NEET Paper Leak: क्या यूपी में रुकेंगे पेपर लीक के मामले? सरकार का नया अध्यादेश जल्द होगा पारित

उत्तर प्रदेश में अब प्रश्न पत्र लीक करने और विभिन्न परीक्षाओं में अनियमितता के लिए जिम्मेदार लोगों पर आफत आने वाली है। अब राज्य मे पेपर लीक मामले में लिप्त पाये गये पेपर लीक माफिया को बक्शा नहीं जायेगा। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने इस मामले पर कड़ा रूख लेते हुए पेपर लीक के खिलाफ सजा प्रावधानों को लेकर एक अध्यादेश तैयार किया है।

यूपी में पेपर लीक के मामले में आजीवन कारावास की होगी सज़ा

दरअसल, उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने मंगलवार को नीट यूजी प्रश्नपत्र लीक और परीक्षाओं में अनधिकृत साधनों के इस्तेमाल और अनियमितता को रोकने के लिए अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने संवाददाताओं को बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में अध्यादेश को मंजूरी दी गई।

खन्ना ने कैबिनेट बैठक के बाद एक प्रेस वार्ता में कहा कि अध्यादेश के तहत प्रश्नपत्र लीक के लिए गिरफ्तार किए गए लोगों को दो साल से लेकर आजीवन कारावास तक की जेल की सजा होगी। उन्होंने कहा कि ऐसे अपराधियों पर एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जाएगा।

क्या है बिल?

इस अध्यादेश में परीक्षा पेपर लीक करने के मामले में अभियुक्त को दो साल से लेकर आजीवन कारावास और एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है। यह कदम राज्य पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा और समीक्षा अधिकारियों और सहायक समीक्षा अधिकारियों के लिए लोक सेवा आयोग की परीक्षा में प्रश्नपत्र लीक होने की हालिया घटनाओं के बाद उठाया गया है।

कहां कहां लागू होगा आध्यादेश?

मंत्री ने कहा कि अध्यादेश में राज्य लोक सेवा आयोग, अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड, उत्तर प्रदेश बोर्ड, विश्वविद्यालयों और उनके द्वारा नामित संस्थानों की परीक्षाएं शामिल हैं। उन्होंने कहा कि यह किसी भी तरह की भर्ती परीक्षाओं, नियमितीकरण या पदोन्नति परीक्षाओं, डिग्री-डिप्लोमा प्रमाणपत्रों या शैक्षिक प्रमाणपत्रों के लिए प्रवेश परीक्षाओं पर भी लागू होगा।

अध्यादेश क्यों लाया गया?

खन्ना ने बताया कि इस अध्यादेश के तहत फर्जी प्रश्न पत्र बांटना और फर्जी रोजगार वेबसाइट बनाना भी दंडनीय अपराध माना गया है। उन्होंने बताया कि परीक्षा प्रभावित होने की स्थिति में वित्तीय बोझ 'पेपर सॉल्विंग गैंग' और संस्थान से वसूला जायेगा। परीक्षा में गड़बड़ी करने वाले सेवा प्रदाताओं को स्थायी रूप से ब्लैक लिस्ट में डाला जायेगा। इतना ही नहीं बल्कि उनकी संपत्ति भी जब्त की जा सकती है।

अध्यादेश के तहत सभी अपराध संज्ञेय, गैर-जमानती हैं और इनकी सुनवाई सत्र न्यायालय में हो सकती है। उन्होंने बताया कि जमानत के संबंध में भी सख्त प्रावधान किए गए हैं। मंत्री ने यह भी बताया कि चूंकि इस समय विधानसभा का सत्र नहीं चल रहा है। इसलिए विधेयक के स्थान पर अध्यादेश लाने का प्रस्ताव किया गया है।

कैबिनेट द्वारा प्रस्ताव को मंजूरी दिए जाने के बाद अध्यादेश की प्रक्रिया पूरी कर इसे लागू किया जायेगा। उन्होंने बताया कि अध्यादेश को तत्काल आवश्यकता के मद्देनजर पेश किया जा रहा है और इसे संविधान के प्रावधानों के तहत लागू किया जायेगा। यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब देश में नीट-यूजी और यूजीसी-नेट परीक्षाओं में कथित अनियमितताओं का मुद्दा गरमाया हुआ है।

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English summary
The UP Cabinet has approved a new ordinance to curb paper leaks, with offenders now facing life imprisonment. Read more about the stringent measures being implemented
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