Sakura Science High School Programme 2023 in Japan: डीओएसई एंड एल के सचिव संजय कुमार ने सीआईईटी-एनसीईआरटी में आयोजित एक समारोह में 64 उत्साहित बच्चों को झंडी दिखाकर रवाना किया, जिन्हें जापान विज्ञान और प्रौद्योगिकी एजेंसी (जेएसटी) ने अन्य देशों के साथ-साथ भारत के भी विद्यार्थियों को 'सकुरा साइंस हाई स्कूल कार्यक्रम 2023' में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया था।
कब आयोजित किया जायेगा 'सकुरा साइंस हाई स्कूल कार्यक्रम 2023'
जापान में 'सकुरा साइंस हाई स्कूल कार्यक्रम 2023' 10 दिसंबर से लेकर 16 दिसंबर 2023 तक आयोजित किया जायेगा। ये मेधावी स्कूली विद्यार्थी इन 11 राज्यों के केवीएस और एनवीएस के हैं। इन राज्यों में मुख्य रूप से असम, बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, पंजाब, ओडिशा, लद्दाख, उत्तर प्रदेश और गोवा। इस समूह में 26 बालक और 38 बालिकाएं शामिल हैं।
इस कार्यक्रम में डीओएसई एंड एल की संयुक्त सचिव अर्चना शर्मा अवस्थी; जेएसटी जापान के प्रबंधक केमोची युकिओ; एनसीईआरटी के निदेशक प्रो. दिनेश प्रसाद सकलानी; डीओएसई एंड एल के अधिकारीगण, इत्यादि भी उपस्थित थे।
क्या है उद्देश्य ?
युवा विद्यार्थियों का बौद्धिक ज्ञान बढ़ाने और उनमें वैज्ञानिक खोज की भावना विकसित करने के उद्देश्य से स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग (डीओएसई&एल), शिक्षा मंत्रालय के सहयोग से जेएसटी वर्ष 2014 से ही सकुरा साइंस प्रोग्राम (एसएसपी) के तहत सकुरा साइंस हाई स्कूल कार्यक्रम लागू करता रहा है। इस कार्यक्रम के तहत विद्यार्थियों को जापान की अल्पकालिक यात्राओं के लिए आमंत्रित किया जाता है, जिस दौरान उन्हें जापान के अत्याधुनिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी के साथ-साथ इसकी संस्कृति से भी अवगत होने का अवसर मिलता है।
भारत ने पहली बार इस कार्यक्रम में अप्रैल 2016 में भाग लिया था। अब तक इस कार्यक्रम के तहत 75 पर्यवेक्षकों के साथ 468 विद्यार्थी जापान की यात्रा कर चुके हैं। 57 छात्रों के आखिरी बैच ने जुलाई 2023 में जापान की यात्रा की थी।
स्कूलों में पाठ्यक्रम और शिक्षाशास्त्र के महत्व पर विशेष जोर
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 में स्कूलों में पाठ्यक्रम और शिक्षाशास्त्र के महत्व पर विशेष जोर देते हुए इस बात का अनुमोदन किया गया है कि 'शिक्षा दरअसल समग्र, एकीकृत, रोचक और अपने आप में सहज होनी चाहिये।' इसके साथ ही एनईपी 2020 में कहा गया है कि सभी चरणों में अनुभवात्मक शिक्षा को प्रत्येक विषय के अंतर्गत मानक शिक्षाशास्त्र के रूप में और विभिन्न विषयों के बीच आपसी जुड़ाव की खोज के साथ अपनाया जायेगा।
इस संदर्भ में ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, सामाजिक और तकनीकी विकास की दृष्टि से अत्यंत अहम माने जाने वाले विभिन्न स्थानों की शैक्षणिक यात्राएं और भ्रमण अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। जापान, जो कि एक विकसित राष्ट्र और एक मित्र देश है, तकनीकी प्रगति के साथ-साथ शैक्षणिक अनुभव प्राप्त करने के लिए भी एक पसंदीदा स्थान है। जापान जैसे देश का दौरा सदैव ही बौद्धिक होता है और नवीन प्रथाओं की खोज का अवसर प्रदान करता है।