Career In Energy Sector ऊर्जा के क्षेत्र में करियर के उज्ज्वल अवसर

हाल ही में अंतरराष्ट्रीय रिन्युवेबल एनर्जी एजेंसी द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार भारत में तेजी से विकसित हो रहे नवीकरणीय उर्जा (रिन्युवेबल एनर्जी) क्षेत्र में वर्ष 2030 तक दो करोड़ 40 लाख से अधिक रोज़गार के नए अवसर सृजित होंगे। इसी प्रकार वर्ल्ड इकोनोमिक फोरम की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान में रिन्युवेबल एनर्जी पर आधारित वैश्विक एनर्जी इंडस्ट्री लगभग 1.4 खरब डॉलर के बराबर है। यह वैश्विक उड्डयन उद्योग से दोगुनी और समूचे विश्व के वस्त्र एवं परिधान कारोबार के लगभग बराबर है। उल्लेखनीय है कि अब भारत का नाम विश्व के टॉप छह राष्ट्रों में शुमार हो चुका है जहाँ पर ऊर्जा क्षेत्र में जॉब्स का बड़े पैमाने पर सृजन हो रहा है। इन राष्ट्रों में भारत के अलावा चीन, ब्राजील, अमेरिका, जर्मनी और जापान शामिल हैं। इसी बात से नवीकरणीय ऊर्जा पर आधारित होती जा रही वैश्विक ऊर्जा इंडस्ट्री में रोजगार की कितनी संभावनाएँ हैं इसका सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है।

Career In Energy Sector ऊर्जा के क्षेत्र में करियर के उज्ज्वल अवसर

गौरतलब है कि जलवायु परिवर्तन पर आधारित पेरिस जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में तय किया गया था कि इस समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले समस्त राष्ट्र जिसमें भारत भी सम्मिलित है भविष्य में स्वच्छ ऊर्जा को अपनाएँगे। इस पहल का ही नतीजा है कि 2017-18 में ही दुनिया भर में एक करोड़ से अधिक स्वच्छ ऊर्जा से संबंधित जॉब्स अस्तित्व में आए। इसमें कोई दोमत नहीं है कि जीवाश्म आधारित ऊर्जा स्रोतों के निरन्तर इस्तेमाल से कार्बन उत्सर्जन का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। इसके कारण ग्लोबल वार्मिंग में भी तेजी से वृद्धि हो रही है और इसका असर कृषि उत्पादन सहित मानव स्वास्थ्य पर भी गंभीर रूप से पड़ रहा है। इसके अलावा जलवायु प्रदूषण तथा जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियां भी बढ़ती जा रही हैं। ऐसे में ऊर्जा के अन्य कम प्रदूषणकारी वैकल्पिक स्रोतों को अपनाए जाने पर बल दिया जा रहा है। इसी को देखते हुए ऊर्जा प्रौद्योगिकी तथा उर्जा प्रबंधन के क्षेत्र में रोजगार एवं स्वरोजगार के चमकीले अवसर उत्पन्न होते जा रहे हैं।

इसमें कोई दोराय नहीं है कि ऊर्जा की वैश्विक मांग में बढ़ोतरी और घरेलू उत्पादन क्षमता में कमी को देखते हुए निकट भविष्य में ऊर्जा के दाम तेजी से बढ़ेंगे। अब कंपनियों के लिए यह जरूरी हो गया है कि वे अनिश्चित भविष्य का सामना करने से बचने के लिए अपने कार्बन उत्सर्जनों में कमी लाने की दिशा में तेजी से कार्य करें। यह ऊर्जा प्रबंधन से ही संभव है। ऊर्जा प्रबंधन धन बचाने का एक कारगर जरिया है। अनुमान है कि कर्मचारियों को प्रशिक्षण देकर कंपनियाँ 10 से 20 प्रतिशत तक ऊर्जा खपत में बचत कर सकती हैं। ऐसे संगठनों द्वारा ऊर्जा में बचत के लिए जिम्मेदार विशेषज्ञों की नियुक्ति की जाती है।

हरित प्रौद्योगिकी (ग्रीन टेक्रोलोजी) जैसे-जैसे व्यावसायिक दृष्टि से अधिक व्यवहार्य होती जा रही है, उसे देखते हुए ऊर्जा के सक्षम उपयोग से सम्बद्ध उपकरणों की बिक्री, विनिर्माण, डिजाइन, संस्थापना और उनके रख-रखाव के लिए व्यावसायिक एवं कुशल दोनों ही तरह के प्रोफेशनल की माँग भी तेजी से बढ़ रही है। ऊर्जा प्रौद्योगिकीविद ऊर्जा के किफायती उपयोग तथा संरक्षण के लिए ढांचागत जाँच को अंजाम देते हैं। वे नियामक अनुपालन सुनिश्चित करते हैं और ऊर्जा प्रणालियों के बुनियादी, आर्थिक, पर्यावरण संबंधी और सामाजिक प्रभावों को समझाते हैं।

