अखिल भारतीय संस्कृत परिषद् देववाणी भवन, अलीगंज लखनऊ के तत्त्वाधान में 2 सितंबर 2023 दिन शनिवार को अपराह्ण 3:00 बजे संस्कृत दिवस समारोह का आयोजन किया गया। संस्कृत दिवस समारोह के इस आयोजन के उपलक्ष्य में अखिल भारतीय संस्कृत परिषद् में एक विद्वत् संगोष्ठी का समुद्घाटन भी इस संकल्प के साथ किया गया कि डा.पत्रिकाजैन सदस्य,परिषत्कार्यकारिणी के संयोजकत्व मे प्रत्येक मास के द्वितीय अथवा चतुर्थ शनिवार को देव वाणी भवन में विद्वत् संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा।
प्रस्तुत कार्यक्रम का शुभारम्भ डॉ अमृता यादव के मंगलाचरण के साथ दीपप्रज्ज्वलन तथा विद्या की अधिष्ठात्री देवी भगवती सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण सहित शिव स्तोत्र पूर्वक किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जुहरी देवी गर्ल्स पी जी कॉलेज, कानपुर की पूर्व प्राचार्या तथा संस्कृत विभाग की अध्यक्षचरा लब्धप्रतिष्ठ कवयित्री डा. रेखा शुक्ला मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहीं। उन्होंने संस्कृत, श्रावणमास, श्रावणीपर्व तथा शिव के माहात्म्य पर व्यापक शास्त्रीय प्रकाश डाला।
कार्यक्रम में सारस्वत अतिथि के रूप में जुहरी देवी गर्ल्स पी जी कॉलेज, कानपुर की पूर्व संस्कृतविभागाध्यक्षा दर्शनतत्त्व मर्मज्ञा डॉ.सुधा गुप्ता ने अपने वक्तव्य में विश्व संस्कृत दिवस के शुभारंभ की परंपरा, संस्कृत के वैज्ञानिक तथा व्यावहारिक महत्त्व तथा इसकी साम्प्रतिक प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम की अध्यक्षता अखिल भारतीय संस्कृति परिषद् की कार्यकारिणी के वरिष्ठ सदस्य प्रोफेसर रमाशंकर मिश्र, पूर्व विभागाध्यक्ष, संस्कृत विभाग लखनऊ विश्वविद्यालय ने की। प्रस्तुत कार्यक्रम का संचालन परिषद् के संयुक्त मंत्री डॉ अनिल कुमार पोरवाल ने तथा अभ्यगतों का स्वागत तथा धन्यवादज्ञापन अखिल भारतीय संस्कृतपरिषद् के मंत्री ,प्रो. प्रयाग नारायण मिश्र, समन्वयक, संस्कृत विभाग इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने किया।
कार्यक्रम में लखनऊ विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग के शोधच्छात्रों तथा विद्यार्थियों ने संस्कृत गीत प्रतियोगिता में सहभागिता करके कार्यक्रम का श्रीसंवर्धन किया। आज के इस कार्यक्रम में विगत वर्ष स्वातन्
त्र्यामृतमहोत्सव तथा संस्कृतदिवसोत्सव पर आयोजित प्रतियोगिताओं के विजयी छात्रों को प्रमामपत्र तथा पुरस्कार दिये गये।
प्रस्तुत कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान के पूर्व उपनिदेशक डॉ चंद्रकांत द्विवेदी, संस्कृत विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. राम सुमेर यादव, संस्कृत विभाग के समन्वयक डॉ. अभिमन्यु सिंह, ज्योतिर्विज्ञान विभाग के समन्वयक डॉ सत्यकेतु, संस्कृत विभाग ल.वि.वि.के प्राध्यापक डॉ. अशोक कुमार सतपथी, डॉ गौरव सिंह डा.बृजेश सोनकर तथा ज्योतिर्विज्ञान विभाग के डॉ. विष्णुकांत शुक्ल, डॉ. नम्रता सिंह सहित, नवयुग कन्या महाविद्यालय की संस्कृत विभाग की अध्यक्ष डॉ रीता तिवारी, डॉ.वंदना द्विवेदी तथा महिला महाविद्यालय की सहायक आचार्या डॉ ऋतु सिंह, विद्यान्त महाविद्यालय की डॉ. शालिनी शाहनी, शकुंतला देवी विकलांग विश्वविद्यालय के शिक्षाशास्त्र विभाग के डॉ आशीष उपाध्याय, डॉ धर्मेंद्र कुमार सहित लखनऊ के अनेक गणमान्य प्रतिष्ठित विद्वान् तथा छात्र-छात्राओं के साथ केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, लखनऊ के साहित्य विभागीय डॉ. देवेंद्र कुमार पाठक, गोरखपुर विश्वविद्यालय के डॉ कुलदीपक शुक्ल तथा बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की शोधच्छात्रा श्रुति अग्निहोत्री सहित 75 से अधिक संस्कृतानुरागियों ने सक्रिय सहभागिता करके कार्यक्रम की शोभा बढाई।
गोरखपुर विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग के सहायक आचार्य डॉ कुलदीपक शुक्ला तथा लखनऊ विश्वविद्यालय के डॉ.अशोक कुमार सतपथी ने संस्कृत गीत प्रतियोगिता के निर्णायक के रूप में महत्त्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह किया।अखिल भारतीय संस्कृति परिषद् विद्वत्संगोष्ठी का संस्कृत दिवस के अवसर पर शुभारंभ करके परिषद् के यशस्वी अध्यक्ष रमेश चंद्र त्रिपाठी के कुशल मार्गदर्शन में परिषद् की निरन्तर उन्नति की कामना करते हुए शांति पाठ के साथ कार्यक्रम को पूर्णता प्रदान की गई।