परिसीमन का अर्थ किसी भी राज्य के निर्वाचन क्षेत्र की सीमा ताकि करना है। जम्मू कश्मीर में धारा 370 खत्म होने के बाद परिसीमन पर राजनीति जोरो पर है। 24 जून 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ जम्मू कश्मीर के राजनेताओं की बैठक के बाद परिसीमन शब्द काफी चर्चा में आ गया है। परिसीमन क्या होता है?, परिसीमन आयोग क्या होता है? परिसीमन का अर्थ क्या है? परिसीमन के क्या फायदे हैं? । आइये जानते हैं परिसीमन से जुड़े सभी सवालों के जवाब...
परिसीमन आयोग क्या होता है?
भारत में परिसीमन आयोग का गठन 1952 में किया गया। देश में 1952 से लेकर 2002 तक सिर्फ 4 बार परिसीमन आयोग का गठन किया गया है। परिसीमन आयोग का गठन इसलिए किया गया ताकि निर्वाचन क्षेत्र की सीमाओं को तय किया जा सके। परिसीमन आयोग का गठन राष्ट्रपति द्वारा किया जाता है।
परिसीमन का अर्थ क्या है?
परिसीमन का अर्थ है चुनाव से पहले सीमाओं का निर्धारण करना। परिसीमन को किसी देश या राज्य की निर्वाचन क्षेत्रों की सीमा या सीमा तय करने का कार्य या प्रक्रिया कहा जाता है। परिसीमन जनसंख्या में परिवर्तन का प्रतिनिधित्व करने के लिए लोकसभा और राज्य विधानसभा सीटों की सीमाओं को फिर से तैयार करने की प्रक्रिया है। यह कवायद पूरी होने के बाद ही चुनाव कराए जाते हैं।
परिसीमन का उद्देश्य क्या है
परिसीमन आयोग को सीमा आयोग भी कहा जाता है, जिसका मुख्य उद्देश्य जनसंख्या के आधार पर निर्वाचन क्षेत्रों का सही विभाजन किया जा सकते। ताकि सभी नागरिकों को प्रतिनिधित्व करने का समान अधिकार मिल सकते। कहते हैं कि जब भी जनगणना होती है तो उसके बाद संविधान के अनुच्छेद-82 के तहत एक परिसीमन अधिनियम लागू किया जाता है। जो स्वतंत्र रूप से काम करता है।