Career In Actuarial Science: एक्चुरियल साइंस में करियर कैसे बनाएं जानिए

एक्चुअरीज प्रोफेशनल्स निधन, बीमारी, दुर्घटना, विकलांगता आदि की स्थिति में जोखिम का आकलन करते हैं और तय करते हैं कि इंश्योर्ड व्यक्ति को कितनी धनराशि प्रदान की जानी चाहिए। एक्चुरियल के रूप में कार्य करने वाले प्रोफेशनल्स की मैथमैटिक्स एवं स्टैटिस्टिक्स पर अच्छी पकड़ होनी चाहिए। इंश्योरेंस सेक्टर से एक्चुरी के जुड़ने से यह फील्ड दिन-ब-दिन वृद्धि कर रही है। एक्चुरी बनने के लिए स्टूडेंट्स को एक्चुरियल सोसाइटी ऑफ इंडिया (एआईएस) का फैलो मेंबर होना जरूरी है। इसमें बारहवीं के बाद रास्ते खुलते हैं। एक्चुरियल सोसाइटी ऑफ इंडिया, मुंबई द्वारा कराए जाने वाले एंट्रेंस एग्जाम में सफल होने के बाद इंश्योरेंस इंडस्ट्री में करियर बनाया जा सकता है। इस इंडस्ट्री में सफल होने के लिए सिर्फ डिग्री ही जरूरी नहीं है, बल्कि प्रेक्टिकल नॉलेज भी स्टूडेट्स को होनी चाहिए। चूंकि यह टेक्निकल सब्जेक्ट है, इसलिए इसमें प्रेक्टिकल असाइनमेंट अधिक होते हैं। खासकर एक्चुरियल के स्टूडेंट्स में कम्युनिकेशनल बिहेवियर व किसी प्रोजेक्ट पर उनमें ग्रुप में काम करने की आदत डाली जाती है, ताकि इंडस्ट्री में वह बेहतर काम कर सके। एक एक्चुरी को अनुभव हो जाने के बाद विदेश जाने के अधिक अवसर मिलते हैं। खुली अर्थव्यवस्था और ग्लोबलाइजेशन की वजह से भारत में ऐसा कोई भी क्षेत्र नहीं है, जहां करियर की संभावनाएं न हों। इंश्योरेंस भी एक ऐसा ही क्षेत्र है, जहां करियर के लिहाज से काफी मौके हैं। इसी से जुड़ा एक्चुरियल साइंस का क्षेत्र तेजी से आगे बढ़ रहा है। आइए जानते हैं, कैसे इस उभरते हुए क्षेत्र में करियर बनाया जा सकता है...

Career In Actuarial Science: एक्चुरियल साइंस  में करियर कैसे बनाएं जानिए

क्रिएटिव माइंड और पॉजीटिव सोच रखने वालों के लिए एक्चुरियल साइंस के क्षेत्र में अच्छे मौके हैं। इस क्षेत्र में अपार संभावनाओं का भरोसा इसलिए भी बढ़ जाता है, क्योंकि आज भी गांव-देहात में इंश्योरेंस के प्रति लोगों में जागरूकता का खासा अभाव है। हालांकि जब से इंश्योरेंस कंपनियों ने छोटे शहरों और कस्बों की ओर रुख किया है, तब से काफी हद तक लोग इंश्योरेंस को सही मायनों में समझने लगे हैं। एक्चुरियरल प्रोफेशनल के लिए वैसे केवल इंश्योरेंस के क्षेत्र में ही नहीं, बल्कि बैंकिंग और फाइनेंशियल कंपनियों में भी अच्छी डिमांड है। एक रिपोर्र्ट के मुताबिक, आने वाले वर्षों में बड़े पैमाने पर इनकी जरूरत होगी।

