इंजीनियरिंग के क्षेत्र में दिन पर दिन तेजी आ रही है। इंजीनियरिंग हमेशा से ही भारत के प्रसिद्ध कोर्सेस में से एक है। लेकिन समय के साथ इसमें कई नए कोर्स शामिल होते गए हैं। जो एक विषय में छात्र को स्पेशलाइजेशन प्रदान करते हैं। लेकिन अभी भी इंजनीयरिंग के पारंपरिक कोर्से की अहमियत उतनी ही है जितनी पहले हुआ करती थी या फिर यूं कहें कि समय के साथ वो भी बढ़ती जा रही है। हम जिन वस्तुओं का प्रयोग अपने दैनिक जीवन में करते हैं या हमारे सभी कार्यों को आसन करने वाला चीजे मैकेनिकल इंजीनियरिंग की देन है। ये सभी मशीने जिनका प्रोयग आपके और हमारे द्वारा किया जाता है इन सब का निर्माण और डिजाइन इन इंजीनियरों द्वारा ही किया जाता है। आज इस लेख के माध्यम से हम आपको इंजीनियरिंग के पारंपरिक कोर्स मैकेनिकल इंजीनियरिंग कोर्स के बारे में पूरी जानकारी देने वाले हैं। आइए जाने -
बीई मैकेनिकल इंजीनियरिंग क्या है?
बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग इन मैकेनिकल इंजीनियरिंग जिसे शॉर्ट में बीई इन मैकेनिकल इंजीनियरिंग भी कहा जाता है। इस कोर्स की अवधि 4 साल की है जिसे सेमेस्टर में बांटा गया है। इस कोर्स में आज की समस्याओं का समाधान निकालने, बाजार की जरूरतों की पूर्ती करने के साथ सबसे मुख्य स्वास्थ्य सेवा, ऊर्जा, परीवहन, अंतरिक्ष अन्वेषण, भूखमरी और जलवायु परिवर्त के क्षेत्र में आ रहु परेशानियों के समाधान निकालन पर केंद्रीत है। मैकेनिकल इंजीनियरिंग करने वाले ऐसे उत्पादों का निर्माण करते हैं जो इस दैनिक जीवन में आपके हमारे कामों को आसान करता है। इसके माध्यम से ऐसी मशीनों का निर्माण किया जाता है जिससे आप कार्य भी होता है और समय भी बचता है। हम हर तरफ से ऐसी ही मशीनों से घिरें हुए हैं।
मैकेनिकल इंजीनियरिंग में छात्रों को रोबोटिक्स, मशीन, गति, इलेक्ट्रिक टेक्नोलॉजी, प्रोडक्शन टेक्नोलॉजी और इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट के बारे में पढ़ाया जाता है। आइए आपको कोर्स करने के लिए पात्रता, कॉलेज और जॉब प्रोफाइल के बारे में ज्ञान दें।
बीई मैकेनिकल इंजीनियरिंग : योग्यता
- बैचलर ऑफ मैकेनिकल इंजीनियरिंग में प्रवेश के लिए छात्रों को किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से कक्षा 12वीं पास होना अनिवार्य है।
- कक्षा 12वीं में छात्रों के पास साइंस स्ट्रींम होनी चाहिए।
- साइंस स्ट्रीम में छात्रों का मुख्य विषयों के तौर पर फिजिक्स, केमेस्ट्रि और मैथमेटिक्स के साथ अंग्रेजी पढ़ा होना आवश्यक है।
- कक्षा 12वीं में छात्रों को कम से कम 60 प्रतिशत अंक प्राप्त होने चाहिए।
- आरक्षित श्रेणी वाले छात्रों के लिए अंक प्रतिशत में सरकार की गाइडलाइंस के अनुसार कुछ प्रतिशत की छूट है।
बीई मैकेनिकल इंजीनियरिंग : प्रवेश प्रक्रिया
बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग इन मैकेनिकल इंजीनियरिंग कोर्स करने के लिए प्रवेश परीक्षा की आयोजन किया जाता है जिसमें कई संस्थानों में प्रवेश जेईई मेंस और जेईई एडवांस परीक्षा के माध्यम से होता है। कुछ संस्थानों द्वारा अपनी एक अलग परीक्षा होती है। इस कोर्स में मुख्य तौर पर प्रेवश लेने के लिए छात्रों को परीक्षा में शामिल होना ही होता है।
आयोजित होने वाली इन परीक्षाओं के लिए छात्रों को आवेदन करना होता है और आवेदन प्रक्रिया के बाद छात्रों को परीक्षा में शामिल होना है।
परीक्षा में छात्रों के प्रदर्शन के अनुसार उन्हें रैंक प्राप्त होती है और उसी रैंक के आधार पर काउंसलिंग प्रक्रिया का आयोजन किया जाता है।
बीई मैकेनिकल इंजीनियरिंग : प्रवेश परीक्षा के नाम
- जेईई मेंस (JEE Main)
- जेईई एडवासं (JEE Advanced)
- बीआईटीएसएटी (BITSAT)
- वीआईटीईई (VITEEE)
- डब्ल्यूजेईई (WBJEE)
- एसआरएमजेईई (SRMJEEE)
- एमएचटीसीईटी (MHTCET)
- यूपीएसईई (UPSEE)
बीई इन मैकेनिकल इंजीनियरिंग : कॉलेज और फीस
1. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मद्रास - 75,000 रुपये
2. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, बॉम्बे - 11,400 रुपये
3. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, खड़गपुर - 82,270 रुपये
4. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली - 2,24,900 रुपये
5. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर - 2,12,900 रुपये
6. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की - 1,02,900 रुपये
7. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, पटना - 1,19,700 रुपये
8. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, गुवाहाटी - 2,19,350 रुपये
9. राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, तिरुचिरापल्ली - 1,86,350 रुपये
10. वेल्लोर प्रौद्योगिकी संस्थान, वेल्लोर - 1,98,200 रुपये
11. बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस, पिलानी - 4,25,750 रुपये
बीई मैकेनिकल इंजीनियरिंग : सिलेबस
बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग इन मैकेनिकल इंजीनियरिंग कोर्स 4 साल की अवधि का कोर्स है। जिसे छात्रों के लिए आसान बनाने के लिए सेमेस्टर सिस्टम के तहत 8 सेमेस्टर में बांटा गया है। उन 8 सेमेस्टर का सिलेबस कुछ इस प्रकार है।
सेमेस्टर 1
इंग्लिश
मैथमेटिक्स
फिजिक्स
केमिस्ट्री
इंजीनियरिंग ग्राफिक्स
सेमेस्टर 2
मैथमेटिक्स
फिजिक्स
प्रोग्रामिंग लैंग्वेज
इलेक्ट्रिकल टेक्नोलॉजी
इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन
वैल्यू एजुकेशन
सेमेस्टर 3
मैकेनिक ऑफ सॉलिड
अप्लाइड थर्मोडायनेमिक्स
थ्योरी ऑफ मैकेनिक्स
मशीन ड्रॉइंग
कंप्यूटर ग्राफिक
मैथमेटिक्स
मैकेनिकल सॉलिड पार्टिकल्स
सेमेस्टर 4
फ्लूड डायनामिक्स
डायनॉमिक्स आफ मशीनरी
मैकेनिकल इंजीनियरिंग डिजाइन
इलेक्ट्रिकल मैकेनिक एंड कंट्रोल
न्यूमेरिकल एंड स्टैटिसटिकल मैथर्ड
सेमेस्टर 5
फ्लूड मैकेनिक
हीट एंड मैस ट्रांसफर
एडवांस मैकेनिकल इंजीनियरिंग डिजाइन
इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट
एडवांस्ड सॉलिड मैकेनिक्स
सेमेस्टर 6
इंटरनल कॉम्बस्शन इंजन
मैकेनिकल वाइब्रेशन
प्रोडक्शन टेक्नोलॉजी
कंप्यूटर ऐडेड डिजाइन
सेमेस्टर 7
मेजरमेंट एंड इंस्ट्रक्शन
एनर्जी कन्वर्सेशन इक्विपमेंट्स
ऑपरेशन रिसर्च
इंडस्ट्रियल ट्रीबायोलॉजी
मेकाट्रॉनिक्स
वेस्ट हीट यूटिलाइजेशन
नॉइस इंजीनियरिंग
रेफ्रिजरेशन एंड एयर कंडीशनिंग
यूटिलाइजेशन ऑफ नॉन कन्वेंशनल एनर्जी
फ्रैक्चर मकैनिक
एडवांस मैक्निक्स
सेमेस्टर 8
एडवांस फ्लूड मैकेनिक्स
कंप्यूटर ऐडेड मैन्युफैक्चरिंग
ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग
फीनाइट एलिमेंट्स मैन्युफैक्चरिंग
कंपोसाइट मैटेरियल्स
एग्रोनॉमिक्स
पावर प्लांट इंजीनियरिंग
एनवायरमेंटल इंजीनियरिंग
बीई मैकेनिकल इंजीनियरिंग : जॉब प्रोफाइल और सैलरी
1. मैकेनिकल इंजीनियर - 6 से 7 लाख रुपये सालाना
2. सर्विस इंजीनियर - 5 से 6 लाख रुपये सालाना
3. इंस्ट्रक्शनल डिजाइनर - 7 से 8 लाख रुपये सालाना
4. कंसलटेंट - 8 से 9 लाख रुपये सालाना
5. मैकेनिकल डिजाइनर - 5 से 6 लाख रुपये सालाना
बीई मैकेनिकल इंजीनियरिंग : स्कोप
बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग इन मैकेनिकल इंजीनियरिंग कोर्स को करने के बाद छात्रों के पास कई अच्छे विकल्प होते हैं। जितनी तेजी से इंजीनियरिंग का क्षेत्र आगे बढ़ रहा है। उसे देखते हुए दिन पर दिन इस क्षेत्र में छात्रों के रोजगार के अवसर भी बढ़ रहे हैं। वह चाहें तो ऊपर दिए पदों पर नौकरी कर सकते हैं और साल का 4 से 9 लाख रुपये तक आराम से कमा सकते हैं और यदि वह इस विषय में और ज्ञान प्राप्त करने की इच्छा रखते हैं तो आप उच्च शिक्षा के लिए भी जा सकते हैं। इसी विषय में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद छात्रों के पास करियर ऑप्शन और बढ़ जाते हैं। जो छात्र मैकेनिकल इंजीनियरिंग में उच्च शिक्षा प्राप्त करने की इच्छा रखते हैं नीचे दिए कोर्स भी कर सकते हैं।
पोस्टग्रेजुएट डिप्लोमा इन मैकेनिक्स
एमई इन मैकेनिकल इंजीनियरिंग
एमटेक इन मैकेनिकल इंजीनियरिंग
पीएचडी
छात्र उच्च शिक्षा प्राप्त कर पीएचडी भी कर सकते हैं और पीएचडी पूरी कर वह विश्वविद्यालयों में लेक्चरर और प्रोफेसर के पद पढ़ा सकते हैं।
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