Artificial Intelligence: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में करियर कैसे बनाएं

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का फील्ड अभी बिल्कुल नया है, लेकिन इसमें संभावनाएं काफी बढ़ने लगी हैं। सरकार द्वारा बजट में डिजिटल इंडिया के लिए 3,073 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है, जिससे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) और रोबोटिक्स जैसी फील्ड में ट्रेंड प्रोफेशनल्स की डिमांड तेजी से बढ़ेगी। गार्टनर की एक रिपोर्ट की मानें, तो वर्ष 2020 तक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में करीब 23 लाख नई नौकरियां सामने आएंगी। अगर साइंस का फील्ड आकर्षित करता है, तो फ्यूचर के लिहाज से इस उभरते हुए फील्ड में करियर बनाना एक बेहतर ऑप्शन हो सकता है...

दुनिया के सबसे अमीर माइक्रोसॉफ्ट के बिल गेट्स मानते हैं कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का क्षेत्र अभी शुरुआती दौर में है। इसके भविष्य में बहुत विकसित या फिर तेजी से बढ़ने की संभावनाएं हैं। इस क्षेत्र में तकनीकें विकसित होने से लोगों की जिंदगी अधिक प्रोडक्टिव और क्रिएटिव हो जाएगी। इसके अलावा, गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने एक इंटरव्यू में कहा है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) ऐसी टेक्नोलॉजी है, जिसका इस्तेमाल आने वाले दिनों में बहुत सारे क्षेत्रों में देखा जा सकता है। इसका इस्तेमाल कैंसर के इलाज से लेकर क्लाइमेट चेंज से जुड़ी समस्याओं को दूर करने तक में किया जा सकता है। देखा जाए, तो यह क्षेत्र हाल के वर्षों में तेजी से उभरा है। इस तकनीक ने कार्य को आसान करने के साथ-साथ करियर के नए रास्ते भी खेल दिए हैं। यही कारण है कि ऑटोमेशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इंजीनियर्स की डिमांड तेजी से बढ़नी लगी है।

Artificial Intelligence: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में करियर कैसे बनाएं

आने वाले दौर का करियर

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में बहुत संभावनाएं हैं। आने वाले समय में देखेंगे कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कारोबारों को और अधिक कारगर बनाएंगे। साथ ही, उन्हें बेहतर कर्मचारियों को नौकरी पर रखने में सक्षम बनाएंगे। बिग डाटा, कंप्यूटिंग की जबरदस्त ताकत और जटिल कृत्रिम एल्गोरिद्म इन तीन बड़ी ईजादों के मेल ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को साइंस फिक्शन से हकीकत में बदलने की रफ्तार को तेज कर दिया है। आने वाले एक दशक में आप अपने आसपास भी रोबोट देखेंगे। हर एक फील्ड में रोबोटिक्स की जरूरत होगी। देखा जाए, तो यह काफी बड़ा फील्ड में है, जहां हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर और इलेक्ट्रॉनिक के अलावा, मेडिकल साइंस, फिजिक्स, साइकोलॉजी जैसे दूसरे फील्ड के लोगों की भी आवश्यता होगी।

क्या है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का अर्थ है बनावटी तरीके से विकसित की गई बौद्धिक क्षमता, जैसे- रोबोट और ऑटोमैटिक कारें आदि। कंप्यूटर प्रोग्रामिंग के आधार पर यह कार्य करता है। फ्लाइट्स में ऑटो पायलट मोड, वॉयस रिकॉग्निशन आदि इसी तकनीक पर काम करते हैं। इस बार कंज्यूमर इलेक्ट्रानिक शो में एक ऐसा ही रोबोट पेश किया गया था, जो बच्चों की देखभाल करेगा। क्यूरी रोबोट नानी एक ह्यूमोनाइड रोबोट है, जिसे बच्चों की देखभाल करने के लिए तैयार किया गया है। इसमें बच्चों की जरूरत, उनकी देखभाल आधारित कोडिंग की गई है। यह बच्चे के रोने पर उसकी जरूरतों को पूरा करने में सक्षम है। यह बच्चों को खाना, दवा आदि दे सकता है। इसके अतिरिक्त रोबोट बच्चों के साथ बड़ों की भी देखभाल कर सकता है। यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का एक अच्छा उदाहरण है। इसकी तकनीक की शुरुआत 1950 के दशक में हुई थी। इसके जरिए कंप्यूटर सिस्टम या रोबोटिक सिस्टम तैयार किया जाता है, जिन्हें मानव मस्तिष्क के आधार पर चलाए जाने का प्रयास किया जाता है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वाले सिस्टम के जरिए 1997 में शतरंज के सर्वकालिक महान खिलाड़ियों में शुमार गैरी कास्पोरोव को भी हराया जा चुका है।

