Ek Bharat Shreshtha Bharat (EBSB) programme: राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 में वर्णित विषय वस्तु और श्री अरबिंदो की 150वीं जयंती के तहत चल रहे समारोह से प्रेरित होकर शिक्षा मंत्रालय एक भारत श्रेष्ठ भारत (ईबीएसबी) के तहत ओरोविल में एक सप्ताह के शैक्षिक-सह-सांस्कृतिक भ्रमण का आयोजन कर रहा है।
इस पहल के तहत 29 जनवरी से 2 फरवरी 2024 तक 8 उच्च शिक्षा संस्थानों (एचईआई) के 94 छात्र ईबीएसबी-ओरोविल एक्सपोजर टूर (अनुभव प्राप्त करने वाली यात्रा) में भाग लेंगे। इस भ्रमण का महत्व युवाओं को श्री अरबिंदो के समग्र शिक्षा के अद्वितीय दर्शन और वैश्विक महत्व की एक प्रायोगिक नगरी ओरोविल में इसके कार्यान्वयन से परिचित कराने पर होगा। ओरोविल फाउंडेशन शिक्षा मंत्रालय का एक स्वायत्त संगठन है जो भागीदार एचईआई के सहयोग से पर्यटन का आयोजन कर रहा है।
8 संस्थानों से 94 छात्र जायेंगे दौरे पर
इस दौरे में निम्नलिखित संस्थानों के 94 छात्र भाग लेंगे। इन्हें ओरोविल और श्री अरबिंदो से जुड़े स्थानों से विस्तृत और गहन अनुभव देने का प्रयास किया जायेगा। इन संस्थानों में राजीव गांधी विश्वविद्यालय, अरुणाचल प्रदेश के 15 छात्र, आईआईआईटी सोनीपत के 18 छात्र, सिक्किम विश्वविद्यालय, गंगटोक के 15 छात्र, आईआईटी मंडी के 16 छात्र, मालवीय राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान जयपुर के 7 छात्र, महिलाओं के लिए गृह विज्ञान और उच्च शिक्षा के लिए अविनाशिलिंगम संस्थान के 6 छात्र, पांडिचेरी विश्वविद्यालय के 17 छात्र शामिल हैं।
1968 में स्थापित ओरोविल की कल्पना एक ऐसे सार्वभौमिक शहर के रूप में की गई है जहां सभी देशों के पुरुष व महिलाएं सभी तरह के धर्म, राजनीति और राष्ट्रीयता से ऊपर उठकर शांति और सद्भाव बढ़ाने वाले वातावरण में रह सकते हैं।
ओरोविल अपने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय, सामुदायिक जीवन के लिए सहयोगात्मक दृष्टिकोण और मानव एकता के प्रति प्रतिबद्धता के साथ एक भारत श्रेष्ठ भारत कार्यक्रम के लक्ष्यों के साथ सहजता से श्रेणीबद्ध है। यहां संस्कृतियों और भाषाओं की विविधता के बीच एकता का उत्सव मनाया जाता है। ओरोविल में विविध समुदाय के लोग रहते हैं।
इनमें विभिन्न राष्ट्र और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि के व्यक्ति शामिल हैं, जो प्रतिभागियों को अंतर-सांस्कृतिक पारस्परिक विचार-विमर्श में शामिल होने, श्री अरबिंदो के समग्र शिक्षा के अद्वितीय दर्शन के व्यावहारिक कार्यान्वयन को देखने और भारतीय ज्ञान पद्धति में निहित आध्यात्मिकता से अवगत होने का बेहतरीन अवसर प्रदान करता है।
कार्यक्रम में क्या है शामिल?
पांच दिनों तक चलने वाले इस दौरे को सहभागी और गहन शिक्षण का अनुभव देने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। इसके तहत विश्व स्तरीय टिकाऊ उत्पाद बनाने वाली ओरोविल इकाइयों का दौरा, साधना वन, एक स्वयंसेवी-आधारित संगठन जो शुष्क (बंजर) क्षेत्रों में पुनर्वनीकरण और खाद्य सुरक्षा पर केंद्रित है, बॉटेनिकल गार्डन (सुरक्षा और बचाव की दिशा में एक ठोस प्रयास), ओरोविल में कला और संस्कृति केंद्र का भ्रमण कराया जायेगा।
छात्रों को टाउनशिप के विविध पहलुओं जैसे वास्तुकला, योजना, शिक्षा, अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली आदि का निरीक्षण कराया जाएगा। मातृमंदिर (ओरोविल का आध्यात्मिक केंद्र) और पांडिचेरी श्री अरबिंदो आश्रम का भ्रमण कराया जायेगा। यहां छात्र समाधि, स्कूल, खेल का मैदान देखेंगे साथ ही ध्यान और रात्रिभोज में भाग लेंगे। देहशक्ति (मां द्वारा सिखाई गई शारीरिक शिक्षा) में भाग लेना इस टूर का मुख्य आकर्षण होगा।
राष्ट्र निर्माण में योगदान देने में समग्र शिक्षा, आध्यात्मिकता और मूल्यों के महत्व के बारे में छात्रों के बीच गहरी समझ और मूल्यांकन करने की क्षमता विकसित करने के लिए गतिविधियों और अनुभवों की विस्तृत श्रृंखला तैयार की गई है।