बीए अकाउंटेंसी 3 साल का अंडरग्रेजुएट कोर्स है। 3 साल की अवधि वाले इस कोर्स को 6 सेमेस्टर में बांटा गया है। हर साल छात्रों को दो सेमेस्टर पढ़ाए जाते हैं और इन सेमेस्टर के अंत में परीक्षा का आयोजन किया जाता है। इस कोर्स में छात्रों को अकाउंटिंग में प्रोफेशनल प्रैक्टिस, मैनेजमेंट अकाउंटिंग, ऑडिटिंग, टैक्सेशन और फाइनेंशियल अकाउंटिंग के साथ-साथ मैनेजमेंट, बिजनेस लॉ, इकोनॉमिक्स, बिजनेस, मैथमेटिक्स, स्टैटिसटिक्स जैसे अन्य कोर्स भी पढ़ाए जाते हैं। छात्र इस कोर्स को कक्षा 12वीं के बाद से कर सकते हैं। कोर्स करने के लिए छात्रों को कक्षा 12वीं में प्रमुख विषयों से तौर पर मैथमेटिक्स, इकोनॉमिक्स, अकाउंटिंग और बिजनेस स्टडीज पढ़ा होना जरूरी है। या सीधे तौर पर वह कॉमर्स का छात्र होना चाहिए। इस कोर्स को पूरा करने के बाद छात्रों के पास कई अच्छे करियार स्कोप होते हैं। छात्र आगे की पढ़ाई के लिए भी आवेदन कर सकते हैं। इस कोर्स की फीस 3 हजार से 5 लाख तक जा सकती है। कोर्स फीस संस्थान आधारित होती है। सराकरी के मुकाबले प्राइवेट संस्थानों की फीस अधिक होती है। कोरिस की फीस कॉलेज की रैंकिंग पर भी आधारित होती है। इस कोर्स को पूरा करने के बाद छात्र सालाना 3 लाख से 10 लाख सकते कमा सकते हैं। आइए कोर्स की योग्यता, कॉलेज, फीस, जॉब स्कोप और सैलरी के बारे में और अधिक जानकारी दें।
बीए अकाउंटेंसी प्रवेश प्रक्रिया
इस कोर्स में छात्र मेरिट और एंट्रेंस टेस्ट (प्रवेश परीक्षा) के आधार पर दाखिला ले सकते हैं। मेरिट बेस पर दाखिला छात्रों के कक्षा 12वीं के अंकों के आधार पर होता है। इसके लिए छात्रों कक्षा 12वीं की परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करना होता है। हर संस्थान या कॉलेज एक कट ऑफ लिस्ट जारी करता है जिसके आधार पर छात्र अपने पसंसद के कॉलेज या उनेक 12वीं के अंकों के आधार पर जो कॉलेज उन्हें अलॉट किया जाता है उसमे प्रवेश ले सकते हैं।
प्रवेश परीक्षा के आधार पर छात्रों को कक्षा 12वीं के बाद सस्थान या कॉलेज द्वारा आयोजिता की जाने वाली परीक्षा में भाग लेना होता है। छात्रों को अपने पसंद के कॉलेज में प्रवेश लेने के लिए प्रवेश परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करना होता है। परीक्षा में छात्रों के प्रदर्शन के आधार पर एक शॉर्ट लिस्ट जारी की जाती है जिसके आधार पर चुने गए छात्रों को प्रवेश दिया जाता है।
टॉप प्रवेश परीक्षा के नाम
- आईपीयू सीईटी
- एनपीएटी
- सीयूईटी