ऊर्जा से संबंधित कई कोर्स देश में उपलब्ध हैं। ऊर्जा से संबंधित विभिन्न कोर्सों हेतु शैक्षणिक योग्यता भिन्न-भिन्न है। आप अपनी रूचि, योग्यता एवं क्षमता के अनुरूप ऊर्जा प्रौद्योगिकी, ऊर्जा प्रबंधन आदि में से कोई भी कोर्स किसी प्रतिष्ठित संस्थान से करके चमकीला करियर बना सकते हैं। गौरतलब है कि ऊर्जा क्षेत्र में निम्नांकित कार्य और जिम्मेदारियों का निर्वाह अपेक्षित होता है, बिजली की खपत कम करने से संबंधित कार्य पद्धतियाँ और नीतियां विकसित करना, उनमें समन्वय स्थापित करना और उन्हें लागू करना, ऊर्जा खरीदने के लिए नीतियों और प्रणालियों का सृजन, तकनीकी और व्यावहारिक परामर्श प्रदान करना तथा ऊर्जा सक्षमता के बारे में प्रशिक्षण देना। संविदाकारों, भवन आपूर्तिकर्ता उद्योग, परामर्श सेवाओं अन्य सम्बद्ध संगठनों के साथ संपर्क बनाना और मोलभाव करना। समुचित रिकार्ड रखना और ऊर्जा निगरानी आँकड़े नियमित रूप से एकत्र करना। बाहर जाकर निरीक्षण करना और ऊर्जा सर्वेक्षण करना। दिशा निर्देशों के अनुसार ऊर्जा खपत के न्यूनतम मानदंड तय करना। सरकार के मानदंड के अनुसार अद्यतन कानूनी अपेक्षाएं पूरी करना।

ऊर्जा प्रबंधकों, ऊर्जा इंजीनियरों, सुविधा एवं व्यापार प्रबंधकों, औद्योगिक इंजीनियरों, आपूर्ति श्रृंखला व्यवसायियों, विद्युत संस्थान अधिकारियों, परामर्शदाताओं, वित्तीय अधिकारियों और ऊर्जा सेवा कंपनी व्यवसायियों की वर्तमान समय में भारी माँग है, क्योंकि वे ऊर्जा प्रबंधन को बेहतर ढंग से कार्यान्वित करते हैं। हाल के वर्षों में विभिन्न उद्योगों में ऊर्जा के किफायती इस्तेमाल का महत्व भवन मालिकों, भू संपदा कंपनियों, सरकारी अधिकारियों, व्यापारियों तथा सामान्य व्यक्ति के लिए भी निरंतर बढ़ता गया है, क्योंकि वे सभी ऊर्जा खपत की भारी भरकम लागत को कम करना चाहते हैं और इस काम में ऊर्जा प्रबंधन विशेषज्ञ उपयोगी साबित हो सकते हैं।

विभिन्न प्रकार के क्षेत्रों और व्यवसायों में ऐसे नियोक्ता हैं, जो ऊर्जा सक्षम व्यक्तियों को रोजगार देते हैं। इनमें कुछ इस प्रकार हैं-स्थानीय सरकार, उच्चस्तर शिक्षा संस्थान, बड़े धर्मार्थ संगठन, ऊर्जा एजेंसियाँ और भागीदार कंपनियां, स्वयंसेवी/सामुदायिक संगठन आदि। वाणिज्यिक क्षेत्रों में रोजगार के लिए विनिर्माता, खुदरा श्रृंखलाएँ और सुपर बाजार, कंस्ट्रक्शन कंपनियाँ, विद्युत सेवा प्रदाता कंपनियाँ, पर्यावरण परामर्श कंपनियां आदि नियोक्ता हैं।

इसके अलावा भी ऊर्जा क्षेत्र में रोजगार के ढेरों अवसर हैं। सौर ऊर्जा,पवन ऊर्जा के साथ ही साथ बिजली उत्पादन और वितरण के अधिक सक्षम साधन हासिल करने के लिए ऐसे कार्मिकों की आवश्यकता है जो अनुसंधान और विकास क्षमताएं रखते हों। जैसे ऊर्जा प्रबंधन इंजीनियर, ऊर्जा सक्षम लेखा परीक्षक, स्थायित्व मूल्यांकनकर्ता, ग्रीन इलेक्ट्रिशियन्स, एचवीएसी (हीटिंग, वेंटिलेशन और एयरकंडिशनिंग) व्यवसायी, ग्रिड-कनेक्ट प्रत्यायित पीवी इन्स्टालर्स, स्मार्ट मीटर इन्स्टालर्स, ग्रीन प्लम्बर्स (सोलर हॉट वाटर) आदि। ऊर्जा प्रबंधन क्षेत्र में, जहाँ स्थितियां नित्य परिवर्तनशील हैं, वहाँ ऊर्जा व्यवसायियों के लिए नई स्थितियों और परिवर्तनों के साथ अनुकूलन स्थापित करने की योग्यता अपेक्षित है। अधिकतर कंपनियाँ ऐसे व्यक्तियों को तरजीह देती हैं जो समूह वातावरण में काम करने की योग्यता रखते हों। नियोक्ता भावी नेतृत्व भूमिकाओं के लिए ऐसे उम्मीदवारों को बढ़ावा देते हैं जो टीम भावना से काम करने में रुचि रखते हैं।

