Shinzo Abe News In Hindi Timeline Of Shinzo Abe Career जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे का 67 की उम्र में निधन हो गया। सरकारी प्रसारणकर्ता एनएचके के अनुसार, शिंजो आबे का एक चुनावी कार्यक्रम के दौरान को गोली मार दी गई, जसीके बाद अस्पताल में उनका 8 जुलाई 2022 शुक्रवार को निधन हो गया। पश्चिमी जापान के नारा में भाषण शुरू करने के कुछ मिनटों बाद आबे को गोली मार दी गयी थी। शिंजो आबे को विमान से अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। शिंजो आबे के निधन के बाद भारत समेत की देशों में शोक की लहर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि मेरे प्रिय मित्र शिंजो आबे पर हुए हमले से बहुत दुखी हूं। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और जापान के लोगों के साथ है। मैं अपने सबसे प्यारे दोस्तों में से एक शिंजो आबे के निधन पर स्तब्ध और दुखी हूं।
पीएम मोदी ने कहा कि वह एक महान वैश्विक राजनेता थे। उन्होंने जापान को एक बेहतर जगह बनाने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। अबे के साथ मेरा जुड़ाव कई साल पुराना है। मैं गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान से उन्हें जानता था और मेरे पीएम बनने के बाद भी हमारी दोस्ती जारी रही। अर्थव्यवस्था और वैश्विक मामलों पर उनकी सोच ने हमेशा मुझ पर गहरी छाप छोड़ी। मेरी हाल की जापान यात्रा के दौरान, मुझे आबे से दोबारा मिलने और कई मुद्दों पर चर्चा करने का अवसर मिला। मुझे क्या पता था कि यह हमारी आखिरी मुलाकात होगी। उनके परिवार और जापानी लोगों के प्रति मेरी संवेदना है। आबे ने भारत-जापान संबंधों को एक विशेष सामरिक और वैश्विक साझेदारी के स्तर तक बढ़ाने में बहुत बड़ा योगदान दिया। आज पूरा भारत जापान के साथ शोक में है और हम इस कठिन घड़ी में अपने जापानी भाइयों और बहनों के साथ खड़े हैं। पूर्व प्रधानमंत्री अबे शिंजो के प्रति हमारे गहरे सम्मान के प्रतीक के रूप में 9 जुलाई 2022 को एक दिन का राष्ट्रीय शोक मनाया जाएगा।
शिंजो आबे का निधन समाचार
सार्वजनिक प्रसारक एनएचके और जीजी समाचार एजेंसी ने बताया कि शुक्रवार को एक कार्यक्रम में जापान के पूर्व प्रधान मंत्री शिंजो आबे की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। एलडीपी (लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी) के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, पूर्व प्रधानमंत्री आबे का नारा क्षेत्र के काशीहारा शहर के एक अस्पताल में निधन हो गया। वह 67 वर्ष के थे। टर्नर मेडिकल यूनिवर्सिटी के अस्पताल अधिकारियों ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री का साढ़े चार घंटे से अधिक समय तक इलाज चला, लेकिन डॉक्टर उनकी जान नहीं बचा सके। जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की हत्या के प्रयास के आरोप में हमले के बाद 41 वर्षीय तेत्सुया यामागामी को गिरफ्तार किया गया। एक प्रमुख राजनीतिक परिवार में जन्मे शिंजो आबे के सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहे थे। आइए जानते हैं उनके करियर से जुड़ी कुछ बातें।
शिंजो आबे के जीवन और करियर की कुछ खास बातें
21 सितंबर 1954 में अबे का जन्म टोक्यो में हुआ है। उनके पिता का नाम शिंटारो आबे था। उन्होंने जापान के विदेश मंत्री के रूप में सेवा की। वह पूर्व प्रधानमंत्री नोबुसुके किशी के पोते थे।
1977 में टोक्यो में सेइकी विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में डिग्री के साथ ग्रेजुएशन के बाद वह तीन सेमेस्टर के लिए दक्षिणी कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय चले गए।
1979 में कोबे स्टील में काम करना शुरू किया क्योंकि फर्म विदेशों में अपनी उपस्थिति बढ़ा रही थी।
1982 में विदेश मंत्रालय और सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के साथ नए पदों पर काम करने के लिए कंपनी छोड़ दी।
1993 में यामागुची के दक्षिण-पश्चिमी प्रान्त का प्रतिनिधित्व करने वाले एलडीपी विधायक के रूप में पहली बार चुने गए।
2005 में आबे को प्रधानमंत्री जुनिचिरो कोइज़ुमी के तहत मुख्य कैबिनेट सचिव नियुक्त किया गया, जिसके दौरान उन्होंने उत्तर कोरिया में किडनेप हुए जापानी नागरिकों को वापस करने के लिए बातचीत का नेतृत्व किया।
26 सितंबर 2006 को आबे पहली बार जापान के प्रधानमंत्री बने और उत्तर कोरिया पर सख्त रुख अपनाते हुए और दक्षिण कोरिया और चीन के साथ आर्थिक सुधारों पर बातचीत की।
2007 में चुनावी हार के बाद एलडीपी ने 52 वर्षों में पहली बार विधायिका का नियंत्रण खो दिया और आबे ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए प्रधान मंत्री के रूप में इस्तीफा दे दिया।
2012 में एलडीपी के फिर से अध्यक्ष चुने जाने के बाद अबे दूसरी बार प्रधानमंत्री बने।
2013 में विकास को बढ़ावा देने के लिए अबे ने आसान उधार और संरचनात्मक सुधारों की विशेषता वाली अपनी "एबेनॉमिक्स" नीतियां शुरू कीं। चीन के साथ जापान के खराब संबंध को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
2014-2020 तक एलडीपी नेता फिर से चुने गए और कुल चार बार प्रधानमंत्री रहे। उन्होंने अपने दौरान तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ घनिष्ठ संबंध विकसित किए और एक साथ शिखर सम्मेलन और गोल्फिंग की।
28 अगस्त, 2020 में अल्सरेटिव कोलाइटिस के फिर से भड़कने के बाद, उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए फिर से प्रधानमंत्री पद छोड़ने की घोषणा की।
2021 में कार्यालय छोड़ने के बावजूद, आबे ने दिखाया कि वह अभी भी ताइवान पर टिप्पणियों के साथ बीजिंग को परेशान कर सकते हैं।
8 जुलाई 2022 में नारा शहर में एक अभियान कार्यक्रम के दौरान एक बंदूकधारी (41 वर्षीय तेत्सुया यामागामी) ने अबे को गोली मार कर हत्या कर दी।