दोनों ही आधार पर कॉलेजों में प्रवेश लेने के लिए छात्रों को सबसे पहले कोर्स के लिए आवेदन करना होता है। इसके लिए छात्रों को योग्यता के आधार पर आवेदन करना होता है। छात्रों को कॉलेज की आधिकारिक वेबसाइट से आवेदन पत्र में मांगी गई साीर जानाकरी भर कर सूमिट करना है फिर मांगे गए सभी दस्तावेजों को अपलोड कर आगे आवेदन शुल्क का भुगतान कर आवेदन पत्र सबमिट करना है। इसके बाद जारी सूचना के आधार पर प्रवेश परीक्षा या कट ऑफ के जरिए छात्र कोर्स में प्रवेश ले सकता है। कोर्स की योग्यता (एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया) नीचे दिया गया है।
बीए अकाउंटेंसी कोर्स योग्यता (एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया)
किसी भी कोर्स को करने के लिए सबसे पहले उस कोर्स की एलिजिबिलिटी को बारे में जानना जरूरी है। उसकी प्रकार बीए अकाउंटेंसी कोर्स योग्यता कुछ इस प्रकार है-
- किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान से कक्षा 12वीं पास होना अनिवार्य है।
- बीए अकाउंटेंसी कोर्स करने के लिए छात्र को 12वीं कक्षा में कम से कम 50 प्रतिशत अंक लाने आवशयक हैं।
- इसी के साथ आरक्षित श्रेणी के छात्रों के लिए अंक प्रतिशत में 5 प्रतिशत की छुट मिलती है। यानी आरक्षित श्रेणी के छात्र 45 प्रतिशत पर कोर्स के लिए आवेदन कर सकते हैं।
- बीए अकाउंटेंसी कोर्स के लिए छात्रों को प्रमुख विषयों से तौर पर मैथमेटिक्स, इकोनॉमिक्स, अकाउंटिंग और बिजनेस स्टडीज पढ़ा होना आवश्यक है।
बीए अकाउंटेंसी के प्रकार
बीए अकाउंटेंसी कोर्स दो तरह से किया जा सकता है। इस कोर्स को छात्र रेगुलर और डिस्टेंस मोड दोनों से किया जा सकता है।
फुल टाइम (रेगुलर) कोर्स
बीए अकाउंटेंसी फुल टाइम कोर्स में छत्रों को रेगुलर कॉलेज जाना होता है। इसमें पूरे साल छात्रों की क्लास होती है। लेक्चर होते हैं। इसके साथ अन्य प्रकार की गतिविधियों के माध्मय से छात्रों को काफी कुछ सीखने को मिलता है। फुल टाइम कोर्स में प्रवेश मेरिट के आधार पर और पर्वेश परीक्षा दोनों के आधार पर होता है।
डिस्टेंस मोड (ओपन) कोर्स
छात्र बीए अकाउंटेंसी डिस्टेंस मोड या ओपन से कोर्स कर सकते हैं। किस कारण वर्ष कुछ छात्र रेगुलर से कोर्स नहीं कर पाते हैं या फिर वह जॉब या डिप्लोमा के साथ इस कोर्स को ओपन से करते है। इस कोर्स में छात्रों को रेगुलर कोर्स की तरह क्लास नहीं लेनी होती हैं। हफ्ते में एक दिन की क्लास होती है उसमें भी छात्र चाहे तो वह क्लास ले सकता है। नहीं तो नहीं। छात्र को डिस्टेंस कोर्स में केवल परीक्षा के लिए जाना होता है। डिस्टेंस मोड में ज्यादतर मेरिट बेस पर दाखिला दिया जाता है। नीचे आपको टॉप कॉलेज के साथ-साथ ओपन कॉलेज और उनकी फीस भी दी गई है।
बीए अकाउंटेंसी टॉप कॉलेज और उनकी फीस
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी : 3,000 रुपए
कलकत्ता विश्वविद्यालय, कोलकाता : 2,000 रुपए
दिल्ली विश्वविद्यालय, नई दिल्ली : 10,000 रुपए
मद्रास विश्वविद्यालय, चेन्नई : 3,500 रुपए
