Benefits of Eating Almonds Daily During Exams: बोर्ड की परीक्षाएं नजदीक हैं। परीक्षा की तैयारियों में लगे छात्र अक्सर याद रखने की क्षमता को बढ़ाने और एकाग्रता में सुधार करने के तरीके खोजते हैं। इसके लिए परीक्षा के दौरान आप प्रतिदिन 4 बादाम खा सकते हैं। बादाम खाने के कई वैज्ञानिक कारण भी हैं, जो छात्रों के लिए बेहत महत्वपूर्ण है।
कुछ राज्यों में बोर्ड की परीक्षाएं यानी कक्षा 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं शुरू हो चुकी है। आगामी 15 फरवरी से सीबीएसई बोर्ड की परीक्षाएं भी शुरू होने वाली है। परीक्षा में अच्छे अंक हासिल करने के लिए छात्र अपनी सर्वश्रेष्ठ तैयारी में लगे हुए हैं।
परीक्षा के दौरान प्रतिदिन चार बादाम खाने का वैज्ञानिक आधार उनकी पोषक संरचना में निहित है, जो मस्तिष्क स्वास्थ्य, संज्ञानात्मक कार्य और समग्र कल्याण का समर्थन करता है। इस सरल अभ्यास को अपनी दिनचर्या में शामिल करना महत्वपूर्ण है। परीक्षा के दौरान आपके मानसिक प्रदर्शन को अनुकूलित करने के लिए एक स्वादिष्ट और फायदेमंद रणनीति हो सकती है।
क्या आपको पता है, बादाम को दुनिया के सबसे पसंदीदा ट्री नट्स में से एक कहा जाता है, जो अत्यधिक पौष्टिक होते हैं और वसा, एंटीऑक्सिडेंट सहित विटामिन और खनिजों से भरे होते हैं। अधिकांश लोग इस तथ्य से अवगत हैं कि बादाम आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छे हैं, लेकिन सवाल यह है कि परीक्षा के दौरान बादाम खाने के लाभ क्या हैं?
बादाम पोषक तत्वों से भरपूर फल हैं, जो आपको याद रखने की क्षमता में वृद्धि के साथ ही कई अन्य प्रकार के स्वास्थ्य लाभ प्रदान करते हैं। इससे आपकी इम्यूनिटी बढ़ती है और परीक्षा सीजन के दौरान आप कम बीमार पड़ेंगे। आइए परीक्षा के दौरान रोजाना चार बादाम खाने की सलाह के पीछे के वैज्ञानिक कारणों पर गौर करें।
बादाम खाने के खायदे | Benefits of Eating Almonds Daily During Exams
पोषक तत्वों का समृद्ध स्रोत है बादाम: बादाम विटामिन ई, मैग्नीशियम और ओमेगा-3 फैटी एसिड सहित आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। ये पोषक तत्व आपके मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर ढंग से कार्य करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
दिमाग को बूस्ट करने वाला विटामिन ई: बादाम में मौजूद विटामिन ई, एक एंटीऑक्सीडेंट है, जो कोशिकाओं को ऑक्सीडेटिव तनाव से बचाने में मदद करता है। दिमाग विशेष रूप से ऑक्सीडेटिव क्षति के प्रति संवेदनशील है, और विटामिन ई से पढ़ाई के दौरान एकाग्रता में वृद्धि होती है।
याददाश्त और सीखने की क्षमता की वृद्धि: बादाम में राइबोफ्लेविन और एल-कार्निटाइन होते हैं, ये दोनों न्यूरोलॉजिकल गतिविधि पर सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए जाने जाते हैं। एल-कार्निटाइन, विशेष रूप से, बेहतर स्मृति और सीखने की क्षमता से जुड़ा हुआ है।
तंत्रिका तंत्र के लिए मैग्नीशियम: बादाम में प्रचुर मात्रा में मौजूद मैग्नीशियम तंत्रिका क्रिया के लिए आवश्यक है। यह मस्तिष्क कोशिकाओं के बीच संकेतों के संचरण करता है और समग्र न्यूरोलॉजिकल स्वास्थ्य में योगदान देता है। यह स्वस्थ चयापचय दर विकसित करने में भी मदद करता है। मैग्नीशियम आपके शरीर के हड्डियों के ऊतकों को बेहतर बनाने में भी मदद करता है। इससे परीक्षा में उत्तर लिखते वक्त हाथ में दर्द का अनुभव कम हो सकता है।
आंखों के लिए अच्छे हैं बादाम: जहां गाजर आपकी आंखों के लिए बहुत अच्छी मानी जाती है, वहीं बादाम में विटामिन ई का उच्च स्रोत होता है जो आपकी आंखों की रक्षा करता है और आपके लेंस में असामान्य बदलाव को रोकता है। परीक्षा के दौरान बादाम खाने से ये आपकी आंखों की रक्षा करेगा।
बादाम में एंटीऑक्सीडेंट का प्रचुर स्रोत होता है: परीक्षा के दौरान तनाव होना आम बात है। बादाम में एंटीऑक्सीडेंट का समृद्ध स्रोत होता है जो आपको तनाव से बचा सकता है। तनाव से बचने के लिए रोजाना बादाम का सेवन अवश्य करें। बादाम में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट आपको स्वस्थ और तरोंताजा महसूस करने में मदद करती है।