गौरतलब है कि भारत सरकार के द्वारा ऊर्जा संरक्षण अधिनियम लागू कर दिया गया है। इस अधिनियम में ऊर्जा के किफायती इस्तेमाल, इसके संरक्षण और इससे संबंधित व इससे उत्पन्न मुद्दों को शामिल किया गया है। ऊर्जा संरक्षण अधिनियम के अनुसार ऊर्जा का इस्तेमाल करने वाले सभी नामित उपभोक्ताओं के लिए किसी मान्यता प्राप्त ऊर्जा ऑडिटर से ऊर्जा ऑडिट कराना तथा ऊर्जा प्रबंधक का मनोनयन या उनकी नियुक्ति करना जरूरी हो गया है। भारत सरकार ने प्रमाणित एनर्जी मैनेजर और प्रमाणित एनर्जी ऑडिटर के लिए राष्ट्रीय स्तर की प्रमाणपत्र परीक्षा उत्तीर्ण करना आवश्यक कर दिया है। प्रमाणपत्रधारी एनर्जी मैनेजर और प्रमाणित एनर्जी ऑडिटर बनने के लिए राष्ट्रीय स्तर की प्रमाणपत्र परीक्षा उत्तीर्ण होना जरूरी है। यह परीक्षा ब्यूरो ऑफ एनर्जी इफीशिएंसी द्वारा संचालित की जाती है जो भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय के अधीन एक सांविधिक निकाय है। राष्ट्रीय स्तर की प्रमाणपत्र परीक्षा राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद, चेन्नई आयोजित करती है। यह ऊर्जा प्रबंधकों/ऊर्जा ऑडिटरों के प्रमाणन के लिए एक समान मानदंड निर्धारित करती है। इस तरह यह सुनिश्चित करती है कि विषय की आवश्यक जानकारी वाले सुयोग्य व्यक्तियों की सेवाएँ उद्योगों को उपलब्ध रहें।

एनर्जी मैनेजर और प्रमाणित एनर्जी ऑडिटर प्रमाणन परीक्षा में शामिल होने के लिए उम्मीदवार को विज्ञान स्नातकोत्तर या समकक्ष होना आवश्यक है। यह प्रमाणन परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद ऊर्जा क्षेत्र में चमकीला करियर बनाया जा सकता है। ऊर्जा प्रबंधक की किसी संगठन में बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका होती है और वह ऊर्जा संबंधी तमाम गतिविधियों का केंद्र बिन्दु होता है। वह ऊर्जा प्रबंधन की नीति और इसकी कार्ययोजना बनाने में अग्रणी भूमिका निभाता है और कॉर्पोरेट ऊर्जा नीति तैयार करने में भी उसकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। ऊर्जा प्रबंधक संयंत्र ऊर्जा प्रबंधन, परियोजना प्रबंधन, कार्मिक प्रबंधन और वित्तीय प्रबंधन से संबंधित जिम्मेदारियाँ भी निभाते हैं। वे निर्धारित एजेंसी को भेजने के लिए सूचना एकत्र करते हैं जिसमें ऊर्जा की खपत और मान्यता प्राप्त ऊर्जा ऑडिटर की सिफारिशों पर की गई कार्यवाही का विवरण रहता है।

एनर्जी ऑडिटर विस्तृत ऊर्जा ऑडिट करता है। ऊर्जा की खपत में गुणवत्ता और ऊर्जा संबंधी बुनियादी जानकारियाँ रखता है , ऊर्जा और सामग्री में संतुलन कायम करता है। ऊर्जा और उपयोगिता प्रणालियों की दक्षता का मूल्यांकन, ऊर्जा खपत के वर्तमान स्तर के साथ ऊर्जा मानदंडों की तुलना करना, ऊर्जा की किफायत के उपायों की पहचान करना और उनमें प्राथमिकता का निर्धारण, तकनीकी और वित्तीय टेक्नोलॉजी तथा वैकल्पित ऊर्जा स्त्रोतों का विश्लेषण, रिपोर्ट लिखना, प्रेजेन्टेशन तैयार करता है और कार्यान्वयन संबंधी अनुपालन आदि कार्य करता है। इसमें कोई दोमत नहीं है कि ऊर्जा के क्षेत्र में स्नातक डिग्री कोर्स अथवा एनर्जी ऑडिटर प्रमाणन परीक्षा उत्तीर्ण करने के बार रोजगार के उजले अवसर उत्पन्न हो जाते हैं।

ऊर्जा के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए देश के प्रमुख संस्थान

• स्कूल ऑफ एनर्जी स्टडीज, भौतिकी विभाग, पुणे विश्वविद्यालय, गणेशखिंद पुणे
• इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, नई दिल्ली
• बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी
• जेएनटीयू कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग,महावीर मार्ग हैदराबाद
• कुमारगुरु कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी, कोयंबटूर
• तेजपुर केंद्रीय विश्वविद्यालय, नापाम, तेजपुर (असम)
• देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर

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English summary
Their are many career opportunity in Energy sector one can have. Their are many institution who will offer best career opportunity in energy sector.
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