थल सेना, वायु सेना और जल सेना का नाम सुनते ही गर्व महसूस होता है। भारत की सुरक्षा में लगी इन सेनाओं के कार्यों की कभी तुलना ही नहीं की जा सकती है। देश दिन पर दिन आगे बढ़ रहा है। स्थिति और आवश्यकता के अनुसार चीजों में बदलाव किया जा रहा है। जहां एक समय था जब सेनाओं की भर्तीयों में महिलाओं की हिस्सेदारी थी तो लेकिन कम, वहीं आज अधिक से अधिक महिलाएं सेना में न केवल भर्ती हो रही है बल्कि हर रोज नई उंचाईयों को छूं रही है। ठीक उसी तरह विदेश में हुए युद्धाभ्यास में पहली बार किसी महिला अधिकारी ने भाग लिया है। बात हो रही है आईएएफ - इंडियन एयर फोर्स की एक पायलट की जिनका नाम अवनी चतुर्वेदी है। आइए आपको खबर की पूरी जानकारी दें।
अवनी चतुर्वेदी इंडियन एयर फोर्स की पहली महिला लड़ाकू पायलट हैं, जिन्होंने विदेश के युद्धाभ्यास में हिस्सा लेकर इतिहास रचा। Su-30MKI पायलट अवनी ने 12 जनवरी से 26 जनवरी के दौरान हायाकुरी जापानी एयरबेस में हुए जापान एयर सेल्फ डिफेंस फोरेस के साथ हुई सैन्य युद्धाभ्यास में हिस्सा लिया था। ये 16 दिवसीय मेगा एयर कॉम्बैट अभ्यास था जिसमें उन्होंने हिस्सा लिया था।
मीडिया से हुई बातचीत में वह कहती हैं कि "उड़ान अभ्यास में भाग लेने का हमेशा एक अच्छा अनुभव होता है, विशेष रूप से एक विदेशी वायु सेना के साथ। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि यह पहली बार था जब मैने अंतरराष्ट्रीय अभ्यास में हिस्सा लिया था। यह मेरे लिए एक बड़ा अवसर था और सीखने का एक अद्भुत अनुभव भी।" आपको बता दें कि भारत और जपान की सेना के बीच हुए युद्धाभ्यास का नाम वीर गार्जियन 2023 था। साथ ही साथ ये वायु रक्षा मिशन पर ध्यान देने वाला जापान से साथ का पहला युद्ध खेल भी था।
लड़ाकू विमान पायलट अवनी चतुर्वेदी
लड़ाकू विमान की पायलट अवनी चतर्वेदी का जन्म 27 अक्टूबर 1993 में सतना, मध्य प्रदेश में हुआ था। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा मध्य प्रदेश के शाहडोल जिले के एक स्कूल प्राप्त की थी। अवनी को शतरंज, टेबल टेनिस, सेक्चिंग और पेंटिंग करने का शौक भी है। उन्होंने अपनी उच्च शिक्षा के लिए उन्होंने राजस्थान की ओर रूख किया और वहां उन्होंने वनस्थली विश्वविद्यालय, राजस्थान से बीटेक इन कंप्यूटर साइंस की डिग्री प्राप्त की। उनके भाई जो कि भारतीय सेना में अधिकारि है, ने अवनी को आईएएफ को ज्वाइन करने की सलाह दी। वहां से उन्होंने फ्लाइंग क्लब में हिस्सा लिया और अपने सपने की ओर आगे बढ़ने की शुरुआत की। वर्ष 2016 में वह उन तीन महिला लड़ाकू पायलट में से एक बनी जो भारतीय वायु सेना में शामिल हुईं।
अपने आईएएफ के सफर के दौरान वह पहली महिला बनी जिन्होंने वर्ष 2018 में अकेले मिग-21 बाइसन उड़ाया था। उनकी इस उड़ान की शुरुआथ आईएएफ के जामनगर बेस से हुई थी। वर्तमान समय की बात करें तो आईएएफ में 20 महिला लड़ाकू पायलट है। साथ ही आपको बता दें कि वायु सेना में बढ़ती महिलाओं की रूची और शक्ति को ध्यान में रखते हुए रक्षा मंत्रालय द्वारा महिला लड़ाकू पायलटों को शामिल करने के लिए प्रायोगिक योजना को स्थायी रूप से बदलने का फैसला लिया गया था।
युवा पीढ़ी के लिए लड़ाकू पायलट अवनी ने दिया संदेश
जब उनसे लड़ाकू पायलट बनने के सफर के बारे में पूछा गया तो अपने अनुभव के बारे में बात करते हुए अवनी चतुर्वेदी ने देश की युवा पीढ़ी को संदेश देते हुए कहा कि "मैं सभी युवा, महत्वाकांक्षी लड़कियों और लड़कों को बताना चाहता हूं कि आकाश आपके लिए एक सीमा है। भारतीय वायुसेना एक शानदार करियर विकल्प है और लड़ाकू विमान उड़ाना वास्तव में रोमांचक है।"
आगे इसी विषय पर बात करते हुए अवनी कहती है कि "मैं वायुसेना के सभी उम्मीदवारों से कहना चाहूंगी कि आपको लक्ष्य पर नजर रखनी चाहिए और दृढ़ संकल्प के साथ उस पर चलना चाहिए।"