स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद छात्र अपनी आगे की शिक्षा के लिए बेहद चिंता में होते हैं। कक्षा 12वीं के छात्र अक्सर ही इस चिंता में रहते हैं कि वह आगे क्या करेंगे। खैर छात्रों के पास कई ऑप्शन होते तो है लेकिन उन ऑप्शनस को लेकर उनकी जानकारी पूरी न होने के कारण भी वह अपनी पसंद के कोर्स में दाखिला नहीं ले पाते हैं। बहुत से ऐसे छात्र है जो समाज में बदलाव, लोगों की मदद करना और सोशल वर्क में दिलचस्पी रखते हैं। लेकिन उन्हे अक्सर ही ये सुनने को मिलता है कि इस कोर्स में कोई स्कोप नहीं है वह जिन्दगी भर सिर्फ सोशल वर्क ही करते रह जाएंगे। इसमें आपका करियर नहीं बन सकता, कुछ और पढ़ लो ये तो सोशल वर्क है, सोशल वर्क करने के लिए उसे पढ़ना जरूरी नहीं आदि जैसी चीजे आपको सुनने को मिलती है। लेकिन हम आपको बता दें कि ऐसा कुछ नहीं है बैचलर ऑफ सोशल वर्क एक बेहतरीन कोर्स है। इस कोर्स में कई करियर ऑप्शन है। आज के समाज में तो इसका और भी स्कोप है। सोशल वर्क करने के लिए उसे समझना अति आवश्यक है। किसी विषय के बारे में जाने बीना उसे समझे बीना उससे जुड़े कार्य करना मुश्किल होता है। जो भी छात्र इस विषय में रूचि रखते हैं ये लेख उन्ही छात्रों के लिए है। इस लेख के माध्यम से हम आपके साथ बैचलर ऑफ सोशल वर्क कोर्स से जुड़ी सारी जानकारी साझा करेंगे।
बैचलर ऑफ सोशल वर्क
बैचलर ऑफ सोशल वर्क- बीएसडब्लू (BSW) अंडर ग्रेजुएट प्रोग्राम है। इस कोर्स की अवधि 3 वर्ष की होती है। 3 साल की अवधि वाले इस केर्स में 6 सेमेस्टर होते हैं। थ्योरी के साथ- साथ इस कोर्स में प्रेक्टिकल वेर्क के साथ फील्ड वर्क भी करवाया जाता है। ताकी सोशल वर्क पढ़ रहा छात्र समाज में चल रही गतिविधियों और अन्य स्थितियों को समझ सकें और उसके अनुसार कार्य करने के योग्य बन सकें। कोर्स को दौरान छात्र ने जो भी सीखा वह कोर्स पूरा होने के बाद उसे वास्तविक दुनिया में प्रयोग में ला सकता हैं। उन लोगों के लिए मदद का हाथ बढ़ा सकते हैं जिन्हें उसकी जरूरत है। छात्र बैचलर ऑफ सोशल वर्क करने के बाद चाहें तो नौकरी कर सकते हैं और चाहें तो आगे एमए की पढ़ाई के लिए आवेदन कर सकते हैं।
बीएसडब्लू योग्यता
1. बैचलर ऑफ सोशल वर्क करने के लिए छात्रों को कोर्स की योग्यता के बारे मे जानना जरूरी है।
2. किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान से कक्षा 12वीं पास होना आवस्यक है। 12वीं कक्षा में कम से कम 50 से 60 प्रतिशत अंक अनिवार्य है।
3. यदि आप एससी या एसटी श्रेणी से है तो आपके कक्षा 12वीं में 40 प्रतिशत अंक अनिवार्य हैं।
4. 17 साल से कम उम्र का छात्र इस कोर्स के लिए आवेदन नही कर सकता। आवेदन कर्ता की उम्र 17 वर्ष होना अनिवार्य है।
बैचलर ऑफ सोशल वर्क दाखिला प्रक्रिया
