आर्कोलॉजिस्ट वह लोग होते हैं जो पुरानी वस्तुओं आदि पर शोध करते हैं। आर्कोलॉजी (archaeology) को हिंदी में पुरात्तव कहा जाता है। इस कोर्स को पढ़ने वाले पूरानी सारी वस्तुओं जैसे कंकाल, चित्र, संचार के माध्यम और मानव जाति और जानवरों के अवशेषों को ढुंढते हैं और उनसे जरूरी जानकारी को प्राप्त करने का प्रयत्न करते हैं और इस पर शोध करते हैं। इन चीजों के माध्यम से आर्कोलॉजिस्ट इतिहास में हुई घटनाओं और संस्कृतियों को बाहर लाता है।
आर्कोलॉजी में मानव द्वारा बनाई गई वस्तुओं, मनुष्य नें पृथ्वी पर कदम कब रखा, इससे पहले कितने सभ्यता रही हैं आदि के बारे में जानकारी इकट्ठा करते हैं। जो भी छात्र इतिहास और पूरानी सभ्यता आदि के अवशेषों में रूचि रखते हैं। वह छात्र इस कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं। कक्षा 12वीं करके छात्र आर्कोलॉजी में अपनी आगे की पढ़ाई कर सकते हैं। एक आर्कोलॉजिस्ट के तौर पर इस फील्ड में छात्रों के लिए बहुत स्कोप हैं और अच्छे करियर ऑप्शन।
आर्कोलॉजी में स्पेशलाइजेशन
एथनो-आर्कोलॉजी
बैटलफील्ड-आर्कोलॉजी
एक्सपेरिमेंटल आर्कोलॉजी
मरीन आर्कोलॉजी
जिओ-आर्कोलॉजी
एनवायरमेंटल
जू-आर्कोलॉजी
अरबन आर्कोलॉजी
आर्क बॉटनी
आर्कोलॉजी के लिए स्किल्स
एक्सीलेंट कम्युनिकेशन स्किल्स
डेडीकेशन
धैर्य
अटैंटिव
शांत
एविड रीडर
नॉलेजेबल
लीडर
डेडीकेशन
केंद्रीत
स्टूडियोज
जिज्ञासु
टीम वर्क
प्रॉब्लम सॉल्व
इंटरप्रेटिंग डाटा
भारत में आर्कोलॉजी से जुड़े कोर्स और समय अवधि
बीए इन एन्शन्ट इंडियन कल्चर : 3 साल
बीए इन एन्शन्ट इंडियन हिस्ट्री एंड आर्कोलॉजी : 3 साल
बीए इन आर्कोलॉजी एंड म्यूजियोलाजी : 3 साल
एमए इन आर्कोलॉजी : 2 साल
एमए इन म्यूजियोलाजी : 2 साल
पोस्टग्रेजुएट डिप्लोमा इन आर्कोलॉजी : 1 साल
बीए आर्कोलॉजी के लिए योग्यता
किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान से कक्षा 12वीं में 55 प्रतिशत के साथ पास होना जरूरी।
कक्षा 12वीं की किसी भी स्ट्रीम का छात्र बीए आर्कोलॉजी के लिए आवेदन कर सकता है।
बीए आर्कोलॉजी प्रवेश प्रक्रिया
बीए आर्कोलॉजी में प्रवेश लेने के लिए दो तरीके हैं। एक मेरिट के आधार पर और एक प्रवेश परिक्षा के आधार पर।
कई ऐसे संस्थान हैं जो 12वीं के छात्रों को कक्षा 12वीं में आए अंकों के आधार पर एक मेरिट लिस्ट जारी करके प्रवेश की प्रक्रिया शुरू की जाती हैं।
प्रवेश परीक्षा के लिए छात्रों को आवेदन करना होगा। भारत के कई छोटे बड़े शिक्षण संस्थान है जो आर्कोलॉजी में प्रवेश के लिए परीक्षा का आयोजन किया जाता है।
बीए आर्कोलॉजी सिलेबस
आर्कोलॉजी कोर्स का पूरे तीन साल का सिलेबस
पहला साल
इंट्रोडक्शन टू एन्शन्ट हिस्ट्री, कल्चर एंड आर्कोलॉजी
प्री एंड प्रोटो हिस्ट्री ऑफ इंडिया
दूसरा साल
पॉलीटिकल एंड कल्चर हिस्ट्री ऑफ नॉर्थ इंडिया (वैदिक से मौर्य काल तक)
पॉलीटिकल एंड कल्चर हिस्ट्री ऑफ नॉर्थ इंडिया (सुंग के समय से कुषाण काल के अंत तक)
तीसरा साल
पॉलीटिकल एंड कल्चर हिस्ट्री ऑफ नॉर्थ इंडिया कुषाण काल के बाद
पॉलीटिकल एंड कल्चर हिस्ट्री ऑफ नॉर्थ इंडिया गुप्त काल के बाद
पॉलीटिकल एंड कल्चर हिस्ट्री ऑफ साउथ इंडिया
हिस्ट्री ऑफ साइंस इन एन्शन्ट इंडिया
एन्शन्ट इंडियान एपीग्राफी एंड न्यूमिसमेटिक्स
इंडिया कल्चर कॉन्ट्रैक्ट आउटसाइड वर्ल्ड
रिलिजन एंड आर्ट
आर्कोलॉजी टॉप विश्वविद्यालय
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय
विश्व भारती विश्वविद्यालय
मद्रास विश्वविद्यालय
कलकत्ता विश्वविद्यालय
मैसूर विश्वविद्यालय
जीजीएसआईपीयू
गुजरात विश्वविद्यालय
अहमदाबाद विश्वविद्यालय
आंध्र विश्वविद्यालय
आर्कोलॉजी कोर्स की फीस
इस कोर्स की फीस संस्थान पर निर्भर करती है। सरकारी संस्थानों के मुकाबले प्राइवेट संस्थान की फीस अक्सर ही ज्यादा होती है। इसके साथ ही संस्थान की रैंकिंग का असर भी संस्थान की फीस पर पड़ता है।
आर्कोलॉजी में जॉब प्रोफाइल
शिक्षक
संग्रहालय (म्यूजियम)
शोध करना (रिसर्च)
सलाहकार (कंसलटेंट)
विशेषज्ञ (एक्सपर्ट)
अन्वेषक (इन्वेस्टिगेटर)
संरक्षण अधिकारी (कंजर्वेशन ऑफिसर)
प्रलेखन विशेषज्ञ (डॉक्यूमेंटेशन स्पेशलिस्ट)
डाटा हिस्ट्री एनालिसिस
रिसर्च फेलो
करिकुलम डिजाइन कंसलटेंट
सब्जेक्ट मैटर एक्सपर्ट
ऊपर दी गई उन प्रोफाइल पर आर्कोलॉजी पढ़ने वाला छात्र आराम से 15000 से 20000 रुपए तक कमा सकता है।
टॉप भर्तीकर्ता
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI)
राज्य स्तरीय सरकारी विभाग
संग्रहालय (म्यूजियम)
पर्यटन विभाग (टूरिज्म डिपार्टमेंट)