बिहार में विक्रमशिला केंद्रीय विश्वविद्यालय कब खुलेगा? जवाब अभी अनुत्तरित है। 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भागलपुर में विक्रमशिला केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाने घोषणा की थी। तीन साल जमीन खोजने में बीत गए। 2018 में भागलपुर जिला प्रशासन ने विवि की स्थापना के लिए तीन जगह जमीन चिह्नित की। 8 अप्रैल 2021 को केंद्र सरकार द्वारा गठित टीम ने जमीन का निरीक्षण किया। टीम ने 2 जुलाई को अपनी फाइनल रिपोर्ट केंद्र सरकार को दे दी है। परशुरामचक मौजा की 163.33 एकड़ और एकडरा मौजा में 36.67 एकड़ यानी कुल 200 एकड़ जमीन को विवि की स्थापना के लिए टीम ने उपयुक्त माना है। अब अंतिम निर्णय केंद्र सरकार को लेना है। वैसे, विश्वविद्यालय स्थापना के लिए केंद्र ने 2015 में ही 500 करोड़ रुपए का बजटीय प्रावधान कर दिया था।
रिपोर्ट केंद्र को सौंप दी
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, प्रो एचएस राठौर, पूर्व वीसी, दक्षिण बिहार केंद्रीय विवि, बोधगया ने कहा कि विक्रमशिला विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए जमीन का निरीक्षण कर लिया गया है। रिपोर्ट शिक्षा मंत्रालय को सौंप दी गई है। आगे की कार्रवाई मंत्रालय के माध्यम से होगी।
विक्रमशिला केंद्रीय विश्वविद्यालय निर्माण में देरी की वजह क्या?
- पहले तो जमीन खोजने में तीन साल लग गए
- फिर जमीन के निरीक्षण में तीन साल देर हो गई। {कोराना महामारी को भी कारण बताया जा रहा है।
- केंद्र सरकार की मंजूरी व राशि मिलने के बाद भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
केंद्र को आग्रह पत्र भेजेंगे
बिहार के शिक्षामंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि राज्य सरकार लगातार प्रयास कर रही है कि ऐतिहासिक विक्रमशिल की तर्ज पर केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना जल्द हो जाए। जमीन भी चिह्नित हो गई है। अब केंद्र को अंतिम फैसला लेना है। केंद्र को आग्रह पत्र भेजा जाएगा, ताकि जल्द विवि के लिए बिल्डिंग आदि का निर्माण हो सके। अब कोई रोड़ा नहीं है। जमीन के साथ सड़क, बिजली, पानी सहित सभी व्यवस्था है।
बिहार का समृद्ध इतिहास
8वीं शदी में विक्रमशिला यूनिवर्सटी की स्थापना पाल वंश के शासक धर्मपाल ने की थी। यह विवि स्थल भागलपुर शहर से लगभग 42 किलोमीटर दूर है। इसे प्राचीन काल में नालंदा विवि के समकक्ष माना जाता था। यहां बौद्ध धर्म और दर्शन के अतिरिक्त न्याय, तत्व ज्ञान व व्याकरण का पठन-पाठन होता था। विक्रमशिला विश्वविद्यालय से ही तिब्बत के राजा के अनुरोध पर दीपांकर आतिश तिब्बत गए। उन्होंने बौध भिक्षुओं को अफगानिस्तान, चीन, जापान, मलेशिया व थाइलैंड तक भेज कर बौद्ध धर्म का प्रचार-प्रसार किया। विक्रमशिला केंद्रीय विवि की स्थापना बिहार की गौरवशाली परंपरा के पुनर्जीवन का प्रयास है।
अब केंद्र को लेना है फैसला
2 जुलाई 2021 को 200 एकड़ जमीन चयनित कर रिपोर्ट दी। केंद्र ने दक्षिण बिहार केंद्रीय विवि बोघगया के तत्कालीन वीसी प्रो. हरिश्चंद्र सिंह राठौर की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी बनायी थी। इस कमेटी में सीपीडब्ल्यूडी के इंजीनियर केके पांडेय और बिहार सरकार के प्रतिनिधि के रूप में भागलपुर के डीएम थे। कमेटी ने विक्रमशिला रेलवे स्टेशन से करीब 7 किलोमीटर की दूरी पर परशुरामचक मौजा की 200 एकड़ जमीन को विश्वविद्यालय के लिए सबसे उपयुक्त माना है। इसकी बड़ी वजह यह है कि यह जगह एनएच से जुड़ी है। कोलकाता, पटना व बागडोगरा नजदीकी एयरपोर्ट है। यह जमीन ऊंची और समतल है। यह विक्रमशिला खुदाई स्थल के करीब है। जलजमाव मुक्त है। ऊंची बिल्डिग बनाने के लिए उपयुक्त है। स्थानीय बाजार से भी नजदीक है।