दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने 7 अप्रैल 2023 शुक्रवार को अधिकारियों को निजी स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने का दिया निर्देश, यह कार्रवाई विशेषतौर पर उनके खिलाफ की जाएगी जो कि कथित तौर पर छात्रों के माता-पिता को विशिष्ट विक्रेताओं से महंगी किताबें और यूनिफॉर्म खरीदने के लिए मजबूर करते हैं। शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि निजी स्कूलों द्वारा किताबों और यूनिफॉर्म पर शिक्षा विभाग के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और ऐसे स्कूलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि निजी स्कूलों को या तो माता-पिता को विशिष्ट विक्रेताओं से किताबें और यूनिफॉर्म खरीदने के लिए मजबूर करना बंद करना चाहिए अन्यथा उन्हें इसके गंभीर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए।
बता दें कि शिक्षा विभाग ने 17 मार्च को स्कूलों को किताबों और स्कूल यूनिफॉर्म की बिक्री के दिशा-निर्देशों का पालन करने के निर्देश जारी किए थे। जिसमें कहा गया था कि किसी भी शिकायत के मामले में कारण बताते हुए तत्काल नोटिस जारी किया जाना चाहिए। और उल्लंघन के मामले में, दिल्ली स्कूल शिक्षा अधिनियम 1973 के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी।
17 मार्च को दिशा- निर्देश जारी की जाने के बाद अब शिक्षा मंत्री का कहना है " बहुत से निजी स्कूल छात्रों के माता-पिता को विशिष्ट विक्रेताओं से महंगी किताबें और स्कूल यूनिफॉर्म खरीदने के लिए मजबूर कर रहे हैं, जिसकी लगातार शिकायतें मिल रही हैं। हाल ही में, कुछ अभिभावकों ने मुझसे मुलाकात भी की और यह बात मेरे संज्ञान में लाई। उन स्कूलों की पहचान की जानी चाहिए और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।"
आतिशी ने कहा कि प्रत्येक माता-पिता को आगामी शैक्षणिक सत्र के लिए पुस्तकों और यूनिफॉर्म के बारे में उचित जानकारी प्राप्त करने का अधिकार है और वे अपनी सुविधा के अनुसार उनकी व्यवस्था कर सकते हैं। उन्होंने कहा, "शिक्षा का उद्देश्य देश का भविष्य बनाना होना चाहिए, पैसा कमाना नहीं।"
शिक्षा विभाग के दिशा-निर्देशों के अनुसार, निजी स्कूलों को अभिभावकों की जानकारी के लिए नया शैक्षणिक सत्र शुरू होने से पहले कक्षावार किताबों और अन्य अध्ययन सामग्री की सूची अपनी वेबसाइट पर प्रदर्शित करनी होगी। इसके अतिरिक्त, स्कूलों को अपनी वेबसाइट पर पास की कम से कम पांच दुकानों के पते और फोन नंबर भी प्रदर्शित करने चाहिए, जहां माता-पिता किताबें और स्कूल यूनिफॉर्म खरीद सकें।
छात्रों के माता-पिता को अपनी सुविधा के अनुसार इन किताबें और स्कूल यूनिफॉर्म किसी भी दुकान से खरीदने की स्वतंत्रता है और दिशानिर्देशों के अनुसार स्कूल उन्हें किसी विशेष विक्रेता से खरीदने के लिए बाध्य नहीं कर सकता है। इसके अलावा, दिल्ली का कोई भी निजी स्कूल कम से कम तीन साल तक स्कूल यूनिफॉर्म के रंग, डिजाइन या अन्य विशिष्टताओं को नहीं बदल सकता है।