बादाम आपकी दिमागी शक्ति को बढ़ाता है: बादाम में एल-कार्निटाइन और राइबोफ्लेविन होता है जो मस्तिष्क कोशिकाओं के विकास में मदद करता है। एक प्रमुख रसायन जो मस्तिष्क को संज्ञानात्मक कार्य में मदद करता है वह फेनिलएलनिन है और बादाम में यह रसायन मौजूद होता है। हर सुबह सिर्फ पांच बादाम के टुकड़े खाने से आपकी दिमागी शक्ति को बढ़ाने में मदद मिल सकती है। बच्चों के दिमाग के विकास में भी सहायक है।
मानसिक सतर्कता बढ़ाता है बादाम: बोर्ड परीक्षा के लिए याददाश्त की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण होती है। जब बादाम को दूध के साथ मिलाया जाता है तो ये पोटैशियम से भरपूर हो जाते हैं। यह मुख्य खनिजों में से एक है जो आपके शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स की संख्या को बढ़ाता है, जिससे शरीर को अधिक ऊर्जा मिलती है। जब इलेक्ट्रोलाइट्स में बढ़ोतरी होती है तो आपकी याददाश्त का प्रवाह भी बढ़ जाता है और ऐसा बादाम के दूध के सेवन से हो सकता है। आसान शब्दों में कहें तो बादाम का दूध आपकी याददाश्त को तेज बनाता है।
सतत ऊर्जा के प्रवाह को बढ़ाता है बादाम: बादाम में स्वस्थ वसा, प्रोटीन और फाइबर का संयोजन ऊर्जा के प्रवाह को निरंतर बढ़ाता है। यह स्थिर ऊर्जा प्रवाह छात्रों को पूरे दिन ध्यान और एकाग्रता बनाए रखने में मदद कर सकता है।
संज्ञानात्मक कार्य सुधार करने में मदद करता है: बादाम फेनिलएलनिन का एक स्रोत है, एक एमिनो एसिड जो न्यूरोट्रांसमीटर के संश्लेषण में भूमिका निभाता है। न्यूरोट्रांसमीटर तंत्रिका कोशिकाओं के बीच संचार के लिए आवश्यक हैं, जो बेहतर संज्ञानात्मक कार्य में योगदान करते हैं।
तनाव कम करने में सहायक: परीक्षा के दौरान तनाव होना आम बात है और बादाम तनाव कम करने में भूमिका निभा सकता है। बादाम में मौजूद मैग्नीशियम और विटामिन बी शरीर को तनाव और चिंता को प्रबंधित करने में मदद करने के लिए जाने जाते हैं।
बादाम को कैसे अपने आहार में शामिल करें?
बादाम न केवल पौष्टिक होते हैं, बल्कि खाने में सुविधाजनक भी होते हैं। परीक्षा के दौरान बादाम छात्रों के लिए एक पोर्टेबल और आसान-से-स्नैक्स विकल्प हैं। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि जबकि बादाम बहुमूल्य पोषण लाभ प्रदान करते हैं, उन्हें एक संतुलित आहार का हिस्सा होना चाहिये। प्रतिदिन चार बादाम खाना इनके लाभों का उपयोग करने का एक प्रबंधनीय और प्रभावी तरीका है। इसके अतिरिक्त, इस स्वस्थ आदत को अन्य सकारात्मक जीवन शैली विकल्पों, जैसे नियमित व्यायाम और पर्याप्त नींद के साथ जोड़कर, परीक्षा अवधि के दौरान समग्र कल्याण में योगदान दिया जा सकता है।
किस उम्र में कितने बादाम खाएं?
विशेषज्ञ कहते हैं कि 5-10 साल के बच्चें रोजाना 2-4 बादाम खा सकते हैं। 18-20 साल से ऊपर के बच्चें दिन में 6-8 बादाम खा सकते हैं। वे कहते हैं, वहीं महिलाएं भी कम संख्या में बादाम खा सकती हैं।
कैसे खाएं रोजाना चार बादाम?
बादाम खाना दिमाग और स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना जाता है। लेकिन शायद ही कुछ लोग ऐसे होंगे जिन्हें बादाम खाने का सही तरीका पता हो। बादाम तासीर में गर्म होता है इसलिए विशेषज्ञ अक्सरक इसे भिगोकर खाने की सलाह देते हैं। 8-12 घंटों के लिए बादाम को भीगाएं और उसके बाद भीगे हुए बादाम खा सकते हैं। हालांकि आप बादाम को छील कर या बिना छीले कैसे भी खा सकते हैं। परीक्षा सीजन अर्थात सर्दियों में आप कच्चे बादाम भी खा सकते हैं, इससे शरीर को गर्माहट मिलती है।
क्या बादाम को छिलकर खाना जरूरी है?
अक्सर विशेषज्ञ बादाम छीलकर खाने की सलाह देते हैं। बिना छीले बादाम खाने से खून में पित्त की मात्रा बढ़ जाती है। इससे कई तरह की परेशानियां आ सकती हैं। इसके छिलके में टैनिन होता है, जो शरीर में पोषक तत्वों को अवशोषित होने से रोकता है। अगर आप बादाम के छिलके उतार कर खाते हैं तो इससे आपके शरीर को पोषक तत्व मिलने में कोई रुकावट नहीं होती है।