सोमवार को लोकसभा के सत्र में केंद्रीय विद्यालयों में प्रिंसिपल और शिक्षकों के 12,000 से अधिक पद की रिक्तियों को लेकर चर्चा की गई। रिक्तियों की बात किए जाने पर नवोदय विद्यालय पीछे नहीं है। यहां भी करीब 3000 शिक्षकों के पद खाली हैं। दरअसल पिछले कई सालों से केंद्रीय विद्यालय (केवी) स्थायी शिक्षकों की भर्ती से अधिक कॉन्ट्रैक्चुअल बेसिस पर शिक्षकों की भर्ती कर रहा है। जिसकी समय अवधि केवल एक वर्ष की होती है।
सरकार द्वारा प्राप्त आंकड़ों के अनुसार जानकारी दें तो, केवी में कुल 9,161 शिक्षक है जो कांट्रेक्चुअल बेसिस पर नौकरी कर रहे हैं। केवी में शिक्षक और प्रधानाचार्य की रिक्तियों पर सीएम रमेश द्वारा पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी बताया कि पूरे भारत में स्थित केवी में शिक्षक और प्रधानाध्यापकों को मिलाकर 12,099 पद खाली हैं। जिसको लेकर सीधी भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई थी। जिसका विज्ञापन दिसंबर 2023 में जारी किया गया था। रिक्तियों की भर्ती को लेकर आगे क्या कहा शिक्षा राज्य मंत्री ने लेख में नीचे देंखे।
केंद्रीय विद्यालय में 12,099 रिक्तियों की विस्तृत जानकारी
पद रिक्तियों की संख्या
प्राचार्य 239
उप प्राचार्य 203
स्नातकोत्तर शिक्षक (पीजीटी) 1,409
प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (टीजीटी) 3,176
लाइब्रेरियन 355
प्राथमिक शिक्षक 6,414
प्राथमिक शिक्षक (संगीत) 303
कुल 12,099
श्रेणी के आधार पर रिक्तियां
अनारक्षित श्रेणी - 6150
ओबीसी - 3254
एससी - 1802
एसटी - 893
केवी की रिक्तियों पर राज्य शिक्षा मंत्री ने क्या कहा
सीएम रमेश द्वारा केवी पर पूछे गए सवाल का उत्तर देते हुए शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने आंकड़ों के माध्यम से बताया की 2018-19 में केवी द्वारा कांट्रेक्चुअल बेसिस पर नियुक्त करने वाले शिक्षकों की संख्या 9,539 थी और आगे के वर्ष (2019) में ये संख्या 8,912 हुई। 2019 में चलाए भर्ती अभियान के बाद 2020-21 में कांट्रेक्चुअल बेसिस पर शिक्षकों की संख्या घटकर 3,260 हो गई थी, लेकिन कोरोना महामारी के दौरान ये संख्या फिर बढ़ी और 2021-22 में केवी के कांट्रेक्चुअल बेसिस शिक्षकों में भारी वृद्धि देखने को मिली। जहां ये संख्या 8,105 तक चली गई। वर्ष 2022-23 में संख्या में फिर वृद्धि हुई और संख्या बढ़कर 10,462 हो गई। जिसको ध्यान में रखते हुए सरकार ने केवी के 12,000 से अधिक शिक्षण पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन दिया था।
भर्ती पर आगे बात करते हुए मंत्री कहती हैं कि "अध्यापन-शिक्षण प्रक्रिया में बाधा नहीं है, यह सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय विद्यालय संगठन (KVS) द्वारा अस्थायी अवधि के लिए शिक्षकों को अनुबंध के आधार पर नियुक्त किया जाता है।" इस पर आगे बात करते हुए उन्होंने कहा कि "अनुबंध/तदर्थ शिक्षकों (कांट्रेक्चुअल बेसिस शिक्षक) को स्थायी करने का कोई प्रावधान नहीं है क्योंकि शिक्षकों की भर्ती विज्ञापन, लिखित परीक्षा और साक्षात्कार की एक पारदर्शी भागीदारी प्रक्रिया के माध्यम से की जाती है।"
शिक्षकों की रिक्तियों में बढ़ोतरी होने पर मंत्री ने कहा कि रिक्तियां सेवानिवृत्ति, इस्तीफे, प्रमोशन और अन्य अतिरिक्त आवश्यकताओं के कारण नई धाराओं के उन्नयन और छात्रों को संख्या में हो रही वृद्धि के कारण होती है। इन रिक्तियों को भरना एक सतत प्रक्रिया है। जिसे संस्थान के प्रासंगिक भर्ती नियमों के आधार पर ही भरा जाता है।
नवोदय विद्यालयों में शिक्षण पदों की रिक्तियों
सरकारी आंकड़ों के अनुसार 3,156 शिक्षण पद खाली हैं। जिसमें सबसे अधिक पद झारखंड राज्य और अरुणाचल प्रदेश में खाली हैं। दोनों राज्यों में खाली पदों की संख्या क्रमशः 230 और 215 है। ये आंकड़े 2021 के हैं।