यदि कोई छात्र साइंस स्ट्रीम में 12वीं कक्षा करने के बाद दांतो का डॉक्टर बनना चाहता है तो उसे बीडीएस (बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी) का अंडरग्रेजुएट डिग्री कोर्स करना चाहिए। बीडीएस एमबीबीएस के बाद सबसे अधिक मांग वाले कोर्स में से एक है। इस कोर्स की अवधि एक वर्ष की इंटर्नशिप सहित 5 वर्ष की है। भारत में, बीडीएस को डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा नियंत्रित किया जाता है, जहां सभी दंत चिकित्सकों को अपना अध्ययन पूरा होने के बाद प्रैक्टिस करने के लिए रजिस्ट्रेशन करना होता है।
बीडीएस कोर्स में छात्रों को डेन्चर, डेंटल प्रॉब्लम और सर्जरी के बारे में पढ़ाया जाता है। कोर्स पूरा करने के बाद, छात्र अपने नाम के आगे 'डॉ' की उपाधि का उपयोग करने के योग्य हो जाते हैं। साथ ही डीसीआई से लाइसेंस प्राप्त करने के बाद डेंटटिसट की प्रेक्टिकस भी कर सकते हैं।
बीडीएस क्या है?
बीडीएस एक डिग्री लेवल कोर्स है जो छात्रों को नौकरी के कई अवसर प्रदान करता है। इस डिग्री को करने के बाद छात्र सरकारी या प्राइवेट अस्पताल में डेंटिस्ट के तौर पर काम कर सकते हैं। इसके अलावा, वे फार्मास्युटिकल और मेडिकल डिवाइस निर्माण इंडस्ट्री में भी अपना करियर बना सकते हैं। बीडीएस में एडमिशन लेने के लिए, उम्मीदवारों को नेशनल लेवल का एंट्रेंस टेस्ट एनईईटी की परीक्षा में पास होना अनिवार्य है। डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया के रिकॉर्ड के अनुसार, बीडीएस कोर्स में कुल 26,000 सीटें उपलब्ध हैं। ये सीटें सरकारी, प्राइवेट कॉलेजों के साथ-साथ केंद्रीय और डीम्ड विश्वविद्यालयों सहित 315 कॉलेजों में उपलब्ध हैं।
बीडीएस कोर्स डिटेल्स
• कोर्स का नाम- बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी
• सोर्ट फॉर्म- बीडीएस
• कोर्स स्तर- अंडरग्रेजुएट
• कोर्स का प्रकार- डिग्री प्रोग्राम
• कोर्स की अवधि- 5 वर्ष
• न्यूनतम योग्यता- 12वीं में साइंस स्ट्रीम के पीसीबी विषय में 50% अंक
• एंट्रेंस टेस्ट- एनईईटी (NEET)
• औसत कोर्स फीस- 1-6 लाख
• औसत सैलरी- 4-6 लाख
बीडीएस कोर्स के लिए एलिजिबिलिटी
बीडीएस कोर्स में एडमिशन लेने के लिए उम्मीदवारों को निम्न प्रकार की कुछ आवश्यकताओं को पूरा करना होगा।
• उम्मीदवार को साइंस स्ट्रीम के साथ पीसीबी व अंग्रेजी जैसे विषयों के साथ 12वीं कक्षा में पास होना अनिवार्य है।
• उन्हें 12वीं कक्षा में कम से कम 50% अंक प्राप्त करने चाहिए।
• 17 साल से कम उम्र नहीं होनी चाहिए।
• NEET क्वालिफाई करना अनिवार्य है।
बीडीएस करने के लिए एडमिशन प्रोसेस
जो उम्मीदवार बीडीएस कोर्स में एडमिशन लेना चाहते हैं, उन्हें एनईईटी की परिक्षा में पास होना आवश्यक है। जिसके लिए राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी एक ऑनलाइन आवेदन पत्र जारी करती है। उम्मीदवारों को दी गई समय सीमा में फॉर्म भरना होगा और बीडीएस कार्यक्रम में प्रवेश के लिए एनईईटी परीक्षा में शामिल होना होगा। परीक्षा साल में एक बार कंप्यूटर आधारित मोड में आयोजित की जाती है। नीट काउंसलिंग में भाग लेने के लिए न्यूनतम कटऑफ स्कोर करना एक मानदंड है। सीटों का आवंटन रैंक, उम्मीदवार द्वारा भरी गई पसंद, सीटों की उपलब्धता और आरक्षण मानदंड के आधार पर किया जाता है।