कई संस्थान बीएसडब्लू में दाखिले के लिए मुख्य दो तरह से होता है। लेकिन कई ऐसे संस्थान है जो बीएसडब्लू में सीधे दाखिला देतें है। अब आपको सवाल होगा सीधे दाखिला कैसे तो आपको बका दें कि बीएसडब्लू में सीधे दाखिला मैनेजमेंट कोटे के माध्यम से होता है। जिसमें छात्र को एक मोटी रकम का भुगतान करना होता है। भारत में कुछ संस्थान है जो मैनेजमेंट कोटे से छात्रों को दाखिला देतें है। उनमें से एक एमिटी यूनिवर्सिटी है। छात्र सोशल वर्क कोर्स मे मैरिट और एंट्रेंस टेस्ट के माध्यम से प्रवेश ले सकते हैं। हालांकि ज्यादातर संस्थान बैचलर ऑफ सोशल वर्क में मैरिट लिस्ट के आधार पर प्रवेश देते हैं। लेकिन कुछ ऐसे संस्थान भी है जो मैरिट के साथ- साथ एंट्रेंस टेस्ट का आयोजन भी करवाते हैं। जैसे दिल्ली विश्वविद्यलाय ऐसा संस्थान है जो मैरिट के साथ-साथ एंट्रेंस टेस्ट का आयोजन भी करवाता है। ये हर संस्थान अपने अनुसार करवाता है। इसी लिए छात्रों को संस्थान के अनुसार ये जांचना जरूरी है कि कौन से संस्थान मैरिट पर दाखिला देता है और कौन सा एंट्रेंस पर। क्योंकि मैरिट पर दाखिला लेने के लिए छात्रों के काक्षा 12वीं में अच्छे अंक होने चाहिए लेकिन एंट्रेंस टेस्ट के लिए को 50 से 60 प्रितशत अंक प्राप्त करने वाला छात्र परीक्षा देकर कोर्स में दाखिला ले सकता है।
बैचलर ऑफ सोशल वर्क सिलेबस
1 साल
1. इंट्रोडक्शन टू सोशल वर्क
2. इंट्रोडक्शन टू फैमली एजुकेशन
3. इंट्रोडक्शन टू एचआईवी/एड्स
4. सोशल वर्क इंटरवेंशन विद कम्युनिटीज
5. सब्सटेंस एब्यूज
6. काउंसलिंग
7. सोशल वर्क इंटरवेंशन विद इंस्टिट्यूशन
8. ह्यूमैनिटी एंड सोशल साइंस
9. मैथोडिलॉजी टू अंडरस्टैंड सोशल रियलिटी।
2 साल
1. बेसिक एंड इमरजेंसी ऑफ सोशल वर्क
2. साइंस एंड टेक्नोलॉजी
3. बेसिक कांसेप्ट ऑफ सोशल साइकोलॉजी
4. साइकोलॉजी कांसेप्ट ऑफ ह्यूमन बिहेवियर
5. रेलेवेंस ऑफ साइकोलॉजी एंड सोशल वर्क
6. इंट्रोडक्शन टू सोशल केस वर्क
7. फील्ड वर्क
8. सोशल प्रॉब्लम एंड सर्विसेस
9. कंटेंपरेरी सोशल प्रॉब्लम एंड सोशल डिफेंस
3 साल
1. करंट इश्यूज इन कम्युनिटी एंड ऑर्गेनाइजेशन
2. अप्रोचएस इन सोशल वर्क
3. एंपावरमेंट ऑफ वूमेन
4. सेक्सुअल हेल्थ एजुकेशन
5. फेक्चुअल इंफॉर्मेशन ऑफ सब्सटेंस एब्यूज रेलेवेंस एंड इंप्लीकेशंस
6. रोल ऑफ एनजीओस
7. कल्चरल एंड सोशल वैल्यूज इन फैमिली लाइफ
8. डेवलपिंग स्किल्स एंड कंपनेंटेंसीसज फॉर इंटरवेंशन ऑफ सट्रटरजिस
बैचलर ऑफ सोशल वर्क करियर
एक बार छात्र इस विषय में ग्रेजुएशन पूरी कर लें तो वह की क्षेत्रों में काम कर सकते हैं। वह चाहें तो आगे एमए की पढ़ाई के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके बाद एमफिल या पीएचडी कर प्रोफेसर भी बन सकते हैं। लेकिन अगर वह ग्रेजुएशन के बाद आपना फील्ड में काम भी कर सकते हैं। हम सभी जानते हैं भारत विकासशील देश है यहां बहुत से ऐसे क्षेत्र है जहां ध्यान देने की जरूरत है। तो ऐसे में सोशल वर्क फील्ड में काम करने वालों के लिए बहुत स्कोप है।
1. सोशल वर्कर
2. लेबर वेलफेयर स्पेशलिस्ट
3. प्रोजेक्ट मैनेजर
4. प्रोबेशन ऑफीसर
5. स्पेशल एजुकेटर
6. ग्रुप होमवर्क
7. हैबिलिटेशन स्पेशलिस्ट
8. जूविनाइल कोर्ट लिएसन्स
9. शिक्षक
10. काउंसलर
इन क्षेत्रों में फ्रशर्स के तौर पर आप 2 से 3 लाक रुपए तक कमा सकते हैं।
बैचलर ऑफ सोशल वर्क: टॉप शिक्षण संस्थान
जामिया मिलिया इस्लामिया, दिल्ली
दिल्ली विश्वविद्यालय
एमिटी यूनिवर्सिटी, नोएडा
श्री संस्था ग्रुप ओडी इंस्टिट्यूट, चेन्नई
एमआईएमएस विश्वविद्यालय, जयपुर
श्यामा विश्वविद्यालय, दौसा
इग्नू (IGNOU)