Soil Health Management and Soil Health Card Schemes: भारत सरकार वर्ष 2014-15 से सतत कृषि के लिए राष्ट्रीय मिशन की मृदा स्वास्थ्य और उर्वरता पर राष्ट्रीय परियोजना के तहत मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन (सॉइल हेल्थ मैनेजमेंट) और मृदा स्वास्थ्य कार्ड (सॉइल हेल्थ कार्ड) योजनाएं लागू कर रही है।
क्या है मृदा स्वास्थ्य कार्ड?
मृदा स्वास्थ्य कार्ड किसानों को उनकी मिट्टी में पोषक तत्वों की स्थिति के बारे में जानकारी प्रदान करता है। इसके साथ ही मिट्टी के स्वास्थ्य और इसकी उत्पादकता में सुधार के लिए लागू किए जाने वाले पोषक तत्वों की उचित खुराक पर सिफारिशें भी प्रदान करता है।
कैसे मिल रहा किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड का लाभ?
अब तक किसानों को 23.58 करोड़ मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किये जा चुके हैं। अब, इन योजनाओं का राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई) के मृदा स्वास्थ्य और उर्वरता घटक के रूप में विलय कर दिया गया है। योजना के तहत मिट्टी के स्वास्थ्य के संबंध में समय-समय पर किसानों को विभिन्न गतिविधियों के कार्यान्वयन के लिए दिशानिर्देश जारी किए गए हैं।
कितने किसानों को मिला मृदा स्वास्थ्य कार्ड?
मृदा स्वास्थ्य कार्ड (एसएचसी) पर सिफारिशों के आधार पर, जैविक खाद और जैव उर्वरकों के साथ माध्यमिक और सूक्ष्म पोषक तत्वों सहित रासायनिक उर्वरकों के विवेकपूर्ण उपयोग पर सिफारिशों को अपनाने के लिए किसानों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए प्रशिक्षण और प्रदर्शन आयोजित किए जाते हैं। अब तक देश भर में मृदा स्वास्थ्य कार्ड सिफारिशों पर 93,781 किसान प्रशिक्षण, 6.45 लाख प्रदर्शन, 7425 किसान मेले/अभियान आयोजित किए जा चुके हैं।
क्या कहते हैं आंकड़ें?
2014-15 से, देश भर में कुल 8272 मृदा परीक्षण प्रयोगशालाएँ (1068 स्थिर मृदा परीक्षण प्रयोगशालाएँ, 163 मोबाइल मृदा परीक्षण प्रयोगशालाएँ, 6376 मिनी मृदा परीक्षण प्रयोगशालाएँ और 665 ग्राम स्तरीय मृदा परीक्षण प्रयोगशालाएँ) स्थापित की गई हैं। स्थापित मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं का राज्यवार विवरण नीचे दिया गया है:
वर्ष 2014-15 से 2023-24 तक योजना के अंतर्गत देश में स्थापित मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं का राज्यवार विवरण
राज्य | स्टेटिक प्रयोगशाला | मोबइल प्रयोगशाला | मिनी प्रयोगशाला | ग्राम स्तरीय प्रयोगशाला |
अंडमान और निकोबार | 1 | 0 | 0 | 0 |
आंध्र प्रदेश | 47 | 13 | 1328 | 16 |
अरुणाचल प्रदेश | 17 | 3 | 0 | 0 |
असम | 26 | 0 | 214 | 0 |
बिहार | 39 | 9 | 0 | 72 |
छत्तीसगढ | 33 | 0 | 111 | 35 |
गोवा | 2 | 0 | 0 | 8 |
गुजरात | 22 | 0 | 230 | 30 |
हरियाणा | 53 | 0 | 104 | 36 |
हिमाचल प्रदेश | 11 | 7 | 69 | 0 |
जम्मू और कश्मीर | 22 | 12 | 0 | 21 |
झारखंड | 29 | 0 | 1300 | 0 |
कर्नाटक | 96 | 1 | 6 | 291 |
केरल | 22 | 11 | 0 | 0 |
लद्दाख | 2 | 0 | 0 | 1 |
मध्य प्रदेश | 50 | 0 | 626 | 12 |
महाराष्ट्र | 213 | 31 | 48 | 0 |
मणिपुर | 9 | 3 | 3 | 2 |
मेघालय | 5 | 0 | 8 | 0 |
मिजोरम | 3 | 3 | 0 | 0 |
नगालैंड | 16 | 3 | 0 | 74 |
ओडिशा | 30 | 30 | 0 | 40 |
पुदुचेरी | 3 | 0 | 0 | 0 |
पंजाब | 24 | 3 | 0 | 0 |
राजस्थान | 101 | 12 | 0 | 0 |
सिक्किम | 3 | 0 | 0 | 14 |
तमिलनाडु | 36 | 16 | 0 | 1 |
तेलंगाना | 40 | 4 | 2050 | 0 |
दादरा और नगर हवेली एंड दमन और दीव | 0 | 0 | 0 | 0 |
त्रिपुरा | 4 | 2 | 100 | 13 |
उत्तर प्रदेश | 75 | 0 | 179 | 6 |
उत्तराखंड | 13 | 0 | 0 | 1 |
पश्चिम बंगाल | 21 | 0 | 0 | 0 |
कुल | 1068 | 163 | 6376 | 665 |
मानव शक्ति की नियुक्ति के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को कोई वित्तीय सहायता प्रदान नहीं की जाती है, इसलिए, मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं में काम करने वाले कर्मचारियों का डेटा भारत सरकार द्वारा नहीं रखा जाता है। योजना के तहत मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं के लिए राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को कुल 229.95 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।
इसमें से पिछले पांच वर्षों में राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को 83.31 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। यह जानकारी केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।