क्या करते हैं एक्चुरी प्रोफेशनल्स

एक्चुरी प्रोफेशनल्स बीमा से जुड़े जोखिम और प्रीमियम की गणना कर भविष्य की घटनाओं का उसका वित्तीय रूप से आकलन करते हैं। इसके लिए मैथ्स और स्टैटेस्टिक्स के मेथड का इस्तेमाल करके इंश्योरेंस और फाइनेंस इंडस्ट्री में जोखिम का अनुमान लगाते हैं। एक्चुरियल प्रोफेशनल्स यह हिसाब लगाते हैं कि किसी पॉलिसी होल्डर को प्रीमियम के तौर पर कितनी राशि भुगतान करना होगा या किसी कंपनी को पेंशन या रिटर्न पर कितना खर्च करना होगा। प्रोफेशनल का काम अचानक घटी घटना के आर्थिक प्रभाव का अंदाजा लगाने का भी होता है। आज इस क्षेत्र से जुड़े प्रोफेशनल्स को इंश्योरेंस और पेंशन इंडस्ट्री का बैकबोन भी कहा जाने लगा है।

क्वालिफिकेशन

एक्चुरियल साइंस से संबंधित कोर्सेज में स्नातक डिग्री के लिए मैथ्स या स्टैटिस्टिक्स में 85 प्रतिशत अंकों के साथ बारहवीं पास होना आवश्यक है, जबकि पीजी डिप्लोमा, मास्टर्स डिग्री और सर्टिफिकेट कोर्स के लिए मैथ्स/स्टैटिस्टिक्स/ इकोनॉमेट्रिक्स सब्जेक्ट से स्नातक की डिग्री जरूरी है। स्टूडेंट्स इंस्टीट्यूट ऑफ एक्चुरीज ऑफ इंडिया (आईएआई) को स्टूडेंट मेंबर के तौर पर भी ज्वाइन कर सकते हैं। एक्चुरी बनने के लिए स्टूडेंट्स को एक्चुरियल सोसाइटी आॅफ इंडिया (एएसआई) का फेलो मेंबर होना जरूरी है। यह संस्थान इसमें कोर्सेज भी कराता है।

पर्सनल स्किल ऐंड कोर्सेज

यह एक ऐसा प्रोफेशन है, जिसमें आपको हमेशा बदलते समय के साथ खुद को अपडेट रखना होगा, लोगों की परेशानी को समझने, नई तकनीक सीखने में हिचकिचाहट न होने, कम्युनिकेशन के साथ मैथ व स्टैटिस्टिक्स पर पकड़ मजबूत रखने जैसे स्किल का होना जरूरी है। इस क्षेत्र में जाने के इच्छुक युवाओं के लिए कई स्तर के कोर्सेज मौजूद हैं, जैसे पीजी डिप्लोमा इन रिस्क एंड इंश्योरेंस मैनेजमेंट, बीएससी इन एक्चुरियल साइंस, एमबीए इन इंश्योरेंस, बीए (इंश्योरेंस) (तीन वर्ष), पीजी डिप्लोमा इन सर्टिफाइड रिस्क ऐंड इंश्योरेंस मैनेजमेंट (दो/तीन वर्ष), सर्टिफिकेट कोर्स इन इंटरमिडियरिज (इंश्योरेंस विषय) (तीन माह), एमएससी इन एक्चुरियल साइंस (दो वर्ष) आदि जैसे कोर्स कर सकते हैं। कोर्स के बाद कुछ इंस्टीट्यूट्स स्टूडेंट्स को मेंबरशिप व फेलो मेंबरशिप प्रदान करती हैं, जिसमें आईसीएआई, आईसीडब्ल्यूएआई,आईएफएआई,एएसआई आदि शामिल हैं। अपनी योग्यता के आधार पर आप एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर ऐंड असिस्टेंट, डेवलपमेंट ऑफिसर, इंश्योरेंस एजेंट, इंश्योरेंस सर्वेयर, एक्चुरी, रिस्क मैनेजर जैसे पदों पर काम कर सकते हैं

