चाइल्ड केयर आज के समय में एक अहम विषय है। कई बच्चें हैं जो निम्नलिखित परेशानियों से गुजर रहे हैं जिसके बारे में लोगों को ज्यादा जानकारी नहीं होती है। उनकी इन परेशानी को अच्छी देखभाल देकर समझा और दूर किया जाता है। अक्सर ही बच्चे साइकोलॉजिकल परेशानियों से जूझ रहे होते हैं और किसी को इस बारे में पता नहीं लग पाता हैं। उन बच्चों की सहायता के लिए और देखभार और बिमारियों आदि के लिए चाइल्ड हेल्थ होती है। चाइल्ड हेल्थ एक कोर्स है जो पैरामेडिकल के क्षेत्र में संबंधित है जिसे कक्षा 12वीं के बाद किया जाता है। यदि आप मेडिकल से इस क्षेत्र में दिलचस्पी रखते हैं और मुख्य तौर पर बच्चों के लिए कार्य करने की इच्छा रखते हैं तो आप डिप्लोमा इन चाइल्ड हेल्थ कर सकेत हैं। इस कोर्स के माध्यम से छात्रों को बच्चों के जीवन के पहलुओं आदि के बारे में पढ़ाया जाता है। आइए इस लेख के माध्यम से हम आपको डिप्लोमा इन चाइल्ड हेल्थ के बारे में विस्तार से बताएं।
डिप्लोमा इन चाइल्ड हेल्थ 3 साल का अंडरग्रेजुएट लेवल कोर्स है। इस कोर्स को छात्र कक्षा 12वीं के बाद कर सकते हैं। इस कोर्स की फीस की बात करें तो फीस 6 हजार से 1.5 लाख तक हो सकती है। कोर्स की फीस पूर्ण रूप से संस्थान आधारित होती है। डिप्लोइन इन चाइल्ड केयर में छात्रों को सामाजिक बाल रोग, एथिक्स इन पीडियाट्रिक्स एंड चाइल्ड केयर, ग्रोथ एंड डेवलपमेंट, जेनेटिक्स, रेस्पिरेटरी सिस्टम, कंप्यूटर इन पीडियाट्रिक्स , न्यूट्रीशन आदि जैसे कई बच्चों से संबंधित विषयों की जानकारी दी जाती है। कोर्स पूरा करने के बाद छात्र कई अच्छे बड़े पदों पर कार्य कर सकता है जैसे वह न्यूट्रीशन स्पेशलिस्ट, न्यूट्रीशन कोऑर्डिनेटर, चाइल्ड साइकोलॉजिस्ट आदि। इन पदों पर कार्य कर छात्र साल का 2 से 5 लाख रुपय आराम से कमा सकता है। इसके अलावा वह अपना खुद का क्लिनिक आदि भी खोल सकता है। इस कोर्स में उच्च शिक्षा प्राप्त करने की इच्छा रखने वाले छात्र बैचलर की डिग्री के लिए आदे आवेदन कर सकते हैं।
डिप्लोइन इन चाइल्ड हेल्थ : योग्यता
- डिप्लोमा इन चाइल्ड केयर कोर्स करने के लिए छात्र का किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान ने कक्षा 12वीं पास होना अनिवार्य है।
- कक्षा 12वीं में छात्र के पास साइंस विषय होना अनिवार्य है।
- साइंस में मुख्य विषय के तौर पर छात्र ने फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी पढ़ी होनी चाहिए।
डिप्लोमा इन चाइल्ड हेल्थ : प्रवेश प्रक्रिया
डिप्लोमा इन चाइल्ड हेल्थ में प्रवेश छात्र मेरिट और प्रवेश प्रक्रिया दोनों से ले सकता है।
कोर्स को ऑफर करने वाले कुछ संस्थान प्रवेश के लिए संस्थान के प्रवेस परीक्षा का आयोजन करते हैं तो कुछ संस्थान है जो इस कोर्स में प्रवेश छात्र को कक्षा 12वीं के अंकों के आधार पर देते हैं।
छात्रों को बस देखना होगा की कौनसा संस्थान मेरिट बेस पर प्रवेश देता है और कौन प्रवेश परीक्षा के आधार पर।
डिप्लोइन इन चाइल्ड हेल्थ : कॉलेज और फीस
- कोयम्बटूर मेडिकल कॉलेज, कोयम्बटूर - 81,000
- जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज, कानपुर - 74,000
- मद्रास मेडिकल कॉलेज, चेन्नई - 6,000
- महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज, झांसी 90,000
- एसएमएस मेडिकल कॉलेज, जयपुर - 12,000
- SRTR मेडिकल कॉलेज, अंबाजोगई -141,300
- सरकार। मेडिकल कॉलेज, लातूर - 63,000
- गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज, नागपुर - 128,800
- श्याम शाह मेडिकल कॉलेज, रीवा - 115,000
डिप्लोमा इन चाइल्ड हेल्थ :सिलेबस
डिप्लोमा इन चाइल्ड केयर कोर्स 3 साल का है। 3 साल की अवधि वाले इस कोर्स को करने की इच्छा रखने वाले छात्र के लिए कोर्स के सिलेबस को जानना बहुत आवश्यक है। आइए आपको कोर्स के सिलेबस के बारे में बताएं।
- बेसिक साइंस एंड लेबोरेटरी मेडिसिन एस अप्लाइड टू पीडियाट्रिक्स एंड चाइल्डहुड डिसीसिस
- एथिक्स इन पीडियाट्रिक्स एंड चाइल्ड केयर
- पीडियाट्रिक्स एंड नियोनेटोलॉजी थैरेपीयूटिक्स
- ग्रोथ एंड डेवलपमेंट
- जेनेटिक्स
- मेटाबॉलिक डिसीसिस
- नियोनेटोलॉजी: द पेटर्न्स एंड नियोनेटोलॉजी इन्फनेट
- इम्यूनोलॉजिकल सिस्टम एंड इट्स डिसऑर्डर
- रेस्पिरेटरी सिस्टम
- गैस्ट्रोएनोलोजिस्ट
- साइक्लोजिकल बिहेवियर मेनिफेस्टेशन डिसऑर्डर
- क्लिनिकल एपिडेमियोलॉजी
- कंप्यूटर इन पीडियाट्रिक्स
- न्यूट्रीशन
- इमरजेंसी पेडियाट्रिक्स सर्विसेज
- फ्लूड्स एंड इलेक्ट्रोलाइट्स
- इनफेक्शियस डिसीसिस
- रेहुमैटिक डिसीज एंड कनेक्टिव टिशु डिसऑर्डर ऑफ चाइल्डहुड
- सेंट्रल एंड पेरीफेरल नर्वस सिस्टम
- हेमेटोलॉजी और नियोप्लास्टिक रोग
- नेफ्रोलॉजी और जेनिटोरिनरी ट्रैक्ट
- अंतःस्त्रावी प्रणाली
- आंख, कान, नाक, गले, हड्डियों और जोड़ों के जन्मजात और अधिग्रहित विकार।
- विविध रोग
- शिशुओं, बच्चों और किशोरों में रोगसूचकता और नैदानिक संकेतों के लिए नैदानिक दृष्टिकोण का विकास और व्याख्या।
- सामाजिक बाल रोग
- निवारक बाल रोग
डिप्लोमा इन चाइल्ड हेल्थ : करियर
डिप्लोमा इन चाइल्ड केयर में छात्रों को बच्चों से संबंधित बिमारियों, किशोर अवस्था में झेले जानी वाली दिक्कतों, साइकोलॉजिकल फेक्टर, जेनिटिक्स आदि के बारे में सीखाया जाता है। इस कोर्स को पूरा कर छात्र कई हेल्थ केयर संस्थानों में कार्य कर सकते हैं। उन संस्थानों की लिस्ट लेख में नीचे दी गई है। कोर्स पूरा कर छात्र अच्छे पदों पर हेल्थ सेक्टर में नौकरी कर सकते हैं वह सरकारी और प्राइवेट संस्थान में प्रैक्टिस कर वहीं नौकरी के आवेदन कर सकते है। इन पदों पर छात्र साल का 1.5 से 5 लाख तक आराम से कमा सकते हैं। पदों और सैलरी की जानकारी नीचे दी गई है।
डिप्लोमा इन चाइल्ड हेल्थ : जॉब प्रोफाइल और सैलरी
स्पोर्ट्स न्यूट्रीशनिस्ट - 1.80 लाख रुपये
पर्सनल फिजिशियन - 1.80 लाख रुपये
न्यूट्रीशन स्पेशलिस्ट - 2.20 लाख रुपये
न्यूट्रीशन कोऑर्डिनेटर - 2.90 लाख रुपये
एसोसिएट प्रोफेसर - 4.5 लाख से 8 लाख रुपये
पीडियाट्रिक्स नर्सिंग - 6 लाख रुपये
डिप्लोमा इन चाइल्ड हेल्थ : टॉप रिक्रुटर्स
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र
मानसिक स्वास्थ्य और बाल स्वास्थ्य केंद्र स्वास्थ्यजनसंख्या/पोषण कार्यक्रम
मेडिकल कॉलेज और विश्वविद्यालय
सैन्य अस्पताल
निजी क्लिनिक
चिकित्सा सामग्री लेखन
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