बीडीएस: शीर्ष कॉलेज और कोर्स शुल्क
कॉलेज का नाम | फीस | |
फैकल्टी ऑफ़ डेंटल साइंसेज, ट्रॉमा सेंटर बीएचयू | 1 लाख | |
मौलाना आजाद आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली | 1 से 1.5 लाख | |
फैकल्टी ऑफ डेंटल साइंसेज किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ | 1.5 से 2 लाख | |
गवर्नमेंट डेंटल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, मुंबई | 2 से 2.5 लाख | |
डॉ आर अहमद डेंटल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, कोलकाता | 1 लाख | |
मणिपाल कॉलेज ऑफ डेंटल साइंसेज, मेंगलुरु | 25 से 30 लाख |
बीडीएस में करियर स्कोप
दिन-प्रतिदिन नई-नई बीमारियों उत्पन्न होने के कारण स्वास्थ्य सेवा के प्रतिमान का विस्तार हो रहा है जिसके कारण डॉक्टर की सेवाओं की मांग बढ़ी है। स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर जिन्हें इस क्षेत्र का गहन ज्ञान है, वे हमेशा मांग में रहते हैं। बीडीएस में स्नातक करने वाले छात्र सरकारी या प्राइवेट दोनों क्षेत्रों में काम करना चुन सकते हैं।
सरकारी क्षेत्र में, ये पेशेवर रक्षा सेवा, भारतीय रेलवे में काम कर सकते हैं या राज्य सरकार की नौकरियों का विकल्प चुन सकते हैं। जबकि प्राइवेट क्षेत्र में, बीडीएस पेशेवरों को अस्पतालों, दंत चिकित्सालयों, दवा कंपनियों और दंत उत्पाद निर्माताओं द्वारा जॉब आसानी से मिल जाती है। 5 साल का डिग्री प्रोग्राम पूरा करने के बाद, कुछ बीडीएस स्नातक अपना क्लिनिक भी खोलते हैं।
बीडीएस कोर्स करने के बाद जॉब प्रोफाइल
चूंकि बीडीएस करने वाले छात्रों को दंत संबंधी समस्याओं की पूरी जानकारी होती है, इसलिए उन्हें अस्पतालों और दंत चिकित्सालयों द्वारा आसानी से जॉब मिल जाती है। जो छात्र बीडीएस कोर्स करने के बाद भी जॉब नहीं करना चाहते वो छात्र हायर स्टडीज के लिए भी जा सकते हैं यानी डेंटल फील्ड (एमडीएस) में मास्टर कोर्स कर सकते हैं। या फिरवे स्वास्थ्य प्रशासन में मास्टर या हेल्थकेयर मैनेजमेंट में एमबीए जैसे संबंधित कोर्स भी चुन सकते हैं।
डेंटल प्रोफेशनल्स को उनकी स्किलस के अनुसार विभिन्न पदों पर जॉब दी जाती है। शुरुआत में उन्हें 30,000 से 40,000 तक की सैलरी दी जाती है, लेकिन जैसे-जैसे वे विशेषज्ञ इस क्षेत्र में अनुभव प्राप्त करते हैं, तो उनकी सैलरी भी बढ़ती जाती है। बीडीएस स्नातकों के लिए उनके औसत वेतन के साथ कुछ जॉब प्रोफाइल का उल्लेख नीचे दी गई है:
जॉब प्रोफ़ाइल- औसत सैलरी
• डेंटिस्ट- 3.5 से 4.5 लाख
• रिसर्चर- 3 लाख
• लेक्चरर- 5 लाख
• रक्षा सेवाओं में दंत चिकित्सा अधिकारी- 9 लाख
• भारतीय रेलवे में डेंटिस्ट- 7 लाख