इनकम

फिक्की एंड बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (बीसीजी) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अनुसार इंश्योरेंस इंडस्ट्री का प्रीमियम इनकम 2020 तक बढ़कर 350-400 अरब के करीब हो जाएगा। इस क्षेत्र में बिड़ला, बजाज, टाटा, रिलायंस जैसी कंपनियों के कूदने से यह बाजार करोड़ों का हो चुका है। वैसे, आज हर किसी को हाई रिस्क सेफ्टी की जरूरत है। वर्ष 2000 तक भारत में काफी कम कंपनियां इस सेक्टर से जुड़ी थीं, जबकि आज लाइफ इंश्योरेंस और जनरल इंश्योरेंस से जुड़ी कंपनियों की संख्या ज्यादा है। इसके अलावा, कुछ बैंक भी इस सेक्टर से जुड़ चुके हैं। इधर विदेशी कंपनियों ने भी अपने व्यवसाय जमाने शुरू कर दिए हैं। यहां आॅपरेशंस, टेक्नोलॉजी, डिजिटल, एक्चुरीज आदि के करियर के भरपूर मौके होते हैं।

कहां हैं संभावनाएं

एक्चुरियल साइंस की डिग्री रखने वालों के लिए इन दिनों नौकरियों के लिए कई रास्ते खुल गए हैं। इंश्योरेंस, बैंकिंग, बीपीओ/केपीओ, आईटी सेक्टर, मल्टीनेशनल कंपनियों, फाइनेंशियल कंपनियां आदि में इनके लिए अच्छे मौके होते हैं। दूसरी तरफ, बीपीओ कंपनी में भी जोखिम के बारे में विश्लेषण करने के लिए बड़़े पैमाने पर एक्चुरियल प्रोफेशनल्स की हायरिंग होती है। बीपीओ में काम करने वाले एक्चुरी प्रोफेशनल्स की सैलरी भी आम बीपीओ एंप्लायीज की तुलना में दो से तीन गुना अधिक होती है। भारत में संभावनाएं इसलिए भी अधिक हैं, क्योंकि वैश्विक ग्राहकों को कम संसाधन और न्यूनतम लागत में अच्छी सुविधाएं मुहैया करा रहे हैं। वैसे, आज एक्चुरियल प्रोफेशनल्स की डिमांड सरकारी और प्राइवेट इंश्योरेंस कंपनियों में ही नहीं, बल्कि टेरीफ एडवाइजरी कमिटी, इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (आईआरडीए), सोशल सिक्योरिटी स्कीम, फाइनेंशियल एनालिसिस फर्म में भी जॉब्स के अच्छे अवसर हैं। प्राइवेट कंपनियों में एचडीएफसी, आईसीआईसीआई, कोटक महिंद्रा और बिरला सनलाइफ जैसी कंपनियों में भी नौकरी की कोशिश की जा सकती है। एक्चुरियल प्रोफेशनल्स की मांग उन सभी सेक्टरों में होती है, जहां वित्तीय जोखिम की गुंजाइश होती है।

सैलरी पैकेज

इस क्षेत्र में काम की शुरुआत करने वाले लोगों को अच्छी सैलरी पैकेज मिल जाता है। आपकी शुरुआती सैलरी 20 से 25 हजार रुपए के करीब होती है। यदि आपके पास इस क्षेत्र में कार्य करने का आ से 10 साल का कार्य अनुभव है, तो सालाना सैलरी 50 लाख रुपए तक भी हो सकती है।

इंस्टीट्यूट्स

एक्चुरियल सोसाइटी ऑफ इंडिया
http://www.actuariesindia.org

कॉलेज ऑफ वोकेशनल स्टडीज, दिल्ली यूनिवर्सिटी, दिल्ली
www.du.ac.in

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, अलीगढ़
www.amu.ac.in

बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी, नई दिल्ली
www.bimtech.ac.in

यूनिवर्सिटी ऑफ पुणे, पुणे
www.unipune.ernet.in

एमिटी स्कूल ऑफ इंश्योरेंस ऐंड एक्चुरिअल साइंस, नोएडा
www.amity.edu

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English summary
Actuarial Science is a course one can peruse after class 12th. This course have many career option. Actuarial Science course have stored many great opportunities for students.
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