कोर्स ऐंड क्वालिफिकेशन

आॅटोमेशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में कोर्स करने के लिए कंप्‍यूटर साइंस, आईटी, मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स और इंस्ट्रूमेंटेशन का डिग्री होना जरूरी है, इसके बाद ही एआई से जुड़े कुछ स्पेशलाइजेशन कोर्स कर सकते हैं, जैसे- आॅर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, एडवांस्‍ड रोबोटिक्स सिस्टम आदि। देश में इस तरह के कोर्स कई इंजीनियरिंग कॉलेज में उपलब्ध है। इसी में आगे चलकर आप पीएचडी भी कर सकते हैं। ऑटोमेशन एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में ही अलग-अलग स्‍पेशलाइजेशन एरिया हैं, जैसे-यदि डिजाइनिंग और कंट्रोल में स्पेशलाइजेशन करना चाहते हैं, तो आपके पास मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री होनी चाहिए। इसी तरह कंट्रोल और हार्डवेयर डिजाइनिंग में स्पेशलाइजेशन करने के लिए इलेक्ट्रिकल या इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में बीटेक डिग्री फायदेमंद साबित होती है। इस फील्ड में करियर बनाने की इच्छा रखने वाले स्टूडेंट्स का मैथ स्ट्रॉन्ग होना जरूरी है। आॅटोमेशन ऐंड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंजीनियरिंग की ही एक ब्रांच है, जिसके अंतर्गत रोबोट की डिजाइनिंग, उनकी प्रोग्रामिंग, नए एप्लिकेशन के विकास और रिसर्च जैसे काम शामिल हैं। इस फील्ड में मैन्यूपुलेशन और प्रोसेसिंग के लिए कंप्यूटर का उपयोग किया जाता है या इसे यूं कहें कि ऑटोमेशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इंजीनियरिंग के तहत रोबोट्स के विकास और इसके इस्तेमाल करने की तकनीक सिखाई जाती है। साथ ही, इसमें डिजाइन इंस्ट्रक्शन, ऑपरेशन टेस्टिंग, सिस्टम मेंटीनेंस और रिपेयरिंग जैसे बातें भी बताई जाती हैं।

क्या कहते हैं आंकड़ें

इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ रोबोटिक्‍स के हाल के एक रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2020 तक दुनियाभर की फैक्ट्रियों में करीब 1.7 मिलियन नए इंडस्ट्रियल रोबोट इंस्‍टॉल किए जाएंगे। रिपोर्ट की मानें, तो सर्विस रोबोट की बिक्री में भी करीब 12 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। 2018 से 2020 तक रोबोट की यह बिक्री करीब 20 से 25 प्रतिशत तक रहने का अनुमान है। गार्टनर की एक रिपोर्ट के अनुसार भी वर्ष 2020 तक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में करीब 23 लाख नई नौकरियां सामने आएंगी यानी आने वाला दौर तकनीक और इनोवेशन का ही है। सरकार ने इस बार बजट में डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के लिए आवंटन राशि को दोगुना कर 3,073 करोड़ रुपए किया है। इससे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) और रोबोटिक्स जैसी फील्ड में रिसर्च और स्किल को बढ़ावा देने में मदद करेगा। 2018-19 के लिए केंद्रीय बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि नीति आयोग नए युग की तकनीक के क्षेत्र में अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए एक राष्ट्रीय कार्यक्रम की शुरुआत करेगा। विज्ञान विभाग भी साइबरस्पेस के लिए एक मिशन की शुरुआत करेगा। इंटरनेट और मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) के अध्यक्ष डॉ सुभो रे के मुताबिक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर राष्ट्रीय कार्यक्रम नीति आयोग द्वारा शुरू किया जाएगा, आईआईटी चेन्नई में 5जी का परीक्षण और बिग डाटा को प्रोत्साहन देने का मिशन, साइबर सुरक्षा और रोबोटिक्स कुछ ऐसे पहल हैं, जो उद्योग को बढ़ावा देने में मदद करेंगे।