अलगप्पा विश्वविद्यालय, तमिलनाडु : 23,500 रुपए
गुवाहाटी विश्वविद्यालय, गुवाहाटी : 20,000 रुपए
लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, पंजाब : 50,000 रुपए
बीए अकाउंटेंसी डिस्टेंस कॉलेज और उनकी फीस
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू), नई दिल्ली : 13,600 रुपए
अलगप्पा विश्वविद्यालय, तमिलनाडु : 20,000 रुपए
मदुरै कामराज विश्वविद्यालय, मदुरै : 12,750 रुपए
बीए अकाउंटेंसी कोर्स सिलेबस
अकाउंटेंसी में बीए कोर्स करने की इच्छा रखने वाले छात्रओं को बाता दें कि अकाउंटेंसी कोर्स को सेमेस्टर सिस्टम के तहत 6 सेमेस्टर में बांटा गया है। मुख्यतः कोर्स को सेमेस्टर में बाट कर शिक्षा को छात्रों के लिए आसान बनाने का प्रयत्न किया गया है। बीए अकाउंटेंसी कोर्स का सिलेबस कुछ इस प्रकार है।
सेमेस्टर 1
इंग्लिश
फाइनेंसियल एकाउंटिंग 1
बिजनेस रेगुलेटरी फ्रेमवर्क
सेमेस्टर 2
इकोनॉमिक्स 1
बिजनेस मैथ्स एंड स्टैटिसटिक्स
प्रिंसिपल एंड प्रैक्टिस ऑफ मैनेजमेंट एंड बिजनेस कम्युनिकेशन
सेमेस्टर 3
इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी एंड एप्लीकेशन इन बिजनेस
प्रिंसिपल ऑफ मार्केटिंग
एडवांस बिजनेस मैथ
सेमेस्टर 4
इकोनॉमिक्स 2
फाइनेंशियल अकाउंटिंग 2
डायरेक्ट एंड इनडायरेक्ट टैक्सेशन
सेमेस्टर 5
फाइनेंशियल अकाउंटिंग 3
ऑडिटिंग
इकोनॉमिक्स 3
सेमेस्टर 6
कॉस्ट एंड मैनेजमेंट अकाउंटिंग
एनवायरमेंटल स्टडीज
प्रोजेक्ट
बीए अकाउंटेंसी कोर्स के बाद स्कोप
बीए अकाउंटेंसी कोर्स करने के बाद छात्र आगे की पढाई के लिए आवेदन कर सकते हैं और यदि वह सीधा नौकरी करना चाहतें है तो वह नौकरी के लिए आवेदन भ कर सकते हैं। आगे की पढ़ाई में इच्छा रखने वाले छात्र कोर्स पूरा होने के बाद नीचे दिए गए अन्य कोर्सेस के लिए आवेदन कर सकते हैं।
एमए इन अकाउंटेंसी
एमबीए
एमकॉम
पीजीडीएम आदि के लिए आवेदन कर सकते हैं।
जो छात्र कोर्स पूरा होने के बाद नौकरी के लिए आवेदन करना चाहते हैं, वह नीचे दी गई जॉब प्रोफाइल को देख सकते हैं।
- रिस्क एनालिस्ट
- फाइनेंशियल प्लानर
- इन्वेस्टमेंट एनालिस्ट
- अकाउंट हैंडलर
- टैक्स एडवाइजर
- अकाउंटेंट
भर्तिकर्ता
- बैंकस
- एमएनसी
- कंसलटिंग फर्म
- सेंसेक्स
- निफ्टी
- कमर्शियल ऑफिस
जॉब प्रोफाइल और उनकी सालाना सैलरी
रिस्क एनालिस्ट के तौर पर आप साल का 5 लाख आरम से कमा सकते हैं।
फाइनेंशियल प्लानर के तौर पर आप साल का 7 लाख आरम से कमा सकते हैं।
इन्वेस्टमेंट एनालिस्ट के तौर पर आप सालाना 6 लाख तक कमा सकते हैं।
अकाउंट हैंडलर के तौर पर आप सालाना 5 लाख आरम से कमा सकते हैं।
टैक्स एडवाइजर के तौर पर आप साल का 4 लाख तक कमा सकते हैं।
अकाउंटेंट के तौर पर आप 6 लाख सालाना तक कमा सकते हैं।