किसी प्रसिद्ध लेखक ने कहा है कि "यदि किसी समाज के विकास का अनुमान लगाना है, तो उस समाज में महिलाओं की भागीदारी को देखना आवश्यक है।" आज महिलाओं ने अपनी काबिलियत का लोहा लगभग हर क्षेत्र में मनवाया है। कई क्षेत्र ऐसे भी हैं जहां महिलाओं को प्रवेश के लिए कई प्रकार की बाधाओं का सामना करना पड़ता है। लेकिन,अब समय बदल रहा है। समाचार एजेंसी से मिली जानकारी के अनुसार, एक नए पहल के तहत भारतीय वायुसेना ने ग्रुप कैप्टन शैलजा धामी को फ्रंटलाइन कॉम्बैट यूनिट की जिम्मेदारी सौंपी गई है। पश्चिमी क्षेत्र में फ्रंटलाइन कॉम्बैट यूनिट भारत-पाकिस्तान सीमा क्षेत्र में आता है। आपको बता दें कि शैलजा, भारतीय वायुसेना में कॉम्बैट यूनिट की जिम्मेदारी संभालने वाली पहली महिला होंगी। शैलजा पंजाब की लुधियाना की रहने वाली हैं।
कौन हैं कैप्टन धामी?
आगामी 27 मार्च को धामी पंजाब में सर्फेस टू एयर पिकोरा मिसाइल स्क्वाड्रन की बागडोर संभालेंगी। अतिरिक्त जानकारी के अनुसार, ग्रूप कैप्टन शैलजा धामी को करीब 2,800 घंटे से अधिक उड़ान का शानदार अनुभव है और वे भारतीय वायुसेना की एक योग्य हेलीकॉप्टर पायलट हैं। वर्ष 2003 में कमीशन किए जाने के बाद धामी ने पश्चिमी क्षेत्र में एक हेलीकॉप्टर यूनिट के फ्लाइट कमांडर के रूप में जिम्मेदारी संभाली है। एक कुशल फ्लाइंग प्रशिक्षक के रूप में ग्रूप कैप्टन शैलजा धामी का रिकॉर्ड प्रशंसनीय रहा है। धामी अब भारत के सबसे संवेदनशील सीमा क्षेत्रों में से एक में मिसाइल तैयारी और कमान नियंत्रण की निगरानी करेंगी।
वर्तमान में, एयर कमांडर शैलजा धामी, दो बार कमांडिंग-इन-चीफ द्वारा सराहना प्राप्त करने के बाद फ्रंटलाइन कमांड मुख्यालय की संचालन शाखा में तैनात हैं। आपको बता दें कि भारतीय वायुसेना में, एक ग्रुप कैप्टन सेना में एक कर्नल के समान पद का होता है।
सेना में महिलाओं की भागीदारी
प्राप्त जानकारी के अनुसार, भारतीय वायुसेना में मिग-21, मिग-29, सुखोई-30एमकेआई और नए राफेल जैसी लड़ाकू विमान उड़ाने वाली महिला अधिकारियों की संख्या तकरीबन 18 हैं। वहीं नौसेना ने लगभग 30 महिला अधिकारियों को सीमावर्ती युद्धपोतों पर तैनात किया है। भारतीय वायुसेना, सेना और नौसेना में कुल मिला कर लगभग 145 से अधिक महिला हेलीकॉप्टर, परिवहन और विमान पायलट हैं।
हालांकि 1990 के दशक की शुरुआत से सेना में महिला अधिकारियों को अधिक मजबूत सशस्त्र बलों में शामिल किया गया है। लगभग 65,000-सशक्त अधिकारी कैडर में महिलाओं की संख्या 3,900 है। यह संख्या भारतीय सेना में लगभग 1710, भारतीय वायुसेना में करीब 1,650 और नौसेना में लगभग 600 है। सैन्य चिकित्सा क्षेत्र में अलग से लगभग 1,670 महिला डॉक्टर, 190 दंत चिकित्सक और 4,750 नर्स हैं। मीडिया से मिली सूचना के अनुसार, आने वाले दिनों में लगभग 108 महिला अधिकारियों को भारतीय सेना में कर्नल के पद पर पदोन्नत किया जाएगा।
महिलाओं की मौजूदा स्थिति
इस वर्ष महिला दिवस के लिए संयुक्त राष्ट्र की थीम "डिजिटऑल: लैंगिक समानता के लिए नवाचार और प्रौद्योगिकी" रखी गई। इसका मकसद लैंगिक अंतर को कम करना है। मालूम हो कि दुनिया के लैंगिक डिजिटल भाग का आधा हिस्सा भारत में है। आंकड़ें बताते हैं कि इसके इंटरनेट यूजर्स में केवल एक तिहाई महिलाएं हैं।
- भारतीय महिलाओं के पास मोबाइल फोन होने की संभावना 15 प्रतिशत कम है, और पुरुषों की तुलना में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं का उपयोग करने की संभावना लगभग 33 प्रतिशत कम है।
- वर्ष 2022 में ग्लोबल जेंडर गैप (Global Gender Gap) इंडेक्स में भारत 146 देशों में से 135वें स्थान पर था।
- एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार, महिलाओं के खिलाफ अपराध की दर 2020 में 56.5 प्रतिशत से बढ़कर 2021 में 64.5 प्रतिशत हो गई।
- संसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 15 प्रतिशत से भी कम है।