कहां हैं जॉब्‍स

आज रोबोट का इस्तेमाल तकरीबन हर फील्ड में होने लगा है। बहुत कम समय में कई काम करने में माहिर होने के कारण ही आज इसकी मांग भी बढ़ती जा रही है। आज चाहे मेडिकल डायग्नोसिस का फील्‍ड हो, स्टॉक ट्रेडिंग हो, स्‍मार्ट हथियारों की मैन्‍युफैक्‍चरिंग का काम हो या फिर रिमोट सेंसिंग जैसा कोई अन्‍य फील्ड, सभी जगह आर्टिफिशल इंटेलिजेंस की डिमांड है। अब धीरे-धीरे मोबाइल के क्षेत्र में भी इस तकनीक का उपयोग बढ़ता जा रहा है। देखा जाए, तो यह दौर ऑटोनॉमस और सेल्फ ड्राइविंग कारों का भी है। जर्मनी की लग्जरी कंपनी मर्सेडीज बेंज ने दावा किया है कि वह 2021 तक रोबोट कार ले आएगी। कंपनी भारत के अपने रिसर्च लैब में ऑटोनॉमस और कनेक्टेड कारों के लिए बड़े पैमाने पर रिसर्च और डेवलपमेंट कर रही है। कंपनी इन रोबोट कारों को बतौर रोबोट टैक्सी इस्तेमाल करना चाहती है। इसमें एक कंप्यूटर होगा जो कि कार को ड्राइव करेगा। गूगल, अमेजन, माइक्रोसॉफ्ट आदि कंपनियां पहले से ही ऑटोनॉमस कारों को लेकर काफी काम कर चुकी हैं। ऐसे में ऑटोमेशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में डिग्री हासिल करने के बाद युवाओं के लिए इस क्षेत्र में गेम प्रोग्रामर, रोबोटिक साइंटिस्‍ट या फेस रिकॉग्निशन सॉफ्टवेयर डेवलपर के रूप में विभिन्‍न करियर स्‍कोप हैं। ऐसे प्रोफेशनल सरकारी और निजी, दोनों क्षेत्र की कंपनियों में नौकरी पा सकते हैं। भेल, बीएआरसी और सीएसआईआर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के अनुभवी लोगों को अपने यहां नियु‍क्‍त करती है। इंटेल सरीखी माइक्रोचिप मैन्युफैक्चरिंग कंपनीज में बतौर रोबोटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस स्‍पेशलिस्‍ट के तौर पर अपने लिए जॉब तलाश सकते हैं। इसके अलावा, इसरो और नासा में भी रोबोटिक्स के स्‍पेशलिस्‍ट की नियुक्तियां की जाती हैं। इसी तरह, मैन्युफैक्चरिंग, एग्रिकल्चर, माइनिंग, एटॉमिक एनर्जी प्लांट जैसे अन्‍य फील्ड में भी जॉब के अवसर मौजूद हैं। विदेशों में भी ऐसे प्रोफेशनल्स की काफी डिमांड है।

सैलरी पैकेज

ऑटोमेशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में डिग्री प्राप्त करने के बाद एक प्रोफेशनल का शुरुआती सैलरी 50 हजार रुपए से लेकर 1 लाख रुपए प्रतिमाह तक हो सकता है। अगर आप मल्टीनेशनल कंपनियों में ज्वॉइन करते हैं, तो वहां आपको काफी अच्छा पैकेज मिल सकता है।

टॉप इंस्टीट्यूट्स

आईआईटी, खड़गपुर, दिल्ली, मुंबई, कानपुर, मद्रास, गुवाहाटी, रुड़की
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, बेंगलुरु
नेताजी सुभाष इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, नई दिल्ली
बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी ऐंड साइंस (बिट्स), पिलानी

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English summary
Artificial Intelligence is a fortunate career. Student can peruse this course. In todays era this course is in high demands. One can have many career opportunities in this field.
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