बीएससी इन न्यूक्लियर मेडिसिन टेक्नोलॉजी कैसे करें, जानिए कोर्स, फीस और टॉप कॉलेज के बारे में

कक्षा 12वीं के बाद साइंस स्ट्रीम के कई छात्र मेडिसिन या पैरामेडिकल के क्षेत्र में अपना करियर बनाने कि इच्छा रखते हैं। पैरामेडिक की बात करें तो ये हेल्थकेयर सेक्टर में इसकी एक अमह भूमिका है। डॉक्टर के अलावा कई अन्य हेल्थ केयर वर्क होते हैं जिनके बिना कई कार्य संभव नहीं हो सकते हैं और इन पदों पर कार्य करने के लिए कई कोर्स होते हैं जो पैरामेडिकल सेक्टर में शामिल है। इन्हीं कोर्स में से एक कोर्स है बीएससी इन न्यूक्लियर मेडिसिन टेक्नोलॉजी। मेडिसिन के क्षेत्र में अपना करियर बनाने कि इच्छा रखने वाले छात्र बीएससी इन न्यूक्लियर मेडिसिन टेक्नोलॉजी कोर्स कर सकते हैं ये उनके लिए एक अच्छा करियर ऑप्शन साबित हो सकता है। न्यूक्लियर मेडिसन के ऐसी परीक्षण प्रक्रिया है जिसके माध्यम से कुछ चिकित्सीय समस्याओं को सप्ष्ट होने से पहले उनके बारे में पता लगाया जा सकता है।

आपको बता दें कि बीएससी इन न्यूक्लियर मेडिसिन टेक्नोलॉजी एक अंडरग्रेजुएट केमिकल इंजीनियरिंग प्रोग्राम है। इस कोर्स को छात्र कक्षा 12वीं के बाद कर सकते हैं। ये कोर्स 3 साल की अवधि का कोर्स है। इस कोर्स में छात्रों को शरीर रचना विज्ञान और शरीर विज्ञान, विकिरण रसायन, रेडियोफार्मेसी, गामा जगमगाहट कैमरा ऑपरेशन और रोगी देखभाल और नैतिकता जैसे कई विषयों की जानकारी दी जाती है। कोर्स पूरा करने के सरकारी और प्राइवेट अस्पलाओं के साथ कई डायग्नोसिस सेंटर में कार्य कर साल का 3 से 7 लाख रुपये आराम से कमा सकते हैं। कोर्स को छात्र रेगुलर और डिस्टेंस मोड से कर सकते हैं। भारत के कई अच्छे और बड़े संस्थान है जो इसे डिस्टेंस मोड में भी ऑफर करते हैं। आइए आपको कोर्स से संबंधित अन्य जानकारी दें।

बीएससी इन न्यूक्लियर मेडिसिन टेक्नोलॉजी कैसे करें, जानिए कोर्स, फीस और टॉप कॉलेज के बारे में

बीएससी न्यूक्लियर मेडिसिन टेक्नोलॉजी : योग्यता

- किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान से कक्षा 12वीं पास छात्र या जिसने कक्षा 12वीं कि अंतिम परीक्षा यानी बोर्ड की परीक्षा दी हो, वो छात्र इस कोर्स के लिए आवेदन कर सकता है।
- छात्र साइंस स्ट्रीम से पढ़ा हो जिसमें मुख्य विषय के तौर पर फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी विषय और साथ ही अंग्रेजी विषय की ज्ञान भी हो।
- कक्षा 12वीं में छात्र को कम से कम 50 प्रतिशत अंक प्राप्त होने चाहिए।

बीएससी न्यूक्लियर मेडिसिन टेक्नोलॉजी : प्रवेश परीक्षा

1. नीट
2. एनपीएटी
3. सीयूईटी

बीएससी न्यूक्लियर मेडिसिन टेक्नोलॉजी : प्रवेश के प्रकार

इस कोर्स में प्रवेश छात्र मेरिट और प्रवेश परीक्षा के माध्यम से ले सकते हैं। इसके साथ ही आपको बता दें कि बीएससी न्यूक्लियर मेडिसिन टेक्नोलॉजी कोर्स रेगुलर और डिस्टेंस मोड से किया जा सकता है।

मेरिट बेस पर प्रवेश लेने के लिए छात्रों को कक्षा 12वीं में अच्छे अंक प्राप्त करने होंगे। उनके 12वीं के अंकों के आधार पर ही छात्रों को संस्थान में प्रवेश दिया जाएगा।

यदि किन्ही दो छात्रों को पीसीएम विषयों के अनुसार प्राप्त रैंक समान होती है तो ऐसी स्थिति में उनके अंग्रेजी के अंकों के आधार पर फैसला लिया जाएगा।

प्रवेश परीक्षा के माध्यम से जो छात्र इस कोर्स में प्रवेश लेने की इच्छा रखते हैं उन्हें आयोजित होने वाली परीक्षा में शामिल होना होगा और उस प्रवेश परीक्षा में उनके प्रदर्शन के अनुसार छात्रों को रैंक किया जाएगा। जिसके बाद काउंसलिंग प्रक्रिया या संस्थान द्वारा जारी लिस्ट के अनुसार छात्रों को संस्थान में प्रवेश प्राप्त होगा।

