैसे एंट्रेंस एग्जाम पर निर्भर करती है। योग्य उम्मीदवारों का चयन आगे इंट्रव्यू के आधार पर किया जाता है।
चरण 3: एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट
एंट्रेंस एग्जाम हो जाने के कुछ दिन बाद उसका रिजल्ट घोषित किया जाता है जिसके लिए, छात्रों को नियमित रूप से विश्वविद्यालय की वेबसाइटों और सोशल मीडिया हैंडल की जांच करके खुद को अपडेट रखना चाहिए।
चरण 4: इंट्रव्यू एंड एनरोलमेंट
- एंट्रेंस एग्जाम में पास होने वाले छात्रों को यूनिवर्सिटी द्वारा इंट्रव्यू में उपस्थित होने के लिए कहा जाएगा - या तो ऑनलाइन (स्काइप, गूगल मीट, ज़ूम) या ऑफ़लाइन छात्रों को यूनिवर्सिटी परिसर में बुलाकर।
- इस दौरान, अन्य सभी एलिजिबिली क्राइटेरिया को क्रॉस चेक किया जाता है और यदि छात्र इंटरव्यू में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें कॉपरेटिव मैनेजमेंट में एमबीए का अध्ययन करने के लिए एडमिशन दिया जाता है।
एमबीए इन कॉपरेटिव मैनेजमेंट: सिलेबस
सेमेस्टर 1
- प्रबंधन अवधारणाएं
- प्रबंधकीय अर्थशास्त्र
- सामान्य कानून
- कंपनी लॉ
- निगमित लेखांकन
सेमेस्टर 2
- मानव संसाधन प्रबंधन
- बैंकिंग बीमा कानून
- प्रत्यक्ष कर
- उन्नत कंपनी कानून
- लागत प्रबंधन लेखांकन
सेमेस्टर 3
- संगठनात्मक व्यवहार
- श्रम औद्योगिक कानून
- प्रतिभूति कानून
- अप्रत्यक्ष कर
- कंपनी सचिवीय अभ्यास
- कंपनी पुनर्गठन
सेमेस्टर 4
- मसौदा
- आर्थिक कानून
- सचिवीय प्रबंधन लेखा परीक्षा
- अंतरराष्ट्रीय व्यापार
- कॉर्पोरेट वित्तीय प्रबंधन
एमबीए इन कॉपरेटिव मैनेजमेंट: टॉप कॉलेज और उनकी फीस
- एनएसएचएम नॉलेज कैंपस, दुर्गापुर- फीस 1.6 लाख
- एनआईएमएएस, कोलकाता- फीस 76,350
- ईस्टर्न इंस्टीट्यूट इंटीग्रेटेड लर्निंग इन मैनेजमेंट, कोलकाता- फीस 1 लाख रुपये
- प्रबंधन और अध्ययन संस्थान, कोलकाता- फीस 91,000
- अब्दुल कलाम आज़ाद प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कोलकाता- फीस 48,000 रुपये
- यूनिवर्सल बिजनेस स्कूल, कर्जत- फीस 1.7 लाख
- एनआईएमएस, जयपुर- फीस 50,000
- चंडीगढ़ विश्वविद्यालय, चंडीगढ़- फीस 1.8 एलपीए
- राय विश्वविद्यालय, गुजरात- फीस 1.4 एलपीए
- असम विश्वविद्यालय, सिलचर- फीस 78,400
एमबीए इन कॉपरेटिव मैनेजमेंट: जॉब प्रोफाइल और सैलरी
- टीम लीडर- सैलरी 4 लाख
- प्रोजेक्ट मैनेजर- सैलरी 8 लाख
- डिविजनल मैनेजर- सैलरी 4.5 लाख
- रिसर्चर- सैलरी 5 लाख
- मैनेजमेंट कंस्लटेंट- सैलरी 7 लाख
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