बीएससी न्यूक्लियर मेडिसिन टेक्नोलॉजी : कॉलेज और फीस

एम्स, नई दिल्ली - 3,085 रुपये
क्रिस्टियन मेडिकल कॉलेज, वेल्लोर - 23,280 रुपये
जेआईपीएमईआर, पांडिचेरी - 42,000 रुपये
मणिपाल कॉलेज ऑफ एलाइड ऑफ हेल्थ साइंस, मणिपाल - 3,00,000 रुपये
श्री वेंकटेश्वर आयुर्विज्ञान संस्थान, तिरुपति - 48,000 रुपये
डॉ एमजीआर मेडिकल यूनिवर्सिटी, चेन्नई - 27,000 रुपये
मद्रास मेडिकल मिशन, चेन्नई - 16,000 रुपये
संजय गांधी पीजी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, लखनऊ - 75,000 रुपये
टाटा मेमोरियल अस्पताल, महाराष्ट्र - 42,000 रुपये
एमिटी इंस्टीट्यूट, नोएडा - 1,13,500 रुपये
किवाड़ी मेमोरियल इंस्टीट्यूट ऑफ ऑन्कोलॉजी, बैंगलोर - 1,20,000 रुपये

बीएससी न्यूक्लियर मेडिसिन टेक्नोलॉजी : डिस्टेंट कॉलेज

इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी (इग्नू), नई दिल्ली
डॉ। बी आर अम्बेडकर खुला विश्वविद्यालय, हैदराबाद
मद्रास विश्वविद्यालय, मद्रास
सिक्किम मणिपाल विश्वविद्यालय, सिक्किम
बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक एएनएस साइंस- पिलानी, पिलानी
कुवेम्पु विश्वविद्यालय, कर्नाटक
मुंबई विश्वविद्यालय, मुंबई
अन्नामलाई विश्वविद्यालय, डीडीई, तमिलनाडु
पंजाब तकनीकी विश्वविद्यालय, पंजाब
कर्नाटक राज्य मुक्त विश्वविद्यालय, कर्नाटक

बीएससी न्यूक्लियर मेडिसिन टेक्नोलॉजी : सिलेबसॉ

प्रथम वर्ष
ह्यूमन एनाटॉमी एंड फिजियोलॉजी
बेसिक ऑफ कंप्यूटर एंड इमेज हार्ड कॉपी प्रोडक्शन
बेसिक फिजिक्स एंड न्यूक्लिर फिजिक्स
मेडिकल एथिक्स
इंग्लिश
प्रिंसिपल ऑफ हॉस्पिटल प्रैक्टिस

द्वितीय वर्ष
फिजिक्स ऑफ न्यूक्लियर मेडिसिन इंस्ट्रूमेंटेशन
रेडियोकेमेस्ट्री एंड रेडियो फार्मेसी
न्यूक्लियर मेडिसिन टेक्निक एंड स्पेशल प्रोसीजर
पेशेंट केयर रेलीवेंट टो न्यूक्लियर मेडिसिन प्रैक्टिस

तृतीय वर्ष
रिजेंट एडवांस इन न्यूक्लियर मेडिसिन टेक्निक्स
रेडिएशन एंड रेडिएशन बायोलॉजी सेफ्टी इन न्यूक्लियर मेडिसिन
क्वालिटी एश्योरेंस इन न्यूक्लियर मेडिसिन

बीएससी न्यूक्लियर मेडिसिन टेक्नोलॉजी : जॉब प्रोफाइल और सैलरी

रेडियोलॉजिस्ट - 3.30 लाख सालाना
रिसर्च असिस्टेंट - 2.40 लाख सालाना
एसोसिएट एंड लेबर लीडर - 5 लाख सालाना
प्रोफेसर - 9 लाख सालाना
न्यूक्लियर मेडिसिन टेक्नोलॉजिस्ट - 7 लाख सालाना

बीएससी न्यूक्लियर मेडिसिन टेक्नोलॉजी : टॉप भर्तीकर्ता

हॉस्पिटल (लोकल, सरकारी और प्राइवेट हॉस्पिटल्स)
ऑफिसेज आफ फिजिशियंस
मेडिकल एंड डायग्नोस्टिक लैबोरेट्री
आउट पेशेंट केयर सेंटर्स

बीएससी न्यूक्लियर मेडिसिन टेक्नोलॉजी : स्कोप

बैचलर ऑफ साइंस इन न्यूक्लियर मेडिसिन टेक्नोलॉजी कोर्स करने के बाद छात्र नौकरी के लिए आवेदन कर सकते हैं और चाहें तो उच्च शिक्षा भी प्राप्त कर सकते हैं। नौकरी करने की इच्छा रखने वाले छात्र लेख में ऊपर दी गई जॉब प्रोफाइल के आवेदन कर सकते हैं और सालाना 3 से 7 लाख रुपये आराम से कमा सकते हैं।

इसके अलावा जो छात्र उच्च शिक्षा प्राप्त करने कि इच्छा रखते हैं वह इस कोर्स को पूरा करने के बाद एमएससी और पीएचडी कर सकते हैं। उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद छात्रों के पास करियर ऑप्शन और बढ़ते हैं। यदि आप पीएचडी करते हैं तो आप विश्वविद्यालयों में एक प्रोफेसर के तौर पर पढ़ा सकते हैं और साल का 6 से 9 लाख रुपये कमा सकते हैं।

यह खबर पढ़ने के लिए धन्यवाद, आप हमसे हमारे टेलीग्राम चैनल पर भी जुड़ सकते हैं।

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English summary
BSc in Nuclear Medicine Technology is an undergraduate chemical engineering program. Students can do this course after class 12th. This course is of 3 years duration. In this course, students are exposed to a wide range of topics such as anatomy and physiology, radiation chemistry, radiopharmacy, gamma scintillation camera operation, and patient care and ethics. After completing the course, you can earn 3 to 7 lakh rupees a year comfortably by working in many diagnosis centers with government and private hospitals. Students can do the course through regular and distance mode. There are many good and big institutes in India which offer it in distance mode also. Let us give you other information related to the course.
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